ETV Bharat / city

पलवल में 8 वर्षीय आदित्य बच्चों को सिखा रहा कंप्यूटर कोडिंग

पलवल में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाला आदित्य अग्रवाल यूट्यूब चैनल के माध्यम से बच्चों को कंप्यूटर कोडिंग सिखा रहा है. आदित्य की मां अंजू अग्रवाल का कहना है कि आदित्य अग्रवाल वैज्ञानिक बनना चाहता है.

author img

By

Published : Oct 28, 2020, 2:12 PM IST

8-year-old Aditya Agarwal has been teaching computer coding to children in Palwal
आदित्य अग्रवाल

नई दिल्ली/पलवल: कुछ बच्चे जन्म से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं. ऐसा ही एक बच्चा है जिसने अपनी प्रतिभा से अपने माता पिता को अचम्भित कर दिया है. तीसरी कक्षा में पढ़ने वाला आदित्य अग्रवाल एक यूट्यूब चैनल चलाता है. जिसमें वो बच्चों को कंप्यूटर कोडिंग करना मुफ्त में सिखाता है.

पलवपलवल में 8 वर्षीय आदित्य बच्चों को सिखा रहा कंप्यूटर कोडिंग

मोटिवेशनल स्पीकर हिमेश मदान ने बच्चे की तारीफ करते हुए कहा है कि कोडिंग का ज्ञान एक बीटेक प्रशिक्षक ही दे सकता है. लेकिन 8 वर्षीय छात्र आदित्य अग्रवाल जिसकी उम्र अभी सीखने की भी नहीं हुई है वो लोगों को सिखा रहा है. बता दें कि बड़ी-बड़ी कंपनियां कोडिंग सिखाने के नाम पर लाखों रुपये लेती हैं. वहीं ये छोटा सा बच्चा मुफ्त में कोडिंग सीखा रहा है.

आप जो भी कंप्यूटर, मोबाइल्स फोन, डिवाइसेस में देखते हैं वो सब कोडिंग से ही बना होता है. कोडिंग कंप्यूटर से बात करने का एक माध्यम है. क्योंकि कंप्यूटर को न तो हमारी भाषा आती है और न हमें कंप्यूटर की भाषा आती है. उदाहरण के तौर पर किसी व्यक्ति को इंग्लिश आती है तो किसी को स्पेनिश, जिसकी वजह से ये दोनों आपस में संवाद नहीं कर सकते. उन्हें संवाद करने के लिए एक कॉमन भाषा आनी चाहिए तो बस कोडिंग वही एक कॉमन भाषा है. जिसके जरिए अलग अलग भाषा जानने वाला कोडिंग के जरिए कम्पयूटर से संवाद कर सकते हैं.

वहीं मुफ्त में कोडिंग सीखा रहे 8 वर्षीय छात्र आदित्य अग्रवाल का कहना है कि आपका बच्चा भी ऐसे मुकाम पर पहुंच सकता है. बड़ी-बड़ी कम्पनियां आप को कोडिंग सिखाने के नाम पर लूट रही हैं. उन्होंने बताया कि कोडिंग के बहुत सारे फायदे हैं. जैसे आप कोडिंग से एप, वेबसाइट और भी बहुत सारी चीजे बना सकते हैं. इससे बच्चे का माइंड भी शार्प होता है. बड़े -बड़े ब्रांड्स जैसे गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल में जो सॉफ्टवेयर डालते हैं वो भी कोडिंग से बने है.

वहीं आदित्य की मां अंजू अग्रवाल का कहना है कि आदित्य अग्रवाल 2 से ढाई वर्ष की आयु में कहता था कि मुझे साइंटिस्ट यानी वैज्ञानिक बनना है. उनका कहना है कि शुरू से ही ये खिलौने की बजाय कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मांग करता है. इसके अलावा ये हर प्रकार की गतिविधियों में शामिल रहना पसंद करता है.

नई दिल्ली/पलवल: कुछ बच्चे जन्म से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं. ऐसा ही एक बच्चा है जिसने अपनी प्रतिभा से अपने माता पिता को अचम्भित कर दिया है. तीसरी कक्षा में पढ़ने वाला आदित्य अग्रवाल एक यूट्यूब चैनल चलाता है. जिसमें वो बच्चों को कंप्यूटर कोडिंग करना मुफ्त में सिखाता है.

पलवपलवल में 8 वर्षीय आदित्य बच्चों को सिखा रहा कंप्यूटर कोडिंग

मोटिवेशनल स्पीकर हिमेश मदान ने बच्चे की तारीफ करते हुए कहा है कि कोडिंग का ज्ञान एक बीटेक प्रशिक्षक ही दे सकता है. लेकिन 8 वर्षीय छात्र आदित्य अग्रवाल जिसकी उम्र अभी सीखने की भी नहीं हुई है वो लोगों को सिखा रहा है. बता दें कि बड़ी-बड़ी कंपनियां कोडिंग सिखाने के नाम पर लाखों रुपये लेती हैं. वहीं ये छोटा सा बच्चा मुफ्त में कोडिंग सीखा रहा है.

आप जो भी कंप्यूटर, मोबाइल्स फोन, डिवाइसेस में देखते हैं वो सब कोडिंग से ही बना होता है. कोडिंग कंप्यूटर से बात करने का एक माध्यम है. क्योंकि कंप्यूटर को न तो हमारी भाषा आती है और न हमें कंप्यूटर की भाषा आती है. उदाहरण के तौर पर किसी व्यक्ति को इंग्लिश आती है तो किसी को स्पेनिश, जिसकी वजह से ये दोनों आपस में संवाद नहीं कर सकते. उन्हें संवाद करने के लिए एक कॉमन भाषा आनी चाहिए तो बस कोडिंग वही एक कॉमन भाषा है. जिसके जरिए अलग अलग भाषा जानने वाला कोडिंग के जरिए कम्पयूटर से संवाद कर सकते हैं.

वहीं मुफ्त में कोडिंग सीखा रहे 8 वर्षीय छात्र आदित्य अग्रवाल का कहना है कि आपका बच्चा भी ऐसे मुकाम पर पहुंच सकता है. बड़ी-बड़ी कम्पनियां आप को कोडिंग सिखाने के नाम पर लूट रही हैं. उन्होंने बताया कि कोडिंग के बहुत सारे फायदे हैं. जैसे आप कोडिंग से एप, वेबसाइट और भी बहुत सारी चीजे बना सकते हैं. इससे बच्चे का माइंड भी शार्प होता है. बड़े -बड़े ब्रांड्स जैसे गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल में जो सॉफ्टवेयर डालते हैं वो भी कोडिंग से बने है.

वहीं आदित्य की मां अंजू अग्रवाल का कहना है कि आदित्य अग्रवाल 2 से ढाई वर्ष की आयु में कहता था कि मुझे साइंटिस्ट यानी वैज्ञानिक बनना है. उनका कहना है कि शुरू से ही ये खिलौने की बजाय कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मांग करता है. इसके अलावा ये हर प्रकार की गतिविधियों में शामिल रहना पसंद करता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.