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बिहार के बाढ़ पीड़ितों के लिए युग संस्कृति न्यास की पहल, रवाना किए चार ट्रक राहत सामग्री

सामाजिक संस्था युग संस्कृति न्यास की तरफ से शनिवार को बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए चार ट्रक राहत सामग्रियां रवाना की गईं. इस संस्था के सैकड़ों वॉलिंटियर बिहार के कई जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच राहत कार्यों में लगे हैं.

sanskriti nyas helping bihar flood victims in delhi
युग संस्कृति न्यास
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Published : Aug 9, 2020, 2:50 AM IST


नई दिल्ली: बिहार बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित है. कई जिलों के ज्यादातर हिस्से जलमग्न हैं. इनमें जबसे ज्यादा मार पड़ी है, उन लोगों पर जिनके घर तो बाढ़ में डूबे ही, सभी सामान भी बाढ़ में बह गए. प्रशासनिक स्तर पर इन लोगों तक राहत पहुंचाने की कोशिशें जारी हैं और इन्हीं कोशिशों में कुछ समाजसेवी संस्थाएं भी हाथ बंटा रही हैं. इसी क्रम में युग संस्कृति न्यास बड़े स्तर पर बिहार में राहत सामग्रियां भेज रहा है.

बिहार के बाढ़ पीड़ितों के लिए युग संस्कृति न्यास की पहल


14 जिलों में राहत कार्य

दिल्ली से जुड़ी यह संस्था अपने सैकड़ों वॉलंटियर्स के जरिए बिहार के 14 बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत कार्य में लगी है. इसके लिए ज्यादातर जरूरी वस्तुएं दिल्ली से भेजी जा रहीं हैं. शनिवार को संस्था से जुड़े लोगों ने चार ट्रक राहत सामग्रियां बिहार के लिए रवाना की, वहीं बताया गया कि आगामी दिनों में और 10-12 ट्रक ऐसे भेजे जाने हैं. इन सब को लेकर ईटीवी भारत ने युग संस्कृति न्यास के संस्थापक और अध्यक्ष धर्मवीर आचार्य से बातचीत की.

'बिहार में चार प्रमुख केंद्र'

धर्मवीर आचार्य ने बताया कि युग संस्कृति न्यास की तरफ से बड़ी संख्या में राहत सामग्रियों के पैकेट तैयार किए गए हैं, जिनमें वहां की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी सामान शामिल हैं. उन्होंने बताया कि पूरे बिहार में संस्था की तरफ से मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और पूर्णिया में चार प्रमुख केंद्र बनाए गए हैं. यहां से अन्य पड़ोसी जिलों में राहत सामग्रियों का वितरण हो रहा है. एनडीआरएफ के पूर्व डीजी संजय कुमार भी इस संस्था के साथ जुड़े हैं.


'पानी साफ करने के टैबलेट'

संजय कुमार के पास ऐसे बाढ़ में फंसे लोगों की जरूरतों से जुड़ा लम्बा अनुभव है और इसके आधार पर युग संस्कृति न्यास राहत सामग्रियां तैयार कर रहा है. संजय कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि खासतौर पर बाढ़ के हालात में पीने के पानी की समस्या उत्पन्न होती है. इस जरूरत को ध्यान में रखते हुए राहत किट में ऐसे केमिकल और टैबलेट भी भेजे जा रहे हैं, जो पानी को साफ करके पीने योग्य बनाते हैं.


'ट्रकों को किए रवाना'

उन्होंने यह भी बताया कि यह सभी राहत कार्य अभियान स्थानीय प्रशासन के सहयोग से चलाया जा रहा है. इस संस्था से जुड़े सभी लोगों ने युग संस्कृति न्यास के बाराखम्भा रोड कार्यालय से ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. आपको बता दें कि युग संस्कृति न्यास लॉक डाउन के दौरान दिल्ली में भी बड़े स्तर पर राहत अभियान चला चुका है. एम्स प्रशासन के साथ मिलकर इस संस्था ने दिल्ली में कोरोना के गम्भीर दौर में मरीजों के तीमारदारों के लिए बड़े स्तर पर भोजन की व्यवस्था की थी.


नई दिल्ली: बिहार बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित है. कई जिलों के ज्यादातर हिस्से जलमग्न हैं. इनमें जबसे ज्यादा मार पड़ी है, उन लोगों पर जिनके घर तो बाढ़ में डूबे ही, सभी सामान भी बाढ़ में बह गए. प्रशासनिक स्तर पर इन लोगों तक राहत पहुंचाने की कोशिशें जारी हैं और इन्हीं कोशिशों में कुछ समाजसेवी संस्थाएं भी हाथ बंटा रही हैं. इसी क्रम में युग संस्कृति न्यास बड़े स्तर पर बिहार में राहत सामग्रियां भेज रहा है.

बिहार के बाढ़ पीड़ितों के लिए युग संस्कृति न्यास की पहल


14 जिलों में राहत कार्य

दिल्ली से जुड़ी यह संस्था अपने सैकड़ों वॉलंटियर्स के जरिए बिहार के 14 बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत कार्य में लगी है. इसके लिए ज्यादातर जरूरी वस्तुएं दिल्ली से भेजी जा रहीं हैं. शनिवार को संस्था से जुड़े लोगों ने चार ट्रक राहत सामग्रियां बिहार के लिए रवाना की, वहीं बताया गया कि आगामी दिनों में और 10-12 ट्रक ऐसे भेजे जाने हैं. इन सब को लेकर ईटीवी भारत ने युग संस्कृति न्यास के संस्थापक और अध्यक्ष धर्मवीर आचार्य से बातचीत की.

'बिहार में चार प्रमुख केंद्र'

धर्मवीर आचार्य ने बताया कि युग संस्कृति न्यास की तरफ से बड़ी संख्या में राहत सामग्रियों के पैकेट तैयार किए गए हैं, जिनमें वहां की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी सामान शामिल हैं. उन्होंने बताया कि पूरे बिहार में संस्था की तरफ से मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और पूर्णिया में चार प्रमुख केंद्र बनाए गए हैं. यहां से अन्य पड़ोसी जिलों में राहत सामग्रियों का वितरण हो रहा है. एनडीआरएफ के पूर्व डीजी संजय कुमार भी इस संस्था के साथ जुड़े हैं.


'पानी साफ करने के टैबलेट'

संजय कुमार के पास ऐसे बाढ़ में फंसे लोगों की जरूरतों से जुड़ा लम्बा अनुभव है और इसके आधार पर युग संस्कृति न्यास राहत सामग्रियां तैयार कर रहा है. संजय कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि खासतौर पर बाढ़ के हालात में पीने के पानी की समस्या उत्पन्न होती है. इस जरूरत को ध्यान में रखते हुए राहत किट में ऐसे केमिकल और टैबलेट भी भेजे जा रहे हैं, जो पानी को साफ करके पीने योग्य बनाते हैं.


'ट्रकों को किए रवाना'

उन्होंने यह भी बताया कि यह सभी राहत कार्य अभियान स्थानीय प्रशासन के सहयोग से चलाया जा रहा है. इस संस्था से जुड़े सभी लोगों ने युग संस्कृति न्यास के बाराखम्भा रोड कार्यालय से ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. आपको बता दें कि युग संस्कृति न्यास लॉक डाउन के दौरान दिल्ली में भी बड़े स्तर पर राहत अभियान चला चुका है. एम्स प्रशासन के साथ मिलकर इस संस्था ने दिल्ली में कोरोना के गम्भीर दौर में मरीजों के तीमारदारों के लिए बड़े स्तर पर भोजन की व्यवस्था की थी.

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