नई दिल्ली: दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने बढ़ती इलेक्ट्रिक बसों की संख्या को देखते हुए ड्राइवरों की ट्रेनिंग प्रक्रिया को तेज कर दिया है. अब डीटीसी ने अपने सभी ड्राइवरों को इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में दक्ष बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत न केवल स्थायी ड्राइवरों बल्कि कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम कर रहे ड्राइवरों को भी इलेक्ट्रिक बस चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी.
डीटीसी के वरिष्ठ अधिकारी पंकज कुमार के मुताबिक इस पहल के तहत दिल्ली सरकार ने सभी कॉन्ट्रैक्ट ड्राइवरों के लिए विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार करने का निर्देश दिया था. इसके बाद नंद नगरी स्थित डीटीसी के ट्रेनिंग स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट ड्राइवरों को ट्रेनिंग देने की प्रक्रिया शुरू की गई है. इस ट्रेनिंग के प्रत्येक बैच में 140 ड्राइवरों को शामिल किया जाएगा.
डीटीसी द्वारा आयोजित यह ट्रेनिंग छह दिन तक चलेगी, जिसमें से दो दिन थ्योरी आधारित और चार दिन प्रैक्टिकल ट्रेनिंग होगी. इसमें ड्राइवरों को बस चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ट्रेनिंग पूरी करने वाले ड्राइवरों को एक प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा. डीटीसी के सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में कार्यरत सभी कॉन्ट्रैक्ट ड्राइवरों को ट्रेनिंग में भेजें.
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प्रशिक्षित ड्राइवरों की कमी दूर होगी
इस कदम के पीछे डीटीसी का उद्देश्य अपनी बढ़ती इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े को संभालने के लिए प्रशिक्षित ड्राइवरों की कमी को दूर करना है. अभी तक डीटीसी की इलेक्ट्रिक बसों के कंडक्टर को निगम द्वारा नियुक्त किया जाता है, जबकि ड्राइवर बस निर्माता कंपनी द्वारा नियुक्त किए जाते हैं. अब डीटीसी ने यह कदम उठाया है, ताकि इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या न आए.
अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने की मांग
इस निर्णय के बाद डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन ने सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री आतिशी को धन्यवाद दिया. यूनियन ने यह भी उम्मीद जताई कि इस कदम से कॉन्ट्रैक्ट ड्राइवरों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और उन्हें कोई कठिनाई नहीं होगी. साथ ही यूनियन ने सरकार से डीटीसी के सभी अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है. उम्मीद है कि मांगें जल्द पूरी होंगी.
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