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दिल्ली हिंसा मामले में उमर खालिद समेत यूएपीए के दूसरे आरोपियों की पेशी आज

दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद उमर खालिद समेत यूएपीए के सभी आरोपियों की आज कड़कड़डूमा कोर्ट में पेशी होगी.

UAPA accused including Umar Khalid in Delhi Violence case will appear in Karkardooma court
कड़कड़डूमा कोर्ट
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Published : Mar 12, 2021, 10:40 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद उमर खालिद, शरजील इमाम, ताहिर हुसैन समेत यूएपीए के 18 आरोपियों को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया जाएगा. बता दें कि इस मामले में एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत के सामने इन आरोपियों की पेशी होगी.


चार्जशीट लीक होने का ट्रेंड परेशान करने वाला

पिछले 2 मार्च को कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ दायर तीसरे पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि संज्ञान लेने के पहले ही चार्जशीट लीक हो रही है. कोर्ट ने कहा था कि संज्ञान लेने के पहले चार्जशीट लीक होने का ट्रेंड परेशान करने वाला है. मीडिया की रिपोर्टिंग खासकर सोशल मीडिया पर हमेशा इसकी चर्चा होती रहती है. कोर्ट ने कहा था कि मीडिया खबरों को कवर करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन उन्हें अपने रुख को लेकर सावधान रहना चाहिए.

आरोपी और दोषी में फर्क

कोर्ट ने कहा कि आरोपी और दोषी में फर्क होता है. कोर्ट ने कहा कि यह हर आरोपी का मौलिक अधिकार है कि उसे अपने बचाव का मौका मिले. मीडिया कवरेज के लिए दिशानिर्देश जारी करना संभव नहीं है, लेकिन रिपोर्टिंग करते समय एक डिस्क्लेमर जरुर होना चाहिए.

ये भी पढ़ें:-दिल्ली हिंसा मामले में उमर खालिद समेत यूएपीए के सभी आरोपियों की पेशी आज

कोर्ट ने कहा कि पुलिस को पूरे तरीके से पक्षपाती बताना या आरोपी को दोषी की तरह दिखाना न्याय प्रणाली के लिए स्वस्थ संकेत नहीं है. कोर्ट ने तीसरी पूरक चार्जशीट की कॉपी सभी आरोपियों को पेनड्राईव में सौंपने का निर्देश दिया. एक आरोपी आसिफ इकबाल तान्हा के साथ किए जा रहे बुरे बर्ताव के आरोपों के मामले पर तिहाड़ जेल प्रशासन से मेडिकल रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.

मीडिया ट्रायल का आरोप

सुनवाई के दौरान आरोपी उमर खालिद ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट को शिकायत की कि कुछ मीडिया संस्थान मीडिया ट्रायल कर रहे हैं. उमर खालिद ने कहा कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद उसके खिलाफ मीडिया ट्रायल चलाया जा रहा है, उसे दोषी की तरह पेश किया जा रहा है. उमर खालिद ने कहा कि आसिफ इकबाल, नताशा नरवाल,देवांगन कलीता और दूसरे आरोपियों के नाम हेडलाइंस में छापकर दिल्ली दंगों के बड़े गुनाहगार बताया जा रहा है. हम बिना मौका मिले उन आरोपों का खंडन कैसे कर पाएंगे.

'चार्जशीट कोर्ट में आने से पहले मीडिया में'

सुनवाई के दौरान एक आरोपी खालिद सैफी ने कहा कि मुझे अभी तक नहीं मालूम कि मेरे खिलाफ आरोप क्या हैं. पुलिस कहती है कि मैं प्रदर्शन में शामिल था, वे मुझे आतंकी बताते हैं. पुलिस कोर्ट में आने से पहले मीडिया में जाती है, जब मीडिया में रिपोर्ट छप जाती है, तो वे कोर्ट में आते हैं. इस पूरी प्रक्रिया पर विराम लगना चाहिए.

ये भी पढ़ें:-उमर खालिद समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ तीसरी चार्जशीट पर सुनवाई कल

सीसीटीवी तोड़ने वालों की पहचान की गई

पिछले 25 फरवरी को स्पेशल सेल ने तीसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. तीसरी पूरक चार्जशीट में फोरेंसिक साक्ष्यों और दूसरे तकनीकी परीक्षणों को आधार बनाया गया है. चार्जशीट में बताया गया है कि दंगों के लिए कैसे साजिश रची गई. दंगों की साजिश रचने वालों ने दंगों के दौरान कई इलाकों के सीसीटीवी कैमरे तोड़े थे. सीसीटीवी तोड़ने वालों की पहचान की गई है. इन दंगों में साजिश रचने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक 18 लोगों को आरोपी बनाया है. इन 18 में से एक आरोपी सफूरा जरगर के अलावा सभी आरोपी जेल में बंद हैं. सफूरा जरगर को मानवीय आधार पर हाईकोर्ट से जमानत मिली थी.


'यूएपीए में चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान ले चुकी है'

बता दें कि 24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल किया गया था.

ये भी पढ़ें:-उमर खालिद समेत दिल्ली हिंसा मामले में जेल में बंद आरोपियों की रिमांड बढ़ी

पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17, और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147,148,149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395,419,420,427,435,436,452,454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद उमर खालिद, शरजील इमाम, ताहिर हुसैन समेत यूएपीए के 18 आरोपियों को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया जाएगा. बता दें कि इस मामले में एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत के सामने इन आरोपियों की पेशी होगी.


चार्जशीट लीक होने का ट्रेंड परेशान करने वाला

पिछले 2 मार्च को कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ दायर तीसरे पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि संज्ञान लेने के पहले ही चार्जशीट लीक हो रही है. कोर्ट ने कहा था कि संज्ञान लेने के पहले चार्जशीट लीक होने का ट्रेंड परेशान करने वाला है. मीडिया की रिपोर्टिंग खासकर सोशल मीडिया पर हमेशा इसकी चर्चा होती रहती है. कोर्ट ने कहा था कि मीडिया खबरों को कवर करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन उन्हें अपने रुख को लेकर सावधान रहना चाहिए.

आरोपी और दोषी में फर्क

कोर्ट ने कहा कि आरोपी और दोषी में फर्क होता है. कोर्ट ने कहा कि यह हर आरोपी का मौलिक अधिकार है कि उसे अपने बचाव का मौका मिले. मीडिया कवरेज के लिए दिशानिर्देश जारी करना संभव नहीं है, लेकिन रिपोर्टिंग करते समय एक डिस्क्लेमर जरुर होना चाहिए.

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कोर्ट ने कहा कि पुलिस को पूरे तरीके से पक्षपाती बताना या आरोपी को दोषी की तरह दिखाना न्याय प्रणाली के लिए स्वस्थ संकेत नहीं है. कोर्ट ने तीसरी पूरक चार्जशीट की कॉपी सभी आरोपियों को पेनड्राईव में सौंपने का निर्देश दिया. एक आरोपी आसिफ इकबाल तान्हा के साथ किए जा रहे बुरे बर्ताव के आरोपों के मामले पर तिहाड़ जेल प्रशासन से मेडिकल रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.

मीडिया ट्रायल का आरोप

सुनवाई के दौरान आरोपी उमर खालिद ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट को शिकायत की कि कुछ मीडिया संस्थान मीडिया ट्रायल कर रहे हैं. उमर खालिद ने कहा कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद उसके खिलाफ मीडिया ट्रायल चलाया जा रहा है, उसे दोषी की तरह पेश किया जा रहा है. उमर खालिद ने कहा कि आसिफ इकबाल, नताशा नरवाल,देवांगन कलीता और दूसरे आरोपियों के नाम हेडलाइंस में छापकर दिल्ली दंगों के बड़े गुनाहगार बताया जा रहा है. हम बिना मौका मिले उन आरोपों का खंडन कैसे कर पाएंगे.

'चार्जशीट कोर्ट में आने से पहले मीडिया में'

सुनवाई के दौरान एक आरोपी खालिद सैफी ने कहा कि मुझे अभी तक नहीं मालूम कि मेरे खिलाफ आरोप क्या हैं. पुलिस कहती है कि मैं प्रदर्शन में शामिल था, वे मुझे आतंकी बताते हैं. पुलिस कोर्ट में आने से पहले मीडिया में जाती है, जब मीडिया में रिपोर्ट छप जाती है, तो वे कोर्ट में आते हैं. इस पूरी प्रक्रिया पर विराम लगना चाहिए.

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सीसीटीवी तोड़ने वालों की पहचान की गई

पिछले 25 फरवरी को स्पेशल सेल ने तीसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. तीसरी पूरक चार्जशीट में फोरेंसिक साक्ष्यों और दूसरे तकनीकी परीक्षणों को आधार बनाया गया है. चार्जशीट में बताया गया है कि दंगों के लिए कैसे साजिश रची गई. दंगों की साजिश रचने वालों ने दंगों के दौरान कई इलाकों के सीसीटीवी कैमरे तोड़े थे. सीसीटीवी तोड़ने वालों की पहचान की गई है. इन दंगों में साजिश रचने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक 18 लोगों को आरोपी बनाया है. इन 18 में से एक आरोपी सफूरा जरगर के अलावा सभी आरोपी जेल में बंद हैं. सफूरा जरगर को मानवीय आधार पर हाईकोर्ट से जमानत मिली थी.


'यूएपीए में चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान ले चुकी है'

बता दें कि 24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल किया गया था.

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पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17, और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147,148,149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395,419,420,427,435,436,452,454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.

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