नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम महिलाओं से जुड़े कई अहम मुद्दों पर बात कर रहे हैं. लेकिन सबसे जरूरी जो विषय है उस पर शायद हम खुलकर बात नहीं करते हैं, आज भी समाज में मासिक धर्म को एक पाबंदी समझा जाता है. और खुद महिलाएं इस पर खुलकर बात नहीं करती. लेकिन एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मासिक धर्म को लेकर जागरूकता बेहद आवश्यक है क्योंकि इन दिनों महिलाएं एक छोटी सी लापरवाही से भी बड़ी बीमारियों का शिकार हो सकती हैं.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के गायनी डिपार्टमेंट की डॉक्टर स्वाती तोमर बताती हैं कि मासिक धर्म स्वच्छता को लेकर जागरूकता होना बेहद आवश्यक है, क्योंकि इन दिनों इन्फेक्शन पहले का डर होता है. इसीलिए यह जरूरी है कि महिलाओं को पता हो कि वह मासिक धर्म के दौरान किन चीजों का इस्तेमाल करें और अपने खानपान का खास तौर पर ध्यान रखें. उन्होंने बताया कि पीरियड के दौरान हर 6 घंटे में अपना पैड्स बदलते रहे, और यदि आप कपड़ा इस्तेमाल करते हैं, तो सूती साफ कपड़ा ही इस्तेमाल करें, और फिर उसे अच्छे से धोकर धूप में सुखाएं.
गांव देहात में जागरुकता की है कमी
डॉक्टर ने कहा कि पीरियड के दौरान कपड़ा इस्तेमाल करना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन यदि आप गंदा कपड़ा या गंदा पैड इस्तेमाल कर रहे हैं, तो वह आपको इन्फेक्शन दे सकता है इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज भी गांव देहात में महिलाएं इस को लेकर जागरूक नहीं है, और कई रिपोर्ट सामने आई हैं, जिसमें कहा गया है कि महिलाएं घास-फुस, मिट्टी आदि का इस्तेमाल किया करती थी, जहां पर जागरूकता बढ़ाई जाने की जरूरत है.
सेनेटरी नैपकिन को कागज में लपेटकर ही कूड़ेदान में डालें
पहले समय के मुकाबले आज के समय में मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को काफी समस्याएं होती हैं, खासतौर पर पेट दर्द, जी मचलाना, असहजता और मूड स्विंग जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं. वही डॉक्टर का कहना है कि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता का ध्यान नहीं रखने पर कई प्रकार की बीमारियां और दूसरी समस्याएं हो सकती हैं, हमारे देश में हर साल कई महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित होती है, क्योंकि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता ना रखने पर बैक्टीरियल फंगल इनफेक्शन होने की संभावना होती है, कई बार यूट्रस तक यह संक्रमण पहुंच जाता है. ऐसे में साफ-सुथरे सैनिटरी नैपकिन और यदि कपड़े का इस्तेमाल कर रहे हैं तो साफ सूती कपड़ा इस्तेमाल करें और फिर उसे डिस्पोज करते समय भी एक पेपर में सही से लपेट कर फेंके, खुले में आप सेनेटरी नैपकिन ना फेंके.
पीरियड के दौरान खानपान का रखें खास ध्यान
डॉक्टर स्वाती तोमर ने कहा कि पीरियड के दौरान महिलाओं को सही खानपान का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है, महिलाओं को चाहिए कि वह ताजे फल, सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स, दूध किशमिश आदि का सेवन जरूर करें. इससे ताकत मिलती है और पीरियड के दौरान होने वाली समस्याएं भी नहीं होती इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कई महिलाओं को पीरियड के दौरान पेट दर्द जैसी समस्याएं भी होती हैं, जिसके लिए महिलाएं घर पर ही गर्म पानी की बोतल से सिकाई कर सकते हैं, इसके साथ ही गरम पानी दूध चाय आदि का सेवन करने से भी परेशानी कम होती है.
ज्यादा तकलीफ होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें
डॉ तोमर ने कहा कि पीरियड के दौरान होने परेशानियों को लेकर रूढ़िवादी सोच अभी भी कायम है, जिसमें महिला कई तकलीफें झेलती रहती हैं, लेकिन डॉक्टर के पास नहीं जाती. लेकिन यदि पीरियड के दौरान आपको ज्यादा तकलीफ होती है तो आप जरूर डॉक्टर की सलाह ले. वही पीरियड के दौरान महिला कर्मचारियों को दफ्तर में छुट्टी दी जानी चाहिए या नहीं? इसको लेकर इन दिनों एक बहस छिड़ी हुई है, जिसको लेकर डॉक्टर स्वाती ने कहा कि कई बार कई महिलाओं को पीरियड के दौरान काफी तकलीफ होती है, दर्द काफी ज्यादा होता है ऐसे में यदि उन्हें आवश्यकता हो तो दफ्तरों में छुट्टी दिए जाने का प्रावधान होना चाहिए, लेकिन कई बार महिलाएं ऐसी जगह पर भी कार्यरत होती हैं जहां पर छुट्टी मिलना मुश्किल हो सकता है.