नई दिल्ली/पलवल: हथीन के हुंचपुरी गांव में धर्मप्रचार करने आए 12 जमातियों को पलवल अदालत में पेश किया गया. जहां से अदालत ने इनमें से 7 जमातियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. वहीं दो जमातियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया.
ये सभी जमाती धर्म प्रचार के लिए दिल्ली के मरकज से यहां आए थे. जो छुपकर मस्जिद में रह रहे थे. इन जमातियों में तीन को कोरोना संक्रमण पॉजिटिव पाया गया था. सभी जमातियों के खिलाफ हथीन थाना पुलिस ने धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया था.
15 गांवों को बफर जोन घोषित किया गया
पुलिस जांच अधिकारी ताराचंद ने बताया कि 12 मस्लिम समुदाय के लोगों का एक जत्था दिल्ली के मरकज से जमात बनकर धर्म प्रचार के लिए हथीन क्षेत्र में आया हुआ था. जिनमें दस बंगलादेशी और दो भारतीय भी शामिल थे. ये लोग कोरोना महामारी में यहां छुपकर मस्जिद में ठहरे हुए थे.
उन्होंने कहा कि ये सभी सरकारी आदेशों की अवेहलना करते हुए अपने धर्म का प्रचार कर रहे थे. जिन्हें स्वास्थ्य विभाग के आदेशनुसार हिरासत में लिया गया और सभी के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए. जांच में तीन जमातियों को कोरोना संक्रमण पॉजिटिव पाया गया. जिन्हें उपचार के लिए कोविड 19 अस्पताल नल्लहड़ में रखा गया है. जो लोग इनके संपर्क में आए थे उनको क्वारंटाइन किया गया है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लगभग 36 गांवों को कंटेनमेंट और 15 गांवों को बफर जोन घोषित किया गया है.
बता दें कि छुपकर धर्म प्रचार करने और सरकारी आदेशों की अवेहलना करने पर मस्जिद के इमाम सहित 13 लोगों पर धारा 307 का मुकदमा दर्ज किया गया था. उपचार के बाद नेगिटिव रिपोर्ट आने के बाद सात बंग्लादेशी और दो भारतीयों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया. जहां से बंग्लादेशी अब्दूल रज्जाक, अब्दूल अजीज, हमीरपुर रहमान, कमरुल हसन, सफीकूल इस्लाम, अब्दूल मोतलवी, मोहम्मद खेरुल इस्लाम को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. जबकि आसम और बिहार निवासी मुस्ताक हसन और सहरोज आलम को जमानत पर रिहा कर दिया गया.