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किसान गेहूं की ये किस्म लगाएंगे तो हो जाएंगे मालामाल! पलवल के इस किसान ने बताया अपना अनुभव - पलवल अल्लीका गांव किसान काला गेहूं उत्पादन

पलवल के अल्लीका गांव में एक किसान ने कृषि विशेषज्ञों की सहायता से काला गेहूं की खेती की है. फसल अच्छी होने और सामान्य लागत होने की वजह से उन्होंने सभी किसानों से काला गेहूं के उत्पादन करने की बात कही है.

palwal farmer produced black wheat
किसान गेहूं की ये किस्म लगाएंगे तो हो जाएंगे मालामाल! पलवल के इस किसान ने बताया अपना अनुभव
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Published : Mar 28, 2021, 2:20 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: जिले के गांव अल्लीका के किसान रामकिशन ने एक एकड़ भूमि में काला गेहूं का उत्पादन किया है. किसान रामकिशन ने बताया कि काला गेहूं की खेती करने से उपज के साथ-साथ किसानों की आय में भी इजाफा होगा.

कृषि विशेषज्ञ महेंद्र सिहं देशवाल ने बताया कि रसायनिक खादों के अधाधुंध प्रयोग करने से भूमि का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है. जिसकी वजह से फसलों का उत्पादन भी कम हो रहा है. उन्होंने बताया कि जिले के किसानों को काला गेहूं के उत्पादन के लिए लगातार जागरूक कर रहे है. काला गेहूं में न्यूट्रेशिन की मात्रा भरपूर है. इसलिए किसानों को सामान्य गेहूं के मुकाबले काला गेहूं का उत्पादन करना चाहिए.

पलवल के अल्लीका गांव के किसान ने किया काला गेहूं का उत्पादन

काला गेहूं की बाजार में है अधिक मांग

उन्होंने बताया कि सामान्य गेहूं की तरह ही काला गेहूं की बिजाई की जाती है. इसमें कोई अलग से लागत नहीं लगती है. कम लागत में किसान अधिक फसल का उत्पादन ले सकता है. काला गेहूं हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. इसलिए जिले के किसानों को परंपरागत खेती को छोड़ कर काला गेहूं की खेती करनी चाहिए. काला गेहूं की बाजार में भी अधिक मांग है. बाजार में इसकी कीमत चार हजार से 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल का रेट किसानों को मिल सकता है. उन्होंने बताया कि यह काला गेहूं डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है.

ये भी पढ़ें: समय से पहले गर्मी ने किसानों की बढ़ाई चिंता, गेहूं के उत्पादन पर पड़ेगा भारी असर

काले गेहूं की रोटियां होती हैं मुलायम

वहीं किसान रामकिशन ने बताया कि एक एकड़ भूमि में काला गेहूं की खेती की गई है. काला गेहूं सामान्य गेहूं से अलग होता है. इसकी बॉलियां सामान्य गेहूं की तरह ही दिखाई देती है, लेकिन इसका बीज काला और लंबा होता है. ये खाने में स्वादिष्ट होता है और इसकी रोटियां बिल्कुल मुलायम बनती है.

उन्होंने बताया कि कृषि विशेषज्ञों से जानकारी हासिल करने के बाद में उन्होंने काले गेहूं का बीज मंगवाया और एक एकड़ में बिजाई कर दी. बिजाई के दौरान केवल गोबर का खाद प्रयोग किया गया. काला गेहूं की फसल में फुटाव काफी अच्छा आया और फसल काफी अच्छी हुई है. उन्होंने बताया कि एक दो दिनों में फसल की कटाई कर दी जाएगी. उन्हें उम्मीद है कि काला गेहूं का उत्पादन भी अच्छा होगा.

ये भी पढ़ें: बारिश और तूफान की वजह से 70 प्रतिशत तक खराब हुई गेहूं की फसल, उत्पादन पर पड़ेगा असर

बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है प्रोटीन

उन्होंने बताया कि काला गेहूं में प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है और यह गेहूं बीमारियों की रोकथाम में काफी कारगर साबित होता है. इसलिए अन्य किसानों को भी कम से कम एक एकड़ भूमि में काला गेहूं का उत्पादन करना चाहिए.

नई दिल्ली/पलवल: जिले के गांव अल्लीका के किसान रामकिशन ने एक एकड़ भूमि में काला गेहूं का उत्पादन किया है. किसान रामकिशन ने बताया कि काला गेहूं की खेती करने से उपज के साथ-साथ किसानों की आय में भी इजाफा होगा.

कृषि विशेषज्ञ महेंद्र सिहं देशवाल ने बताया कि रसायनिक खादों के अधाधुंध प्रयोग करने से भूमि का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है. जिसकी वजह से फसलों का उत्पादन भी कम हो रहा है. उन्होंने बताया कि जिले के किसानों को काला गेहूं के उत्पादन के लिए लगातार जागरूक कर रहे है. काला गेहूं में न्यूट्रेशिन की मात्रा भरपूर है. इसलिए किसानों को सामान्य गेहूं के मुकाबले काला गेहूं का उत्पादन करना चाहिए.

पलवल के अल्लीका गांव के किसान ने किया काला गेहूं का उत्पादन

काला गेहूं की बाजार में है अधिक मांग

उन्होंने बताया कि सामान्य गेहूं की तरह ही काला गेहूं की बिजाई की जाती है. इसमें कोई अलग से लागत नहीं लगती है. कम लागत में किसान अधिक फसल का उत्पादन ले सकता है. काला गेहूं हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. इसलिए जिले के किसानों को परंपरागत खेती को छोड़ कर काला गेहूं की खेती करनी चाहिए. काला गेहूं की बाजार में भी अधिक मांग है. बाजार में इसकी कीमत चार हजार से 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल का रेट किसानों को मिल सकता है. उन्होंने बताया कि यह काला गेहूं डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है.

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काले गेहूं की रोटियां होती हैं मुलायम

वहीं किसान रामकिशन ने बताया कि एक एकड़ भूमि में काला गेहूं की खेती की गई है. काला गेहूं सामान्य गेहूं से अलग होता है. इसकी बॉलियां सामान्य गेहूं की तरह ही दिखाई देती है, लेकिन इसका बीज काला और लंबा होता है. ये खाने में स्वादिष्ट होता है और इसकी रोटियां बिल्कुल मुलायम बनती है.

उन्होंने बताया कि कृषि विशेषज्ञों से जानकारी हासिल करने के बाद में उन्होंने काले गेहूं का बीज मंगवाया और एक एकड़ में बिजाई कर दी. बिजाई के दौरान केवल गोबर का खाद प्रयोग किया गया. काला गेहूं की फसल में फुटाव काफी अच्छा आया और फसल काफी अच्छी हुई है. उन्होंने बताया कि एक दो दिनों में फसल की कटाई कर दी जाएगी. उन्हें उम्मीद है कि काला गेहूं का उत्पादन भी अच्छा होगा.

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बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है प्रोटीन

उन्होंने बताया कि काला गेहूं में प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है और यह गेहूं बीमारियों की रोकथाम में काफी कारगर साबित होता है. इसलिए अन्य किसानों को भी कम से कम एक एकड़ भूमि में काला गेहूं का उत्पादन करना चाहिए.

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