नई दिल्ली: राजधानी में एक तरफ केजरीवाल सरकार लोगों को फ्री पानी मुहैया कराने के दावे कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उत्तर पूर्वी दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा के नेहरू विहार इलाके में लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं, हालात ये हैं कि यहां के लोगों को समरसेबल का पानी इस्तेमाल करना पड़ रहा है.
'सड़कों का हाल खराब'
बताया ये भी गया कि कई बार पानी की बोतलें खरीदकर गुजारा करना पड़ता है, इतना ही नहीं इलाके में मौजूद सड़कों का भी हाल बुरा है. कुछ रोड तो करीब एक साल से टूटे पड़े हैं. लोगों का कहना है कि मुस्तफाबाद विधानसभा के ज्यादातर इलाके आज भी विकास के लिए तरस रहे हैं.
नेहरू विहार के लोगों का कहना है कि इस इलाके में रहते हुए सालों गुजर गए हैं, लेकिन आजतक इस इलाके में पीने के पानी की सप्लाई ठीक ढंग से नहीं कराई गई है. जिसके कारण इस क्षेत्र के लोग परेशान रहते हैं. बोरिंग के पानी का इस्तेमाल करने के कारण लोगों को बाल उड़ने और स्किन की बीमारियों से भी जूझना पड़ता है.
'जी का जंजाल बनी क्षेत्र की टूटी सड़कें'
पीने के पानी की दिक्कत के साथ ही यहां के निवासी टूटी सड़कों से भी जूझ रहे हैं, खासकर नेहरू विहार का 25 फुटा रोड लोगों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है. स्कूल जाने वाले बच्चे हों, बुजुर्ग या महिलाएं हर किसी को इस रोड से गुजरने में मशक्कत करनी पड़ती है. दोपहिया वाहन चालक और बैट्री रिक्शा चालक तो कई बार हादसे के शिकार हो जाते हैं.
'भाजपा MLA को सरकार से काम कराने में दिक्कत'
बताया ये भी गया कि इस विधानसभा की एक और खासियत यह भी है कि मुस्लिम बाहुल्य सीट होने के बावजूद इस सीट पर भाजपा के एमएलए हैं, अब क्योंकि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, ऐसे में भाजपा एमएलए को अपने निर्वाचन क्षेत्र में काम कराने में खासी मशक्कत उठानी पड़ती है. हद तो यह यह है कि भाजपा एमएलए भले ही सांसद निधि का पैसा अपने निर्वाचन क्षेत्र में लगाने में सफल हो जाते हैं, लेकिन दिल्ली सरकार के काम काफी समय तक लटके रहते हैं.