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मेट्रो के 27 नए स्टेशनों पर लगाए जाएंगे सोलर एनर्जी प्लांट, एक करोड़ यूनिट पैदा होगी बिजली - एक करोड़ यूनिट

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) अभी चल रहे मेट्रो के चौथे चरण के निर्माण कार्य के दौरान मेट्रो के 27 नए स्टेशनों पर सोलर एनर्जी प्लांट (Solar power plants) लगाने जा रहा है. इनसे एक करोड़ यूनिट बिजली (units of electricity) पैदा होगी. डीएमआरसी अपनी ऊर्जा की जरूरतों का 35 फीसद सौर ऊर्जा से करता है.

मेट्रो के 27 नए स्टेशनों पर लगाए जाएंगे सोलर एनर्जी प्लांट, एक करोड़ यूनिट पैदा होगी बिजली
मेट्रो के 27 नए स्टेशनों पर लगाए जाएंगे सोलर एनर्जी प्लांट, एक करोड़ यूनिट पैदा होगी बिजली
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Published : Sep 29, 2022, 4:21 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की लाइफ लाइन बन चुकी मेट्रो के चौथे चरण के तहत अभी निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस चरण में बनने वाली फिलहाल 27 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन पर सोलर एनर्जी प्लांट लगाए जाएंगे. दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) का मानना है कि 10 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर एनर्जी प्लांट से एक वर्ष में तकरीबन एक करोड़ यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन (electricity will be generated) होगा.

मेट्रो के चौथे चरण का काम दिसंबर 2019 में शिलान्यास समारोह के साथ शुरू हुआ था, लेकिन मार्च 2020 में कोविड महामारी फैलने के बाद काम प्रभावित हुआ. वर्तमान में डीएमआरसी परियोजना के तहत तीन प्राथमिकता वाले गलियारों के 65.2 किलोमीटर पर निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके तहत 45 स्टेशन हैं. इनमें 27 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशनों पर सोलर एनर्जी प्लांट लगाए जाएंगे.

ये भी पढ़ें :-Driverless metro : नया कीर्तिमान बनाने जा रही दिल्ली मेट्रो, ऐसा हुआ तो शंघाई मेट्रो को कर देगी पीछे

अन्य तरीकों से भी सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने का हो रहा प्रयास : डीएमआरसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुज दयाल का कहना है कि चौथे चरण की लाइनों पर मेट्रो सेवा शुरू होने के बाद हर साल लगभग 21.8 करोड़ यूनिट अतिरिक्त बिजली की जरूरत होगी. ऐसे में अधिक से अधिक सोलर एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए चौथे चरण में बनने वाले सभी 27 एलिवेटेड स्टेशनों पर सोलर एनर्जी प्लांट लगाने की योजना है.

सोलर एनर्जी की क्षमता को बढ़ाने के लिए कुछ जगहों पर एलिवेटेड ट्रैक के आसपास सोलर पैनल भी लगाए जाएंगे. नेटवर्क के चौथे चरण में कोई नया मेट्रो डिपो नहीं बन रहा है. इसलिए अन्य तरीकों से भी सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.

मेट्रो में इस्तेमाल होती है 35 प्रतिशत सौर ऊर्जा : बता दें, अभी तक मेट्रो की मौजूदा लाइनों में दिल्ली मेट्रो द्वारा स्थापित किए गए हैं. सोलर एनर्जी प्लांट के जरिए 2021-22 में लगभग 3.45 करोड़ यूनिट सोलर एनर्जी का उत्पादन हुआ है. इस दौरान दिल्ली मेट्रो में मध्यप्रदेश की स्थित रीवा सोलर प्लांट से भी 30.15 करोड़ यूनिट सोलर एनर्जी ली है.

अभी दिल्ली मेट्रो में बिजली की कुल खपत करीब 110 करोड़ यूनिट प्रतिवर्ष है. इसमें करीब 35 प्रतिशत सौर ऊर्जा होती है. जिसे अलग-अलग माध्यमों से उत्पादन करके उसका इस्तेमाल मेट्रो सिस्टम में किया जाता है. डीएमआरसी ने वर्ष 2031 तक पूरे मेट्रो सिस्टम की करीब 50 फीसद ऊर्जा की जरूरत सौर ऊर्जा के माध्यम से पूरी हो, यह लक्ष्य निर्धारित किया है.

दिसंबर 2019 में मेट्रो के चौथे चरण का काम हुआ था शुरू : दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण का काम दिसंबर 2019 में शिलान्यास समारोह के साथ शुरू हुआ था. लेकिन मार्च 2020 में कोविड महामारी फैलने के बाद काम प्रभावित हुआ था.

वर्तमान में डीएमआरसी परियोजना के तहत जनकपुरी वेस्ट-आर के आश्रम मार्ग (28.92 किमी), पहले से ही संचालित मैजेंटा लाइन और पिंक लाइन का विस्तार मजलिस पार्क-मौजपुर (12.55 किमी) और तुगलकाबाद-एरोसिटी (23.62 किमी) पर चल रहा है. अब भी निर्माण कार्य दिसंबर 2024 की तय समय-सीमा में पूरा करने की कोशिश की जा रही है.

ये भी पढ़ें :- चौथे फेज में DMRC की बड़ी उपलब्धि, पहली टनल बनकर तैयार

नई दिल्ली : दिल्ली की लाइफ लाइन बन चुकी मेट्रो के चौथे चरण के तहत अभी निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस चरण में बनने वाली फिलहाल 27 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन पर सोलर एनर्जी प्लांट लगाए जाएंगे. दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) का मानना है कि 10 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर एनर्जी प्लांट से एक वर्ष में तकरीबन एक करोड़ यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन (electricity will be generated) होगा.

मेट्रो के चौथे चरण का काम दिसंबर 2019 में शिलान्यास समारोह के साथ शुरू हुआ था, लेकिन मार्च 2020 में कोविड महामारी फैलने के बाद काम प्रभावित हुआ. वर्तमान में डीएमआरसी परियोजना के तहत तीन प्राथमिकता वाले गलियारों के 65.2 किलोमीटर पर निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके तहत 45 स्टेशन हैं. इनमें 27 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशनों पर सोलर एनर्जी प्लांट लगाए जाएंगे.

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अन्य तरीकों से भी सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने का हो रहा प्रयास : डीएमआरसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुज दयाल का कहना है कि चौथे चरण की लाइनों पर मेट्रो सेवा शुरू होने के बाद हर साल लगभग 21.8 करोड़ यूनिट अतिरिक्त बिजली की जरूरत होगी. ऐसे में अधिक से अधिक सोलर एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए चौथे चरण में बनने वाले सभी 27 एलिवेटेड स्टेशनों पर सोलर एनर्जी प्लांट लगाने की योजना है.

सोलर एनर्जी की क्षमता को बढ़ाने के लिए कुछ जगहों पर एलिवेटेड ट्रैक के आसपास सोलर पैनल भी लगाए जाएंगे. नेटवर्क के चौथे चरण में कोई नया मेट्रो डिपो नहीं बन रहा है. इसलिए अन्य तरीकों से भी सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.

मेट्रो में इस्तेमाल होती है 35 प्रतिशत सौर ऊर्जा : बता दें, अभी तक मेट्रो की मौजूदा लाइनों में दिल्ली मेट्रो द्वारा स्थापित किए गए हैं. सोलर एनर्जी प्लांट के जरिए 2021-22 में लगभग 3.45 करोड़ यूनिट सोलर एनर्जी का उत्पादन हुआ है. इस दौरान दिल्ली मेट्रो में मध्यप्रदेश की स्थित रीवा सोलर प्लांट से भी 30.15 करोड़ यूनिट सोलर एनर्जी ली है.

अभी दिल्ली मेट्रो में बिजली की कुल खपत करीब 110 करोड़ यूनिट प्रतिवर्ष है. इसमें करीब 35 प्रतिशत सौर ऊर्जा होती है. जिसे अलग-अलग माध्यमों से उत्पादन करके उसका इस्तेमाल मेट्रो सिस्टम में किया जाता है. डीएमआरसी ने वर्ष 2031 तक पूरे मेट्रो सिस्टम की करीब 50 फीसद ऊर्जा की जरूरत सौर ऊर्जा के माध्यम से पूरी हो, यह लक्ष्य निर्धारित किया है.

दिसंबर 2019 में मेट्रो के चौथे चरण का काम हुआ था शुरू : दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण का काम दिसंबर 2019 में शिलान्यास समारोह के साथ शुरू हुआ था. लेकिन मार्च 2020 में कोविड महामारी फैलने के बाद काम प्रभावित हुआ था.

वर्तमान में डीएमआरसी परियोजना के तहत जनकपुरी वेस्ट-आर के आश्रम मार्ग (28.92 किमी), पहले से ही संचालित मैजेंटा लाइन और पिंक लाइन का विस्तार मजलिस पार्क-मौजपुर (12.55 किमी) और तुगलकाबाद-एरोसिटी (23.62 किमी) पर चल रहा है. अब भी निर्माण कार्य दिसंबर 2024 की तय समय-सीमा में पूरा करने की कोशिश की जा रही है.

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