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दिल्ली हिंसा के मामले में शरजील इमाम की कड़कड़डूमा कोर्ट पेशी आज - कड़कड़डूमा कोर्ट

शरजील इमाम को दिल्ली हिंसा के मामले में दर्ज यूएपीए के तहत दर्ज मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया जाएगा. शरजील इमाम की न्यायिक हिरासत की अवधि आज खत्म हो रही है.

Sharjeel Imam Karkardooma court appearance today in Delhi violence case
शरजील इमाम
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Published : Oct 22, 2020, 11:14 AM IST

नई दिल्ली: जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को दिल्ली हिंसा के मामले में दर्ज यूएपीए के तहत दर्ज मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया जाएगा. शरजील इमाम की न्यायिक हिरासत की अवधि आज खत्म हो रही है. पिछले 1 अक्टूबर को कोर्ट ने शरजील को आज तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था.

शरजील इमाम की कड़कड़डूमा कोर्ट पेशी आज
न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी

पिछले 1 अक्टूबर को शरजील की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का शरजील की वकील सुरभि दास ने विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि इस केस में शरजील को आरोपी बनाये जाने का मतलब अभी तक उनके समझ में नहीं आया. उन्होंने कहा था कि उन्हें रिमांड की कॉपी भी नहीं दी गई है. पिछले 3 सितंबर को शरजील को 1 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.


25 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था

शरजील इमाम को दिल्ली हिंसा के मामले में पिछले 25 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत दाखिल चार्जशीट में कहा है कि शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने की जी तोड़ कोशिश कर रहा था. शरजील को भड़काऊ भाषण देने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों में से एक के संपर्क में था. पीएफआई के सदस्य ने शरजील पीएफआई के सदस्य के रूप में विरोध करने का सुझाव दिया था. चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील ने न सिर्फ एक समुदाय को जुटाया, बल्कि दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों में चक्का जाम कराने की भी कोशिश की.



बिहार से गिरफ्तार किया गया था

शरजील इमाम को दिल्ली पुलिस असम से दिल्ली लेकर आई थी. शरजील इमाम को शाहीन बाग में आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में बिहार से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक जामिया हिंसा की जांच के दौरान एक आरोपी ने कहा कि उसने शरजील इमाम के भाषण से प्रभावित होकर हिंसा को अंजाम दिया. दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले 10 जुलाई को शरजील इमाम की उसके खिलाफ जांच की अवधि 90 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दिया था.

नई दिल्ली: जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को दिल्ली हिंसा के मामले में दर्ज यूएपीए के तहत दर्ज मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया जाएगा. शरजील इमाम की न्यायिक हिरासत की अवधि आज खत्म हो रही है. पिछले 1 अक्टूबर को कोर्ट ने शरजील को आज तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था.

शरजील इमाम की कड़कड़डूमा कोर्ट पेशी आज
न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी

पिछले 1 अक्टूबर को शरजील की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का शरजील की वकील सुरभि दास ने विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि इस केस में शरजील को आरोपी बनाये जाने का मतलब अभी तक उनके समझ में नहीं आया. उन्होंने कहा था कि उन्हें रिमांड की कॉपी भी नहीं दी गई है. पिछले 3 सितंबर को शरजील को 1 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.


25 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था

शरजील इमाम को दिल्ली हिंसा के मामले में पिछले 25 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत दाखिल चार्जशीट में कहा है कि शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने की जी तोड़ कोशिश कर रहा था. शरजील को भड़काऊ भाषण देने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों में से एक के संपर्क में था. पीएफआई के सदस्य ने शरजील पीएफआई के सदस्य के रूप में विरोध करने का सुझाव दिया था. चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील ने न सिर्फ एक समुदाय को जुटाया, बल्कि दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों में चक्का जाम कराने की भी कोशिश की.



बिहार से गिरफ्तार किया गया था

शरजील इमाम को दिल्ली पुलिस असम से दिल्ली लेकर आई थी. शरजील इमाम को शाहीन बाग में आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में बिहार से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक जामिया हिंसा की जांच के दौरान एक आरोपी ने कहा कि उसने शरजील इमाम के भाषण से प्रभावित होकर हिंसा को अंजाम दिया. दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले 10 जुलाई को शरजील इमाम की उसके खिलाफ जांच की अवधि 90 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दिया था.

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