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शाहीन बाग प्रदर्शन: 'कोई महिला यहां अपना ज़मीर बेचकर धरने पर नहीं बैठी हैं' - shahin bag women and children

प्रदर्शनकारी महिलाओं क कहना है कि अगर DNA से नागरिकता साबित करनी है तो हम DNA से नागरिकता साबित करके दिखाएंगे. आपको बता दें कि शाहीन बाग धरने पर महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है.

Shaheen Bagh: Women are not sitting on dharna after selling Jamir,
शाहीन बाग में महिलाओं का प्रदर्शन जारी
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Published : Jan 19, 2020, 7:40 PM IST

नई दिल्ली: ओखला के शाहीन बाग में CAA-NRC के खिलाफ महिलाएं एक महीने से ज्यादा समय से धरने पर हैं. इस बीच पैसे लेकर धरने पर बैठने के इल्ज़ाम पर महिलाओं ने जवाब दिया है. महिलाओं का कहना है कि बीजेपी सरकार उन पर इल्ज़ाम लगाकर आत्मविशवास तोड़ना चाहती है.

शाहीन बाग में महिलाओं का प्रदर्शन जारी

जमीर बेचकर धरने पर नहीं बैठी हैं महिलाएं
दरअसल नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ ओखला में चल रहे प्रोटेस्ट को एक महीने से ऊपर हो गया है और यहां बैठी महिलाएं अपनी मांग से पीछे नहीं हट रही हैं. अपने ऊपर पैसे लेने के इल्ज़ाम पर प्रदर्शन में बैठी सपना कलके का कहना है कि वह यहां रोजाना आती है और यहां प्रोटेस्ट में बैठ रही हैं.

उनका कहना है कि कोई महिला यहां अपना ज़मीर बेचकर धरने पर नहीं बैठी हैं. सब अपनी नागरिकता को बचाने के लिए बैठे हैं. उनका कहना है कि बीजेपी हमारे आत्मविश्वास को तोड़ना ताहती है. इन लोगों को लगता है कि अगर ऐसा कहेंगे तो ये औरतें धरने पर आना छोड़ देंगी, मगर ऐसा नहीं होगा. हम एकजुटता से बैठे रहेंगे. धरने पर बैठी एक और प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि हम एक दूसरे कि यूनिटी के लिए बैठे हैं.

DNA टेस्ट से साबित कर सकते हैं नागरिकता
कल को हमारे बच्चों के साथ कुछ होगा तो हम क्या जवाब देंगे कि हमने इलके खिलाफ आवाज़ क्यों नहीं उठाई. इसके साथ ही उनका कहना है कि अगर DNA से नागरिकता साबित करनी है तो हम DNA से नागरिकता साबित करके दिखाएंगे.

आपको बता दें कि शाहीन बाग धरने पर महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है. पुरानी दिल्ली, सीलमपुर, और जसोला तक से महिलाएं प्रदर्शन में शामिल होकर अपनी आवाज़ इस कानून के खिलाफ उठा रही हैं. इनकी केवल यही मांग है कि इस कानून को वापस लिया जाए क्योंकि हमें धर्म के आधार पर हमें बांटा नहीं जा सकता.

नई दिल्ली: ओखला के शाहीन बाग में CAA-NRC के खिलाफ महिलाएं एक महीने से ज्यादा समय से धरने पर हैं. इस बीच पैसे लेकर धरने पर बैठने के इल्ज़ाम पर महिलाओं ने जवाब दिया है. महिलाओं का कहना है कि बीजेपी सरकार उन पर इल्ज़ाम लगाकर आत्मविशवास तोड़ना चाहती है.

शाहीन बाग में महिलाओं का प्रदर्शन जारी

जमीर बेचकर धरने पर नहीं बैठी हैं महिलाएं
दरअसल नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ ओखला में चल रहे प्रोटेस्ट को एक महीने से ऊपर हो गया है और यहां बैठी महिलाएं अपनी मांग से पीछे नहीं हट रही हैं. अपने ऊपर पैसे लेने के इल्ज़ाम पर प्रदर्शन में बैठी सपना कलके का कहना है कि वह यहां रोजाना आती है और यहां प्रोटेस्ट में बैठ रही हैं.

उनका कहना है कि कोई महिला यहां अपना ज़मीर बेचकर धरने पर नहीं बैठी हैं. सब अपनी नागरिकता को बचाने के लिए बैठे हैं. उनका कहना है कि बीजेपी हमारे आत्मविश्वास को तोड़ना ताहती है. इन लोगों को लगता है कि अगर ऐसा कहेंगे तो ये औरतें धरने पर आना छोड़ देंगी, मगर ऐसा नहीं होगा. हम एकजुटता से बैठे रहेंगे. धरने पर बैठी एक और प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि हम एक दूसरे कि यूनिटी के लिए बैठे हैं.

DNA टेस्ट से साबित कर सकते हैं नागरिकता
कल को हमारे बच्चों के साथ कुछ होगा तो हम क्या जवाब देंगे कि हमने इलके खिलाफ आवाज़ क्यों नहीं उठाई. इसके साथ ही उनका कहना है कि अगर DNA से नागरिकता साबित करनी है तो हम DNA से नागरिकता साबित करके दिखाएंगे.

आपको बता दें कि शाहीन बाग धरने पर महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है. पुरानी दिल्ली, सीलमपुर, और जसोला तक से महिलाएं प्रदर्शन में शामिल होकर अपनी आवाज़ इस कानून के खिलाफ उठा रही हैं. इनकी केवल यही मांग है कि इस कानून को वापस लिया जाए क्योंकि हमें धर्म के आधार पर हमें बांटा नहीं जा सकता.

Intro:नई दिल्ली। औखला के शाइन बाग में रात- दिन धरने पर बैठी महिवाओं को एक महिने से ऊपर हो गया है। अपने आप पर पैसे लेकर बैठने के इल्ज़ाम पर उनकी एकजुटता पहले से भी और शक्तिशाली हो गई है। उनके कहना है कि बीजेपी सरकार उन पर इल्ज़ाम लगाकर आत्मविशवास तोड़ना चाहती है।Body:दरअसल नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ औखला में चल रहे प्रोटेस्ट को एक महिने से ऊपर हो गया है और यहां बैठी महिलायें अपनी मांग से पीछे नहीं हट रही हैं। अपने ऊपर पैसे लेने के इल्ज़ाम पर आग प्रदर्शन में बैठी सपना कलके का कहना है कि वह यहां रोज़ाना आती है और यहां प्रोटेस्ट में बैठ रही हैं उनका कहना है कि कोई महिला यहां अपना ज़मीर बेचकर नहीं बैठी सब अपनी नागरिकता को बचाने के लिये बैठे हैं उनका कहना है कि बीजेपी हमारे आत्मविश्वास को तोड़ना ताहती है इन लोगों को लगता है कि अगर ऐसा कहेंगे तो ये औरते आना छोड़ देंगी मगर ऐसा नहीं होगा हम एकजुटता से बैठे रहेंगे। वहीं दूसरी प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि हम एक दूसरे कि युनिटी के लिये बैठे हैं कल को हमारे बच्चों के साथ कुछ होगा तो हम क्या जवाब देंगे कि हमने इलके खिलाफ आवाज़ क्यों नहीं उठाई इसके साथ उमका कहना है कि अगर DNA से नागरिकता साबित करना है तो बताइयो हम DNA से नागरिकता साबित कर के दिखायेंगे ।Conclusion:आपको बता दें कि पहले से महिलाओॆ की संख्या बढ़ती जा रही है पुरानी दिल्ली, सीलमपुर, और जसोला तक से महिसायें प्रदर्शन में शामिल होकर अपनी आवाज़ इस कानून के खिलाफ उठा रही हैं। इनकी मांग केवल यही है कि इस कानून को वापस वो धर्म के आधार पर हमें बांटा नहीं जा सकता।
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