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'विदेश जाने की इजाजत है लेकिन सूचना मिलने के 48 घंटे में भारत लौटना होगा' - विदेश

कोर्ट ने शशि थरुर को निर्देश दिया कि वे भारत लौटने के दो दिन के अंदर कोर्ट को इसकी जानकारी देंगे और वे अपने पासपोर्ट और वीजा कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे.

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Published : Jul 26, 2019, 11:16 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में आरोपी शशि थरूर को विदेश जाने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने 5 अगस्त से 2 अक्टूबर तक विदेश जाने की इजाजत दी है. स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने शशि थरूर को दो लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट जमा करने का निर्देश दिया.

ये फिक्स्ड डिपॉजिट की रकम उनके भारत लौटने पर वापस कर दी जाएगी. इससे पहले भी कोर्ट छह बार शशि थरूर को विदेश जाने की इजाजत दे चुका है.


5 अगस्त से 2 अक्टूबर तक की इजाजत मांगी
शशि थरूर ने 5 अगस्त से 2 अक्टूबर तक कोरिया, जर्मनी, मालदीव, ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका जाने की इजाजत मांगी थी.

शशि थरूर ने 5 अगस्त से 10 अगस्त तक कोरिया , 18 अगस्त से 22 अगस्त तक जर्मनी, 25 अगस्त से 30 अगस्त तक मालदीव, 13 सितंबर से 15 सितंबर तक जर्मनी, 15 सितंबर से 18 सितंबर तक ब्रिटेन, 24 सितंबर से 27 सितंबर तक अमेरिका, 28 सितंबर को कनाडा, 29 सितंबर से 2 अक्टूबर तक अमेरिका की यात्रा पर जाने के लिए इजाजत मांगी थी.

'गवाह या साक्ष्य से छेड़छाड़ न हो'
कोर्ट ने शशि थरूर को निर्देश दिया कि वे भारत लौटने के दो दिन के अंदर कोर्ट को इसकी जानकारी देंगे और वे अपने पासपोर्ट और वीजा कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे. कोर्ट ने शशि थरूर को सुनंदा पुष्कर मामले में किसी गवाह को प्रभावित करने या साक्ष्य से छेड़छाड़ न करने का निर्देश दिया.

'48 घंटे में उपस्थिति होना होगा'
कोर्ट ने शशि थरूर के वकील गौरव गुप्ता को निर्देश दिया कि वे उनकी अनुपस्थिति में अभियोजन पक्ष की ओर से जारी किए गए किसी भी नोटिस को स्वीकार करेंगे.
अगर अभियोजन को शशि थरूर की उपस्थिति की जरुरत होगी तो उनके वकील शशि थरूर को तुरंत सूचना देंगे. शशि थरूर सूचना मिलने के 48 घंटे के अंदर भारत लौट आएंगे. कोर्ट ने शशि थरूर को निर्देश दिया कि विदेश जाने से पहले वे अपनी यात्रा का पूरा विवरण कोर्ट को देकर जाएंगे.

20 और 22 अगस्त को सुनवाई
इस मामले में कोर्ट शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में 20 और 22 अगस्त को दलीलें सुनेगा. पिछली 18 जुलाई को कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को विशेषज्ञों से दिशानिर्देश लेने के लिए दस्तावेज साझा करने की इजाजत दी थी. कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को किसी तीसरे पक्ष से दस्तावेज साझा करने से मना किया था.

नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में आरोपी शशि थरूर को विदेश जाने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने 5 अगस्त से 2 अक्टूबर तक विदेश जाने की इजाजत दी है. स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने शशि थरूर को दो लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट जमा करने का निर्देश दिया.

ये फिक्स्ड डिपॉजिट की रकम उनके भारत लौटने पर वापस कर दी जाएगी. इससे पहले भी कोर्ट छह बार शशि थरूर को विदेश जाने की इजाजत दे चुका है.


5 अगस्त से 2 अक्टूबर तक की इजाजत मांगी
शशि थरूर ने 5 अगस्त से 2 अक्टूबर तक कोरिया, जर्मनी, मालदीव, ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका जाने की इजाजत मांगी थी.

शशि थरूर ने 5 अगस्त से 10 अगस्त तक कोरिया , 18 अगस्त से 22 अगस्त तक जर्मनी, 25 अगस्त से 30 अगस्त तक मालदीव, 13 सितंबर से 15 सितंबर तक जर्मनी, 15 सितंबर से 18 सितंबर तक ब्रिटेन, 24 सितंबर से 27 सितंबर तक अमेरिका, 28 सितंबर को कनाडा, 29 सितंबर से 2 अक्टूबर तक अमेरिका की यात्रा पर जाने के लिए इजाजत मांगी थी.

'गवाह या साक्ष्य से छेड़छाड़ न हो'
कोर्ट ने शशि थरूर को निर्देश दिया कि वे भारत लौटने के दो दिन के अंदर कोर्ट को इसकी जानकारी देंगे और वे अपने पासपोर्ट और वीजा कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे. कोर्ट ने शशि थरूर को सुनंदा पुष्कर मामले में किसी गवाह को प्रभावित करने या साक्ष्य से छेड़छाड़ न करने का निर्देश दिया.

'48 घंटे में उपस्थिति होना होगा'
कोर्ट ने शशि थरूर के वकील गौरव गुप्ता को निर्देश दिया कि वे उनकी अनुपस्थिति में अभियोजन पक्ष की ओर से जारी किए गए किसी भी नोटिस को स्वीकार करेंगे.
अगर अभियोजन को शशि थरूर की उपस्थिति की जरुरत होगी तो उनके वकील शशि थरूर को तुरंत सूचना देंगे. शशि थरूर सूचना मिलने के 48 घंटे के अंदर भारत लौट आएंगे. कोर्ट ने शशि थरूर को निर्देश दिया कि विदेश जाने से पहले वे अपनी यात्रा का पूरा विवरण कोर्ट को देकर जाएंगे.

20 और 22 अगस्त को सुनवाई
इस मामले में कोर्ट शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में 20 और 22 अगस्त को दलीलें सुनेगा. पिछली 18 जुलाई को कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को विशेषज्ञों से दिशानिर्देश लेने के लिए दस्तावेज साझा करने की इजाजत दी थी. कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को किसी तीसरे पक्ष से दस्तावेज साझा करने से मना किया था.

Intro:
नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत मामले के आरोपी शशि थरुर को विदेश जाने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने 5 अगस्त से 2 अक्टूबर तक विदेश जाने की इजाजत दे दी है। स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने शशि थरुर को दो लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट जमा करने का निर्देश दिया। ये फिक्स्ड डिपॉजिट उनके भारत लौटने पर वापस कर दी जाएगी। इसके पहले भी कोर्ट छह बार शशि थरुर को विदेश जाने की अनुमति दे चुका है।



Body:शशि थरुर ने 5 अगस्त से 2 अक्टूबर तक कोरिया, जर्मनी, मालदीव, ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका जाने की अनुमति मांगी थी। शशि थरुर ने 5 अगस्त से 10 अगस्त तक कोरिया , 18 अगस्त से 22 अगस्त तक जर्मनी, 25 अगस्त से 30 अगस्त तक मालदीव, 13 सितंबर से 15 सितंबर तक जर्मनी,  15 सितंबर से 18 सितंबर तक ब्रिटेन, 24 सितंबर से 27 सितंबर तक अमेरिका, 28 सितंबर को कनाडा, 29 सितंबर से 2 अक्टूबर तक अमेरिका की यात्रा पर जाने के लिए अनुमति मांगी थी।
कोर्ट ने शशि थरुर को निर्देश दिया कि वे भारत लौटने के दो दिन के अंदर कोर्ट को इसकी सूचना देंगे और वे अपने पासपोर्ट और वीजा कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे। कोर्ट ने शशि थरुर को सुनंदा पुष्कर मामले में किसी गवाह को प्रभावित करने या साक्ष्य से छेड़छाड़ न करने का निर्देश दिया । कोर्ट ने शशि थरुर के वकील गौरव गुप्ता को निर्देश दिया कि वे उनकी अनुपस्थिति में अभियोजन की ओर से जारी किए गए किसी भी नोटिस को स्वीकार करेंगे। अगर अभियोजन को शशि थरुर की उपस्थिति की जरुरत होगी तो उनके वकील शशि थरुर को तुरंत सूचना देंगे और शशि थरुर सूचना मिलने के 48 घंटे के अंदर भारत लौट आएंगे। कोर्ट ने शशि थरुर को निर्देश दिया कि विदेश जाने से पहले वे अपनी यात्रा का पूरा विवरण कोर्ट को बताकर जाएंगे।
आपको बता दें कि इस मामले में कोर्ट शशि थरुर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में 20 और 22 अगस्त को दलीलें सुनेगा। पिछले 18 जुलाई को कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को विशेषज्ञों से दिशानिर्देश लेने के लिए दस्तावेज साझा करने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को किसी तीसरे पक्ष से दस्तावेज साझा करने से मना किया था।
कोर्ट ने कहा था कि अभियोजन पक्ष जिन विशेषज्ञों से दस्तावेज साझा करेगा वे किसी दूसरे से इसे साझा नहीं करेंगे। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को निर्देश दिया था कि वो विशेषज्ञों से राय लेने के लिए दस्तावेज साझा करने से पहले कोर्ट के आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। अभियोजन पक्ष उन विशेषज्ञों का रिकॉर्ड भी बनाकर रखेगा जिनकी वो मदद लेने की योजना बना रहा हो।
पिछले 24 मई को कोर्ट ने बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी को पब्लिक प्रोसिक्यूटर का सहयोग करने की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने स्वामी की उस मांग को भी खारिज कर दिया था कि साक्ष्यों को नष्ट करने पर दिल्ली पुलिस की विजिलेंस रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की जाए।
पिछले 4 फरवरी को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने खुद को अभियोजन को मदद करने की मांग की थी। हालांकि कोर्ट ने इस मामले की विजिलेंस रिपोर्ट सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था ताकि भविष्य में जरुरत पड़ने पर काम आ सके। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की कोर्ट ने 4 फरवरी को इस मामले को ट्रायल के लिए सेशंस कोर्ट में भेज दिया था। 
14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप पत्र में सुनंदा पुष्कर के पति और कांग्रेस नेता शशि थरूर को आरोपी बनाया गया है। शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा498 ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया है।



Conclusion:आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के 3 साल , 3 महीने और 15 दिनों में हो गई थी। दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी।1 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
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