नई दिल्ली : राजधानी में भीषण गर्मी पड़ रही है. ऐसे में यहां रहने वाले लोगों के साथ-साथ पार्कों में लगे पौधों को भी पानी न मिलने के कारण परेशानियां शुरू हो गई हैं. क्योंकि 2 साल पहले एनजीटी के आदेश पर पार्क में लगे बोरवेल को सील कर दिया गया था. दूसरी तरफ दिल्ली सरकार 23 लाख पौधे लगाए जाने की बात कर रही है, जिसको लेकर आरडब्लूए गंभीर सवाल उठा रहा है.
दो साल पहले एनजीटी के आदेश पर वेस्ट दिल्ली के अधिकतर पार्कों में लगे बोरवेल को सील कर दिया गया था. तब इस मसले को लेकर आरडब्ल्यूए ने काफी शोर-शराबा किया था, लेकिन उनकी एक न चली और तब दिल्ली सरकार और एमसीडी ने इन पौधों को पानी दिए जाने के इंतजामों के दावे भी किए थे. लेकिन 2 साल बाद भी यह संभव नहीं हो पाया है. कई पार्कों में इस भीषण गर्मी में पौधे सूख रहे हैं. पार्क बंजर हो रहे हैं.
दूसरी तरफ दिल्ली सरकार जुलाई से 23 लाख पौधे लगाने की बात कह रही है. जिसको लेकर आरडब्लूए, सरकार और एमसीडी पर गंभीर सवाल उठा रही है. आरडब्ल्यूए का कहना है यह महज दिखावा है. पौधे लगाकर दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने की कोशिश करके अपनी पीठ थपथपाना चाहती है, लेकिन हकीकत तो यह है कि 2 साल पहले पार्कों के बोरवेल सील होने के बाद से अब तक पार्कों को पानी उपलब्ध कराने में न ही दिल्ली सरकार ने गंभीरता दिखाई और न ही एमसीडी ने गंभीरता दिखाई है.
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हरिनगर इलाके के डीबी ब्लॉक आरडब्लूए से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में न सिर्फ दिल्ली सरकार और एमसीडी में कई बार लिखित शिकायत की गई, बल्कि आरटीआई लगाकर इस बारे में पूछा गया तो दोनों ही विभाग पानी उपलब्ध कराने के लिए एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे. जिससे साफ है कि दोनों ही सरकार पार्कों में पानी की व्यवस्था कराने के प्रति कतई गंभीर नहीं हैं.