नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में गणेश चतुर्थी के मद्देनजर बाजार सजते हैं और लोगों में एक उत्साह का माहौल रहता है. वहीं मूर्तियों का व्यापार भी भारी मात्रा में किया जाता है. लेकिन इस गणेश चतुर्थी बाजार ठंडा पड़ा है.
महंगाई और आर्थिक मंदी कारण
मूर्तिकार भी इस बार गणेश चतुर्थी पर मायूस और सुस्त दिख रहे हैं. जिसका कारण महंगाई और आर्थिक मंदी के चलते ब्रिक्री भी कम हो रही है.
मूर्तियों की बिक्री में भारी गिरावट
इस दिन गणेश जी के भक्तगण गणेश जी की मूर्ति व प्रतिमा को अपने घर में स्थापित करते हैं. 11 दिन पूजा-अर्चना के बाद उनका विसर्जन किया जाता है. ऐसे में यह त्योहार पूरे देश समेत राजधानी दिल्ली में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार गणेश चतुर्थी पर भक्तजनों समेत मूर्तिकार भी सुस्त दिख रहे हैं. जिसका कारण मूर्तिकार महंगाई और आर्थिक मंदी मान रहे हैं. पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी इलाके में कुछ ऐसे ही मूर्तिकारों से बातचीत की जिन्होंने पिछले कई सालों की अपेक्षा इस साल मूर्तियों की बिक्री में भारी गिरावट बताई.
इन मूर्तियों की कीमत ₹100 से लेकर कई हजार रुपए होती है. लोग बड़े ही श्रद्धा भक्ति से गणपति बप्पा की मूर्तियों को खरीद कर अपने घर ले जाते थे लेकिन इस बार बिक्री की तादात ना के बराबर होने के कारण मूर्तिकार व मूर्ति विक्रेता बहुत मायूस दिख रहे हैं.