ETV Bharat / city

दिल्ली हिंसा में हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या के दो आरोपी भगोड़ा करार

दिल्ली हिंसा के दौरान क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या के मामले के दो आरोपियों को कड़कड़डूमा कोर्ट ने भगोड़ा करार दिया है.

Two accused of killing head constable Ratanlal in Delhi violence termed as fugitive
दिल्ली हिंसा में हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या के दो आरोपी भगोड़ा करार
author img

By

Published : Sep 6, 2020, 6:27 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने हिंसा के दौरान क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या के मामले के दो आरोपियों को भगोड़ा करार दिया है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक आरोपियों सुलेमान ऊर्फ सलमान सिद्दीकी और रवीश को भगोड़ा करार दिया है.

कोर्ट ने लिया संज्ञान

कड़कड़डूमा कोर्ट इस मामले में एसआईटी की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान ले चुकी है. हालांकि कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत आरोप पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने इसके लिए जरुरी अनुमति हासिल नहीं की है. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उसने जरुरी अनुमति के लिए उचित प्राधिकार को 13 जुलाई को पत्र लिखा था. पिछले 8 जून को क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने इस मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट करीब 1100 पेजों की है.


60 से ज्यादा गवाहों के बयान हुए दर्ज


एसआईटी ने सबूत के तौर पर सीसीटीवी और मोबाइल फुटेज और मौके पर मौजूद चश्मदीद गवाहों और पुलिसकर्मियों के बयान को शामिल किया गया. इस मामले में 60 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं. चार्जशीट में कहा गया है कि दिल्ली हिंसा से पहले 22 फरवरी को 40-50 उपद्रवियों के ग्रुप की एक घर के बेसमेंट में मीटिंग हुई थी, जिसमें हिंसा की साजिश रची गई. साजिश रचनेवालों में सलीम खान, सलीम मुन्ना, शादाब समेत पांच मुख्य आरोपी थे. योजना के तहत हिंसा के पहले आसपास के सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दिया गया था.


कई पुलिसकर्मी हुए घायल


चार्जशीट में कहा गया है कि दंगाई बच्चों और बुजुर्गों को घर में रहने की नसीहत देकर सड़कों पर निकले थे. चार्जशीट में कहा 23 फरवरी को हंगामे के बाद वह वापस लौट गए, लेकिन फिर 24 फरवरी को एक बार उपद्रवी सड़कों पर निकलकर उत्पात मचाने लगे. इस हमले में शाहदरा के डीसीपी, गोकलपुरी के एसीपी अनुज कमार समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. चार्जशीट में कहा गया है कि हिंसक भीड़ ने पास ही के मोहन नर्सिंग होम पर भी हमला किया. मोहन नर्सिंग होम में पुलिसवाले भर्ती थे. इसी हिंसा में हेड कांस्टेबल रतनलाल की मौत हो गई थी.


शाहिद की गोली लगने से हुई मौत

इसके बाद दंगाईयों ने सप्तऋषि नामक इमारत पर कब्जा कर लिया और वहां से पथराव और फायरिंग करने लगे. इसी बीच एक दंगाई शाहिद की भी गोली लगने से मौत हो गई. शाहिद की हत्या के मामले में भी कुछ छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है.

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने हिंसा के दौरान क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या के मामले के दो आरोपियों को भगोड़ा करार दिया है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक आरोपियों सुलेमान ऊर्फ सलमान सिद्दीकी और रवीश को भगोड़ा करार दिया है.

कोर्ट ने लिया संज्ञान

कड़कड़डूमा कोर्ट इस मामले में एसआईटी की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान ले चुकी है. हालांकि कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत आरोप पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने इसके लिए जरुरी अनुमति हासिल नहीं की है. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उसने जरुरी अनुमति के लिए उचित प्राधिकार को 13 जुलाई को पत्र लिखा था. पिछले 8 जून को क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने इस मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट करीब 1100 पेजों की है.


60 से ज्यादा गवाहों के बयान हुए दर्ज


एसआईटी ने सबूत के तौर पर सीसीटीवी और मोबाइल फुटेज और मौके पर मौजूद चश्मदीद गवाहों और पुलिसकर्मियों के बयान को शामिल किया गया. इस मामले में 60 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं. चार्जशीट में कहा गया है कि दिल्ली हिंसा से पहले 22 फरवरी को 40-50 उपद्रवियों के ग्रुप की एक घर के बेसमेंट में मीटिंग हुई थी, जिसमें हिंसा की साजिश रची गई. साजिश रचनेवालों में सलीम खान, सलीम मुन्ना, शादाब समेत पांच मुख्य आरोपी थे. योजना के तहत हिंसा के पहले आसपास के सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दिया गया था.


कई पुलिसकर्मी हुए घायल


चार्जशीट में कहा गया है कि दंगाई बच्चों और बुजुर्गों को घर में रहने की नसीहत देकर सड़कों पर निकले थे. चार्जशीट में कहा 23 फरवरी को हंगामे के बाद वह वापस लौट गए, लेकिन फिर 24 फरवरी को एक बार उपद्रवी सड़कों पर निकलकर उत्पात मचाने लगे. इस हमले में शाहदरा के डीसीपी, गोकलपुरी के एसीपी अनुज कमार समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. चार्जशीट में कहा गया है कि हिंसक भीड़ ने पास ही के मोहन नर्सिंग होम पर भी हमला किया. मोहन नर्सिंग होम में पुलिसवाले भर्ती थे. इसी हिंसा में हेड कांस्टेबल रतनलाल की मौत हो गई थी.


शाहिद की गोली लगने से हुई मौत

इसके बाद दंगाईयों ने सप्तऋषि नामक इमारत पर कब्जा कर लिया और वहां से पथराव और फायरिंग करने लगे. इसी बीच एक दंगाई शाहिद की भी गोली लगने से मौत हो गई. शाहिद की हत्या के मामले में भी कुछ छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.