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पलवल के किसानों ने की दिल्ली कूच की तैयारी, वकीलों ने भी दिया समर्थन

किसान आंदोलन को समर्थन में पलवल के आढ़तियों और वकीलों ने भी आवाज उठाई है. वकीलों ने कहा कि किसानों पर जो सरकार ने मुकदमे दर्ज किए हैं वो उन्हें मुफ्त मे लड़ेंगे. वहीं वहां मौजूद आढ़तियों ने किसानों के साथ दिल्ली कूच करने का फैसला किया है.

aadhti and advocates of palwal support farmers protest
पलवल आढ़ती किसान आंदोलन
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Published : Dec 2, 2020, 10:45 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: शहर के ताऊ देवीलाल पार्क में बुधवार को जिले के किसानों और आढ़तियों ने पंचायत कर दिल्ली कूच करने का फैसला किया है. इस मोके पर पलवल के कुछ वकीलों ने भी किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए हर संभव मदद का आस्वाशन दिया और कहा की इस किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी मुकदमों को वो मुफ्त में लड़ेंगे. इस मौके पर किसान यूनियनों ने जिला उपायुक्त कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करते हुए डीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया.

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव और किसान नेता रतन सिंह सौरौत ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ की गई क्रूरतापूर्ण कार्रवाई की निंदा करते हैं. उन्होंने मांग की है कि किसानों पर बनाए गए झूठे मुकदमे वापिस लिए जाएं.

किसान नेतआओं ने मांग करते हुए कहा है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून में शामिल करे और कृषि के तीन काले कानूनों को जबरदस्ती थोपने का प्रयास ना करें और एमएसपी को लिखित में अनिवार्य किया जाए. उन्होंने कहा कि किसान के आंदोलन को आढ़तियों के बाद वकीलों ने भी समर्थन दिया है और गुरुवार से पलवल के किसान दिल्ली के लिए पैदल रवाना होंगे.

जिसके बाद फरीदाबाद के किसान भी उनके साथ शामिल होंगे और दिल्ली-बदरपुर बॉर्डर को जाम किया जाएगा. किसान नेताओं ने कहा कि जब तक उनकी ये मांगे मानी नहीं जाती तब तक वो दिल्ली में ही बैठे रहेंगे. इस मौके पर उनके साथ किसान नेता उदयसिंह,अमिचंद महेन्द्र चौहान और पलवल मंडी जिला एसोसिएसन के प्रधान गौरव तेवतिया, जिला बार एसोसिएन के प्रधान दीपक चौहान सहित सैकड़ों किसान, आढ़ती और वकील मौजूद थे.

नई दिल्ली/पलवल: शहर के ताऊ देवीलाल पार्क में बुधवार को जिले के किसानों और आढ़तियों ने पंचायत कर दिल्ली कूच करने का फैसला किया है. इस मोके पर पलवल के कुछ वकीलों ने भी किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए हर संभव मदद का आस्वाशन दिया और कहा की इस किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी मुकदमों को वो मुफ्त में लड़ेंगे. इस मौके पर किसान यूनियनों ने जिला उपायुक्त कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करते हुए डीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया.

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव और किसान नेता रतन सिंह सौरौत ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ की गई क्रूरतापूर्ण कार्रवाई की निंदा करते हैं. उन्होंने मांग की है कि किसानों पर बनाए गए झूठे मुकदमे वापिस लिए जाएं.

किसान नेतआओं ने मांग करते हुए कहा है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून में शामिल करे और कृषि के तीन काले कानूनों को जबरदस्ती थोपने का प्रयास ना करें और एमएसपी को लिखित में अनिवार्य किया जाए. उन्होंने कहा कि किसान के आंदोलन को आढ़तियों के बाद वकीलों ने भी समर्थन दिया है और गुरुवार से पलवल के किसान दिल्ली के लिए पैदल रवाना होंगे.

जिसके बाद फरीदाबाद के किसान भी उनके साथ शामिल होंगे और दिल्ली-बदरपुर बॉर्डर को जाम किया जाएगा. किसान नेताओं ने कहा कि जब तक उनकी ये मांगे मानी नहीं जाती तब तक वो दिल्ली में ही बैठे रहेंगे. इस मौके पर उनके साथ किसान नेता उदयसिंह,अमिचंद महेन्द्र चौहान और पलवल मंडी जिला एसोसिएसन के प्रधान गौरव तेवतिया, जिला बार एसोसिएन के प्रधान दीपक चौहान सहित सैकड़ों किसान, आढ़ती और वकील मौजूद थे.

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