नई दिल्ली: भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Former President Ram Nath Kovind) ने कहा कि रामलीला का आयोजन भारत की संस्कृतिक विरासत को नई शक्ति देता है. भारतीय संस्कृति प्रभु राम के बिना अधूरी है. मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के प्रतीक हैं. वह मंगलवार को पूर्वी दिल्ली के आईपी एक्सटेंशन स्थित उत्सव ग्राउंड में आयोजित रामलीला का मंचन देखने के लिए पहुंचे थे.
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रामलीला का मंचन देखने आए लोगों को संबोधित करते हुए रामनाथ कोविंद ने कहा कि रामलीला का आयोजन भारत की संस्कृतिक विरासत को नई शक्ति देता है. भारतीय संस्कृति प्रभु राम के बिना अधूरी है. मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के प्रतीक हैं. भारतीय संस्कृति और श्री राम एक दूसरे के पूरक हैं, प्रभु राम के बिना भारतीय संस्कृति अधूरी है. हम सब प्रभु राम के, और प्रभु राम हम सबके हैं. जीवन का अगर आदर्श रूप देखना है तो वह सिर्फ श्री राम के चरित्र में देखने को मिलेगा.
इस मौके पर रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने रामलीला का मंचन देखने के लिए आने पर रामनाथ कोविंद का धन्यवाद करते हुए कहा कि श्री रामलीला कमेटी इंद्रप्रस्थ को उनका आशीर्वाद इसी तरीके से मिलता रहे. उत्सव ग्राउंड में रामनाथ कोविंद के आगमन की सूचना पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी . उत्सव ग्राउंड में हजारों की भीड़ थी मैदान में पांव रखने की भी जगह नहीं बची थी.
इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद डॉक्टर हर्षवर्धन, विधायक ओम प्रकाश शर्मा, पूर्व पार्षद अपर्णा गोयल के साथ ही रामलीला कमेटी के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे. इस मौके पर श्री रामलीला कमेटी के प्रधान सुरेश बिंदल के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने रामनाथ कोविंद का पुष्पगुच्छ देकर और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया. साथ ही उन्हें स्मृति चिह्न और धनुष भेंट की गई.
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