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बाल विवाह को लेकर जागरुकता अभियान, जस्टिस एसके मित्तल ने कहा- सुधार की जरुरत

बाल विवाह को लेकर भले ही कानून बनाया जा चुका हो लेकिन देश के सुदूर क्षेत्रों में अभी भी बाल विवाह जारी है. ऐसे में देश की राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के एक स्कूल में ऐसे ही कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

Awareness campaign on child marriage, Justice SK Mittal said - Improvement is needed
बाल विवाह को लेकर जागरुकता अभियान
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Published : Dec 14, 2019, 1:03 PM IST

नई दिल्ली/नूंह: देश के अलग-अलग हिस्सों में बाल विवाह की कुप्रथा अभी भी जारी है. ऐसे में बाल विवाह और बच्चियों की शिक्षा को लेकर अलग-अलग जगहों पर जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं. एक ऐसा ही कार्यक्रम दिल्ली से सटे हरियाणा राज्य में चलाया गया है. जहां नूंह जिले के राजकीय कन्या महाविद्यालय सालाहेड़ी में आयोजित कार्यक्रम में मानव अधिकार हरियाणा के चेयरमैन जस्टिस एस के मित्तल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने लोगों को बाल विवाह जैसी कुरीति पर लोगों को जागरूक किया.

बाल विवाह को लेकर जागरुकता अभियान

500 साल पुरानी कुरीति है बाल विवाह: जस्टिस मित्तल
जस्टिस एस के मित्तल ने कहा कि बाल विवाह की कुरीति करीब 500 साल पुरानी है. हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद और नूंह में सबसे ज्यादा बाल विवाह के मामले सामने आते हैं. उन्होंने कहा कि सिरसा जिला हरियाणा में बाल विवाह की कुरीति के लिए पहले नंबर पर आता है क्योंकि इस जिले की सीमा पड़ोसी राज्य राजस्थान के साथ सटी हुई है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में यह सामाजिक कुरीति लंबे समय से चली आ रही है.

अधिकतर लोग नहीं उठा पाते मानव अधिकार का लाभ: जस्टिस मित्तल
जस्टिस एसके मित्तल ने बताया कि उनके पास नूंह पुलिस से संबंधित बहुत ही शिकायतें आती हैं, लेकिन कुछ शिकायतों में सच्चाई होती है तो कुछ शिकायतें झूठी भी पाई जाती हैं. लिहाजा दोनों तरह के मामलों में मानव अधिकार से जुड़ा हुआ मामला है. उन्होंने कहा कि सरकार की बहुत सारी स्कीम चल रही है. जिसका आम आदमी को लाभ उठाना चाहिए. जागरुकता फैलाने में एमएलए, सरपंच, पंचायत प्रतिनिधि और एनजीओ की भुमिका अदा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा में जहां भी सुधार की जरूरत है उसमें सुधार करना चाहिए.

'लोगों को बेहतर सेवाएं देने के लिए राज्य सरकार है प्रयासरत'
जस्टिस मित्तल ने कहा कि हरियाणा में जहां भी सुधार की जरूरत है उसमें सुधार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों के मुकाबले नूंह में शिक्षा के क्षेत्र में कम काम हुआ है, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल लगातार प्रयासरत हैं कि सूबे के लोगों को बेहतर से बेहतर सरकारी सेवाएं दी जाएं.

नई दिल्ली/नूंह: देश के अलग-अलग हिस्सों में बाल विवाह की कुप्रथा अभी भी जारी है. ऐसे में बाल विवाह और बच्चियों की शिक्षा को लेकर अलग-अलग जगहों पर जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं. एक ऐसा ही कार्यक्रम दिल्ली से सटे हरियाणा राज्य में चलाया गया है. जहां नूंह जिले के राजकीय कन्या महाविद्यालय सालाहेड़ी में आयोजित कार्यक्रम में मानव अधिकार हरियाणा के चेयरमैन जस्टिस एस के मित्तल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने लोगों को बाल विवाह जैसी कुरीति पर लोगों को जागरूक किया.

बाल विवाह को लेकर जागरुकता अभियान

500 साल पुरानी कुरीति है बाल विवाह: जस्टिस मित्तल
जस्टिस एस के मित्तल ने कहा कि बाल विवाह की कुरीति करीब 500 साल पुरानी है. हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद और नूंह में सबसे ज्यादा बाल विवाह के मामले सामने आते हैं. उन्होंने कहा कि सिरसा जिला हरियाणा में बाल विवाह की कुरीति के लिए पहले नंबर पर आता है क्योंकि इस जिले की सीमा पड़ोसी राज्य राजस्थान के साथ सटी हुई है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में यह सामाजिक कुरीति लंबे समय से चली आ रही है.

अधिकतर लोग नहीं उठा पाते मानव अधिकार का लाभ: जस्टिस मित्तल
जस्टिस एसके मित्तल ने बताया कि उनके पास नूंह पुलिस से संबंधित बहुत ही शिकायतें आती हैं, लेकिन कुछ शिकायतों में सच्चाई होती है तो कुछ शिकायतें झूठी भी पाई जाती हैं. लिहाजा दोनों तरह के मामलों में मानव अधिकार से जुड़ा हुआ मामला है. उन्होंने कहा कि सरकार की बहुत सारी स्कीम चल रही है. जिसका आम आदमी को लाभ उठाना चाहिए. जागरुकता फैलाने में एमएलए, सरपंच, पंचायत प्रतिनिधि और एनजीओ की भुमिका अदा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा में जहां भी सुधार की जरूरत है उसमें सुधार करना चाहिए.

'लोगों को बेहतर सेवाएं देने के लिए राज्य सरकार है प्रयासरत'
जस्टिस मित्तल ने कहा कि हरियाणा में जहां भी सुधार की जरूरत है उसमें सुधार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों के मुकाबले नूंह में शिक्षा के क्षेत्र में कम काम हुआ है, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल लगातार प्रयासरत हैं कि सूबे के लोगों को बेहतर से बेहतर सरकारी सेवाएं दी जाएं.

Intro:संवाददाता नूह मेवातस्टोरी :- मानव अधिकार आयोग हरियाणा चैयरमेन पहुंचे नूहहरियाणा के सिरसा , फतेहाबाद , नूह जिलों में बाल विवाह एवं बच्चियों की शिक्षा को लेकर कार्यक्रम का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया गया । राजकीय कन्या महाविद्यालय सालाहेड़ी नूह में मानव अधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस सतीश कुमार मित्तल ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया । पत्रकारों से बातचीत के दौरान जस्टिस एस के मित्तल मानव अधिकार हरियाणा चेयरमैन ने कहा कि बाल विवाह की कुरीति करीब 500 साल पुरानी है ।हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद , नूह जिलों में सबसे ज्यादा बाल विवाह के मामले सामने आते हैं । उन्होंने कहा कि सिरसा जिला हरियाणा में बाल विवाह की कुरीति के लिए पहले नंबर पर आता है । क्योंकि इस जिले की सीमा पड़ोसी राज्य राजस्थान के साथ सटी हुई है । उन्होंने कहा कि राजस्थान में यह सामाजिक कुरीति लंबे समय से चली आ रही है । जस्टिस एस के मित्तल ने कहा कि बाल विवाह के साथ - साथ बच्चियों की तालीम को लेकर समाज को जागरूक करने की जरूरत है । जिसके तहत यह कार्यक्रम किया गया है । नूह जिले से इसकी शुरुआत की गई है । समय - समय पर नूह में ही नहीं हरियाणा के दूसरे जिलों में भी बाल विवाह तथा बच्चियों की शिक्षा को लेकर कार्यक्रम आयोजित कराए जाते रहेंगे । जस्टिस एस के मित्तल चेयरमैन मानव अधिकार आयोग ने कहा कि उनके पास में नूह पुलिस से संबंधित बहुत ही शिकायतें जाती हैं , लेकिन कुछ शिकायतों में सच्चाई होती है तो कुछ शिकायतें उनके पास झूठी भी जाती हैं । लिहाजा दोनों तरह के मामलों में मानव अधिकार से जुड़ा हुआ मामला है। उन्होंने कहा कि सरकार की बहुत सारी स्कीम चल रही हैं , जिनका आम आदमी को लाभ उठाना चाहिए । लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से लोग इन स्कीमों का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं । चेयरमैन ने कहा कि इसके लिए जागरूकता होना बहुत जरूरी है और जागरूकता फैलाने में एमएलए , सरपंच , पंचायत प्रतिनिधि , आंगनवाड़ी वर्कर , आशा वर्कर  , एनजीओ इत्यादि अहम भूमिका अदा कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि हरियाणा में जहां भी सुधार की जरूरत है , उसमें सुधार करना चाहिए । उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों के मुकाबले में शिक्षा के क्षेत्र में कम काम हो सकता है , लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल लगातार प्रयासरत हैं कि सूबे के लोगों को बेहतर से बेहतर सरकार की सेवाएं दी जाएं। कार्यक्रम में विधायक आफताब अहमद तथा विधायक मोहम्मद इलियास पुनहाना के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक गीता भारती सहित जिला प्रशासन के आला अधिकारी एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों सहित इलाके के पंच  - सरपंचों तथा गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में भाग लेकर इस की शोभा बढ़ाई।बाइट :- जस्टिस सतीश कुमार मित्तल चैयरमेन मानव अधिकार आयोग हरियाणा।संवाददाता कासिम खान नूह मेवातBody:संवाददाता नूह मेवातस्टोरी :- मानव अधिकार आयोग हरियाणा चैयरमेन पहुंचे नूहहरियाणा के सिरसा , फतेहाबाद , नूह जिलों में बाल विवाह एवं बच्चियों की शिक्षा को लेकर कार्यक्रम का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया गया । राजकीय कन्या महाविद्यालय सालाहेड़ी नूह में मानव अधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस सतीश कुमार मित्तल ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया । पत्रकारों से बातचीत के दौरान जस्टिस एस के मित्तल मानव अधिकार हरियाणा चेयरमैन ने कहा कि बाल विवाह की कुरीति करीब 500 साल पुरानी है ।हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद , नूह जिलों में सबसे ज्यादा बाल विवाह के मामले सामने आते हैं । उन्होंने कहा कि सिरसा जिला हरियाणा में बाल विवाह की कुरीति के लिए पहले नंबर पर आता है । क्योंकि इस जिले की सीमा पड़ोसी राज्य राजस्थान के साथ सटी हुई है । उन्होंने कहा कि राजस्थान में यह सामाजिक कुरीति लंबे समय से चली आ रही है । जस्टिस एस के मित्तल ने कहा कि बाल विवाह के साथ - साथ बच्चियों की तालीम को लेकर समाज को जागरूक करने की जरूरत है । जिसके तहत यह कार्यक्रम किया गया है । नूह जिले से इसकी शुरुआत की गई है । समय - समय पर नूह में ही नहीं हरियाणा के दूसरे जिलों में भी बाल विवाह तथा बच्चियों की शिक्षा को लेकर कार्यक्रम आयोजित कराए जाते रहेंगे । जस्टिस एस के मित्तल चेयरमैन मानव अधिकार आयोग ने कहा कि उनके पास में नूह पुलिस से संबंधित बहुत ही शिकायतें जाती हैं , लेकिन कुछ शिकायतों में सच्चाई होती है तो कुछ शिकायतें उनके पास झूठी भी जाती हैं । लिहाजा दोनों तरह के मामलों में मानव अधिकार से जुड़ा हुआ मामला है। उन्होंने कहा कि सरकार की बहुत सारी स्कीम चल रही हैं , जिनका आम आदमी को लाभ उठाना चाहिए । लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से लोग इन स्कीमों का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं । चेयरमैन ने कहा कि इसके लिए जागरूकता होना बहुत जरूरी है और जागरूकता फैलाने में एमएलए , सरपंच , पंचायत प्रतिनिधि , आंगनवाड़ी वर्कर , आशा वर्कर  , एनजीओ इत्यादि अहम भूमिका अदा कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि हरियाणा में जहां भी सुधार की जरूरत है , उसमें सुधार करना चाहिए । उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों के मुकाबले में शिक्षा के क्षेत्र में कम काम हो सकता है , लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल लगातार प्रयासरत हैं कि सूबे के लोगों को बेहतर से बेहतर सरकार की सेवाएं दी जाएं। कार्यक्रम में विधायक आफताब अहमद तथा विधायक मोहम्मद इलियास पुनहाना के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक गीता भारती सहित जिला प्रशासन के आला अधिकारी एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों सहित इलाके के पंच  - सरपंचों तथा गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में भाग लेकर इस की शोभा बढ़ाई।बाइट :- जस्टिस सतीश कुमार मित्तल चैयरमेन मानव अधिकार आयोग हरियाणा।संवाददाता कासिम खान नूह मेवातConclusion:संवाददाता नूह मेवातस्टोरी :- मानव अधिकार आयोग हरियाणा चैयरमेन पहुंचे नूहहरियाणा के सिरसा , फतेहाबाद , नूह जिलों में बाल विवाह एवं बच्चियों की शिक्षा को लेकर कार्यक्रम का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया गया । राजकीय कन्या महाविद्यालय सालाहेड़ी नूह में मानव अधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस सतीश कुमार मित्तल ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया । पत्रकारों से बातचीत के दौरान जस्टिस एस के मित्तल मानव अधिकार हरियाणा चेयरमैन ने कहा कि बाल विवाह की कुरीति करीब 500 साल पुरानी है ।हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद , नूह जिलों में सबसे ज्यादा बाल विवाह के मामले सामने आते हैं । उन्होंने कहा कि सिरसा जिला हरियाणा में बाल विवाह की कुरीति के लिए पहले नंबर पर आता है । क्योंकि इस जिले की सीमा पड़ोसी राज्य राजस्थान के साथ सटी हुई है । उन्होंने कहा कि राजस्थान में यह सामाजिक कुरीति लंबे समय से चली आ रही है । जस्टिस एस के मित्तल ने कहा कि बाल विवाह के साथ - साथ बच्चियों की तालीम को लेकर समाज को जागरूक करने की जरूरत है । जिसके तहत यह कार्यक्रम किया गया है । नूह जिले से इसकी शुरुआत की गई है । समय - समय पर नूह में ही नहीं हरियाणा के दूसरे जिलों में भी बाल विवाह तथा बच्चियों की शिक्षा को लेकर कार्यक्रम आयोजित कराए जाते रहेंगे । जस्टिस एस के मित्तल चेयरमैन मानव अधिकार आयोग ने कहा कि उनके पास में नूह पुलिस से संबंधित बहुत ही शिकायतें जाती हैं , लेकिन कुछ शिकायतों में सच्चाई होती है तो कुछ शिकायतें उनके पास झूठी भी जाती हैं । लिहाजा दोनों तरह के मामलों में मानव अधिकार से जुड़ा हुआ मामला है। उन्होंने कहा कि सरकार की बहुत सारी स्कीम चल रही हैं , जिनका आम आदमी को लाभ उठाना चाहिए । लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से लोग इन स्कीमों का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं । चेयरमैन ने कहा कि इसके लिए जागरूकता होना बहुत जरूरी है और जागरूकता फैलाने में एमएलए , सरपंच , पंचायत प्रतिनिधि , आंगनवाड़ी वर्कर , आशा वर्कर  , एनजीओ इत्यादि अहम भूमिका अदा कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि हरियाणा में जहां भी सुधार की जरूरत है , उसमें सुधार करना चाहिए । उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों के मुकाबले में शिक्षा के क्षेत्र में कम काम हो सकता है , लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल लगातार प्रयासरत हैं कि सूबे के लोगों को बेहतर से बेहतर सरकार की सेवाएं दी जाएं। कार्यक्रम में विधायक आफताब अहमद तथा विधायक मोहम्मद इलियास पुनहाना के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक गीता भारती सहित जिला प्रशासन के आला अधिकारी एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों सहित इलाके के पंच  - सरपंचों तथा गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में भाग लेकर इस की शोभा बढ़ाई।बाइट :- जस्टिस सतीश कुमार मित्तल चैयरमेन मानव अधिकार आयोग हरियाणा।संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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