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दिल्ली में टेस्टिंग किट्स का अकाल, निजी लैब को भी सैंपल लेने से 'सरकार ने किया मना'

दिल्ली में कोरोना में मामले लगातार बढ़ रहे हैं. लेकिन दिल्ली सरकार ने अनलॉक 1.0 भी शुरू कर दिया है. जिसमें कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के आसार हैं. इसी बीच दिल्ली के रोहिणी इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति ने दिल्ली सरकार की पोल खाल दी है. जिसमें उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि दिल्ली सरकार की तरफ से अस्पतालों को कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल लेने से मना कर दिया गया है.

testing kit not available in delhi hospital said youth
कोरोना टेस्ट
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Published : Jun 5, 2020, 9:05 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है और इसी बीच दिल्ली सरकार ने अनलॉक 1.0 भी शुरू कर दिया है. अब लोग घरों से बाहर आने लगे हैं. जिसकी वजह से जगह-जगह लोगों की भीड़ जुटने लगी हैं. आरोप है कि दिल्ली में कोविड के ज्यादा पॉजिटिव केसेज सामने ना आये इसीलिए अघोषित तौर पर सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को दिल्ली सरकार की तरफ से मौखिक आदेश देकर कोविड जांच नहीं करने की हिदायत दी गयी है.

दिल्ली में टेस्टिंग किट्स का अकाल

सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रवक्ता ने किया ट्वीट

दिल्ली के बड़े निजी अस्पतालों में शामिल सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रवक्ता अजय सहगल ने ट्वीट कर कहा कि निजी अस्पतालों को कोविड ट्रीटमेंट देने के लिये अधिकृत किया गया है. लेकिन टेस्ट करने की अनुमति ही नहीं है. जब जांच होगी ही नहीं तो नए मामले सामने कैसे आएंगे और फिर उनका इलाज कैसे शुरू होगा? निजी अस्पतालों को बिना जांच की सुविधा के कोविड इलाज के लिए अधिकृत ठीक करना वैसा ही है जैसे कि बिना किसी टूल के ही सर्जरी के लिए सर्जन से कह दिया गया हो. दूसरा बानगी दिल्ली के एक ऐसे युवक का है जो कोविड जांच के लिये एड़ी-चोटी की जोड़ लगा दी, लेकिन कहीं जांच नहीं हो पाई.


दिल्ली सरकार को दिखाया आईना

दिल्ली के रोहिणी इलाके में रहने वाले वरुण वत्स के कजन हाल ही में कोविड पॉजिटिव पाया गया है. वरुण भी अपने भाई के क्लोज कॉन्टैक्ट में थे. उन्हें जब फीवर और खांसी जैसे लक्षण उभरने लगे तो उन्हें लगा कि जांच करा लेनी चाहिये. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर अपने बारे में बताया कि कैसे वो अपने कोविड पॉजिटिव भाई के क्लोज कॉन्टैक्ट में थे और दो दिनों से उन्हें फीवर और खांसी जैसे लक्षण भी उभरने लगे हैं. जिसमें वरुण को रोहिणी के बाबा साहेब अंबेडकर हॉस्पिटल जाकर अपनी जांच करा लेने को कहा गया.



ऐसे बनी चकरघिन्नी

जिसके बाद वरुण बाबा साहेब अम्बेडकर हॉस्पिटल सुबह सबेरे पहुंच गये. वहां तीन घंटे तक इंतजार करवाने के बाद 4 जून को आने के लिये बोला गया. वहां पहले से ही जांच कराने वालों की एक लंबी कतार थी. उनमें से किसी के भी सैंपल नहीं लिए गए थे.



"ऊपर से परमिशन" नहीं

वरुण जब हॉस्पिटल की दी गयी तारीख 4 जून को जांच के लिये बाबा साहेब अंबेडकर हॉस्पिटल पहुंचे, तो वहां पहले से ही जांच के लिए लंबी कतारें लगी थी. वहां जांच के लिये सैंपल नहीं कलेक्ट किये जा रहे थे. जब इस बारे में वरुण ने काउंटर पर जाकर पूछा तो उन्होंने कहा कि "ऊपर से परमिशन" नहीं है.

The Delhi government has refused hospitals to take samples for the corona test
वरुण ने की सोशल मीडिया पर पोस्ट



दोबारा दिल्ली हेल्पलाइन पर किया फोन

हैरान-परेशान वरुण ने एक बार फिर दिल्ली सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर मदद मांगी. इस बार उनसे रोहिणी सेक्टर 5 स्थित महाराजा अग्रसेन अस्पताल जाने को कहा गया. यहां जरूर जांच हो जाएगा ऐसा आश्वासन वरुण को दिया गया. जिसके बाद वरुण बड़ी उम्मीद से महाराजा अग्रसेन पहुंचे, लेकिन यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी. यहां उनसे कहा गया कि "टेस्टिंग किट्स" खत्म हो गए हैं.



सरकारी लफड़ा छोड़ निजी लैब की तरफ किया रुख

वरुण की हिम्मत अब तक जवाब दे गई. फिर सोचा जब सिर्फ टेस्ट कराने में इतना लफड़ा है तो इलाज में कितना लफड़ा होगा. जिसके बाद उन्होंने निजी लैब में जाने का फैसला किया. लेकिन यहां भी उन्हें निराश होना पड़ा. उन्हें यह मालूम नहीं था कि दिल्ली सरकार की तरफ से उन्हें आगे जांच करने से मना किया गया है. वरुण को निजी लैब ने भी वही जवाब दिया कि उनके पास टेस्टिंग किट्स नहीं हैं. फिर वरुण ने दूसरे निजी लैब को संपर्क किया तो वहां उनसे कहा गया कि 'अभी जांच नहीं करने का सरकारी आदेश है' इसलिये जांच नहीं हो सकता. वरुण यहां से भी निराश होकर घर लौट आये.

तंग आकर सोशल मीडिया का लिया सहारा

चारों तरफ से जब वरुण को निराशा हाथ लगी तो उन्होंने सोशल मीडिया की मदद लेने का फैसला किया. पहले ट्वीट किया, उसके बाद फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट लिखकर दिल्ली सरकार के वर्ल्ड क्लास हॉस्पिटल्स की पोलपट्टी खोली. संयोग से वायरल सीजन में उनका यह पोस्ट भी वायरल हो गया. उसके बाद लोगों ने वरुण से संपर्क करना शुरू किया.

The Delhi government has refused hospitals to take samples for the corona test
अजय सहगल ने किया ट्वीट



एक अजनबी ने की मदद

वरुण ने बताया कि 5 जून यानी गुरुवार को उनके फोन पर एक अजनबी का कॉल आया. उसने शाहदरा टेस्टिंग सेंटर का पता बताया और वहां के संबंधित व्यक्ति का फोन नंबर देकर कहा अब जांच हो जाएगी और सही में इस बार जांच के लिए वरुण का सैंपल ले लिया गया.



सोशल मीडिया गरीबों के लिए काम नहीं करता

वरुण ने बताया कि वह सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं. इसके बेहतर इस्तेमाल उन्हें आता है लेकिन जरा सोचिए, उनका क्या हो रहा है जिनके पास ना तो स्मार्ट फोन है और ना ही सोशल मीडिया तक पहुंच. उनके पास उतने पैसे भी नहीं है कि वो निजी लैब में जाकर अपनी जांच करा सके. अगर उनकी यहां जांच नहीं होती तो वो दिल्ली से बाहर जाकर भी जांच करा लेते, लेकिन दिल्ली के गरीब लोग निजी लैब का खर्चा कहां से बर्दाश्त कर पाएंगे? अगर किसी के घर में क्रिटिकल मरीज हो जिसे तुरंत मेडिकल अटेंशन की जरूरत हो, वो क्या करेंगे ? सरकार को इन समस्याओं का समाधान करना चाहिए. हर कोई सोशल मीडिया तक नहीं पहुंच सकता है.मेरा टेस्ट तो हो गया बाकी लोगों का क्या? प्रॉब्लम अभी खत्म नहीं हुई है, ये अभी भी है.


नई दिल्ली: कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है और इसी बीच दिल्ली सरकार ने अनलॉक 1.0 भी शुरू कर दिया है. अब लोग घरों से बाहर आने लगे हैं. जिसकी वजह से जगह-जगह लोगों की भीड़ जुटने लगी हैं. आरोप है कि दिल्ली में कोविड के ज्यादा पॉजिटिव केसेज सामने ना आये इसीलिए अघोषित तौर पर सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को दिल्ली सरकार की तरफ से मौखिक आदेश देकर कोविड जांच नहीं करने की हिदायत दी गयी है.

दिल्ली में टेस्टिंग किट्स का अकाल

सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रवक्ता ने किया ट्वीट

दिल्ली के बड़े निजी अस्पतालों में शामिल सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रवक्ता अजय सहगल ने ट्वीट कर कहा कि निजी अस्पतालों को कोविड ट्रीटमेंट देने के लिये अधिकृत किया गया है. लेकिन टेस्ट करने की अनुमति ही नहीं है. जब जांच होगी ही नहीं तो नए मामले सामने कैसे आएंगे और फिर उनका इलाज कैसे शुरू होगा? निजी अस्पतालों को बिना जांच की सुविधा के कोविड इलाज के लिए अधिकृत ठीक करना वैसा ही है जैसे कि बिना किसी टूल के ही सर्जरी के लिए सर्जन से कह दिया गया हो. दूसरा बानगी दिल्ली के एक ऐसे युवक का है जो कोविड जांच के लिये एड़ी-चोटी की जोड़ लगा दी, लेकिन कहीं जांच नहीं हो पाई.


दिल्ली सरकार को दिखाया आईना

दिल्ली के रोहिणी इलाके में रहने वाले वरुण वत्स के कजन हाल ही में कोविड पॉजिटिव पाया गया है. वरुण भी अपने भाई के क्लोज कॉन्टैक्ट में थे. उन्हें जब फीवर और खांसी जैसे लक्षण उभरने लगे तो उन्हें लगा कि जांच करा लेनी चाहिये. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर अपने बारे में बताया कि कैसे वो अपने कोविड पॉजिटिव भाई के क्लोज कॉन्टैक्ट में थे और दो दिनों से उन्हें फीवर और खांसी जैसे लक्षण भी उभरने लगे हैं. जिसमें वरुण को रोहिणी के बाबा साहेब अंबेडकर हॉस्पिटल जाकर अपनी जांच करा लेने को कहा गया.



ऐसे बनी चकरघिन्नी

जिसके बाद वरुण बाबा साहेब अम्बेडकर हॉस्पिटल सुबह सबेरे पहुंच गये. वहां तीन घंटे तक इंतजार करवाने के बाद 4 जून को आने के लिये बोला गया. वहां पहले से ही जांच कराने वालों की एक लंबी कतार थी. उनमें से किसी के भी सैंपल नहीं लिए गए थे.



"ऊपर से परमिशन" नहीं

वरुण जब हॉस्पिटल की दी गयी तारीख 4 जून को जांच के लिये बाबा साहेब अंबेडकर हॉस्पिटल पहुंचे, तो वहां पहले से ही जांच के लिए लंबी कतारें लगी थी. वहां जांच के लिये सैंपल नहीं कलेक्ट किये जा रहे थे. जब इस बारे में वरुण ने काउंटर पर जाकर पूछा तो उन्होंने कहा कि "ऊपर से परमिशन" नहीं है.

The Delhi government has refused hospitals to take samples for the corona test
वरुण ने की सोशल मीडिया पर पोस्ट



दोबारा दिल्ली हेल्पलाइन पर किया फोन

हैरान-परेशान वरुण ने एक बार फिर दिल्ली सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर मदद मांगी. इस बार उनसे रोहिणी सेक्टर 5 स्थित महाराजा अग्रसेन अस्पताल जाने को कहा गया. यहां जरूर जांच हो जाएगा ऐसा आश्वासन वरुण को दिया गया. जिसके बाद वरुण बड़ी उम्मीद से महाराजा अग्रसेन पहुंचे, लेकिन यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी. यहां उनसे कहा गया कि "टेस्टिंग किट्स" खत्म हो गए हैं.



सरकारी लफड़ा छोड़ निजी लैब की तरफ किया रुख

वरुण की हिम्मत अब तक जवाब दे गई. फिर सोचा जब सिर्फ टेस्ट कराने में इतना लफड़ा है तो इलाज में कितना लफड़ा होगा. जिसके बाद उन्होंने निजी लैब में जाने का फैसला किया. लेकिन यहां भी उन्हें निराश होना पड़ा. उन्हें यह मालूम नहीं था कि दिल्ली सरकार की तरफ से उन्हें आगे जांच करने से मना किया गया है. वरुण को निजी लैब ने भी वही जवाब दिया कि उनके पास टेस्टिंग किट्स नहीं हैं. फिर वरुण ने दूसरे निजी लैब को संपर्क किया तो वहां उनसे कहा गया कि 'अभी जांच नहीं करने का सरकारी आदेश है' इसलिये जांच नहीं हो सकता. वरुण यहां से भी निराश होकर घर लौट आये.

तंग आकर सोशल मीडिया का लिया सहारा

चारों तरफ से जब वरुण को निराशा हाथ लगी तो उन्होंने सोशल मीडिया की मदद लेने का फैसला किया. पहले ट्वीट किया, उसके बाद फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट लिखकर दिल्ली सरकार के वर्ल्ड क्लास हॉस्पिटल्स की पोलपट्टी खोली. संयोग से वायरल सीजन में उनका यह पोस्ट भी वायरल हो गया. उसके बाद लोगों ने वरुण से संपर्क करना शुरू किया.

The Delhi government has refused hospitals to take samples for the corona test
अजय सहगल ने किया ट्वीट



एक अजनबी ने की मदद

वरुण ने बताया कि 5 जून यानी गुरुवार को उनके फोन पर एक अजनबी का कॉल आया. उसने शाहदरा टेस्टिंग सेंटर का पता बताया और वहां के संबंधित व्यक्ति का फोन नंबर देकर कहा अब जांच हो जाएगी और सही में इस बार जांच के लिए वरुण का सैंपल ले लिया गया.



सोशल मीडिया गरीबों के लिए काम नहीं करता

वरुण ने बताया कि वह सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं. इसके बेहतर इस्तेमाल उन्हें आता है लेकिन जरा सोचिए, उनका क्या हो रहा है जिनके पास ना तो स्मार्ट फोन है और ना ही सोशल मीडिया तक पहुंच. उनके पास उतने पैसे भी नहीं है कि वो निजी लैब में जाकर अपनी जांच करा सके. अगर उनकी यहां जांच नहीं होती तो वो दिल्ली से बाहर जाकर भी जांच करा लेते, लेकिन दिल्ली के गरीब लोग निजी लैब का खर्चा कहां से बर्दाश्त कर पाएंगे? अगर किसी के घर में क्रिटिकल मरीज हो जिसे तुरंत मेडिकल अटेंशन की जरूरत हो, वो क्या करेंगे ? सरकार को इन समस्याओं का समाधान करना चाहिए. हर कोई सोशल मीडिया तक नहीं पहुंच सकता है.मेरा टेस्ट तो हो गया बाकी लोगों का क्या? प्रॉब्लम अभी खत्म नहीं हुई है, ये अभी भी है.


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