नई दिल्ली: कोरोना के कारण बीते दो वर्षों में राजधानी में रामलीला का मंचन नहीं हो सका था, वहीं इस बार हालात सामान्य होने पर कुछ एहतियात के साथ अलग-अलग रामलीला समितियों की ओर से रामलीला मंचन की तैयारियां अंतिम चरण में है. इस बार पहले की तरह मंडी हाउस के पास श्रीराम भारतीय कला केंद्र (Shri Ram Bhartiya Kala Kendra)में होने वाली ऐतिहासिक नृत्य नाटिका रामलीला का मंचन भी भव्य तरीके से होने जा रहा है. भारतीय शास्त्रीय नृत्य और लोक नृत्य की खूबसूरती के साथ यहां सवा दो घंटे के शो में संपूर्ण रामलीला (entire Ramlila) का मंचन नवरात्रि में होगा. 26 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से शाम 6:30 बजे से संपूर्ण रामलीला का संगीतमय मंचन (musical performance) होगा.
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नए कलाकार निभाएंगे शो के लगभग सभी किरदारों की भूमिका : इस रामलीला में राम ही नहीं, रावण समेत रामायण के कई किरदारों का गहराई से आपका परिचय हो, इसके लिए श्रीराम भारतीय कला केंद्र में भी मंच को सजाया संवारा जा रहा है. भारतीय शास्त्रीय नृत्य और लोक नृत्य की खूबसूरती के साथ एक दिन में संपूर्ण रामलीला इस बार अपने 66वें क्लासिकल एडिशन में प्रवेश कर रहा है. श्रीराम भारतीय कला केंद्र हर साल की तरह इस बार भी कई बदलाव के साथ दर्शकों के बीच होगा. इस बार इस शो के लगभग सभी किरदारों को नए कलाकार निभाएंगे, जो शास्त्रीय से लेकर लोक नृत्य शैलियों में माहिर हैं. हिंदुस्तानी रागों के सुरों में सजा भारतीय शास्त्रीय नृत्य और लोक नृत्य का डांस ड्रामा श्रीराम का आगाज 26 सितम्बर को होगा.
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी करेंगी इसका उद्घाटन : इसका उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी करेंगी. इसका अंतिम शो 22 अक्टूबर को होगा. श्रीराम भारतीय कला केंद्र की चेयरपर्सन शोभा दीपक सिंह के अनुसार, हर साल हमारे शो में राम को छोड़कर सभी किरदारों को नए कलाकार निभाते रहे हैं. इसमें भी 80 फीसद ऐसे ही युवा कलाकार हैं जिनका यह पहला शो है. इसीलिए जोश पहले से भी ज्यादा है. इस शो के लिए हम हर साल सीन बदलते हैं, डांस फॉर्म भी बदलते हैं. इस बार भी हमने कुछ जोड़ा है और कुछ लंबे सीन हटाए भी हैं. कॉस्टयूम और ज्वेलरी नई है, संगीत में भी कुछ बदलाव किया गया है. रामलीला में इस बार हाव-भाव और लय से भरपूर भरतनाट्यम, मयूरभंज, छउ, कलरिपायट्टू शैली का इस्तेमाल किया है. इसके अलावा उत्तर भारत के कई लोक नृत्य भी शामिल हैं. शोभा कहती हैं इस क्लासिकल डांस ड्रामा में हर साल बदलाव करना बड़ी चुनौती है, फिर भी हम कुछ नया कर लेते हैं. रामायण पढ़ कर हमें हर बार कुछ नया मिल जाता है. रामायण गाथा ही नहीं जिंदगी की गहराई है. इसके हर किरदार और किस्से के पीछे गहरा दर्शन है.
संगीत और एक्सप्रेशन से होगा रामलीला का मंचन : श्रीराम भारतीय कला केंद्र में पिछले 65 सालों से रामलीला का मंचन होते आ रहा है और ये 66 वां रामलीला है. इसमें सवा दो घंटे में राम जन्म से लेकर, रामराज्य, राम की तमाम लीलाओं, रावण दहन, सीता हरण समेत सभी दृश्यों को दर्शाया जाएगा. वाल्मीकि रामायण का मंचन बिना संवाद के रोजाना नवरात्रि से शाम 6:30 बजे से शुरू होकर 9:00 बजे तक होगा.
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