नई दिल्ली: दिल्ली की द्वारका उपनगरी के रामलीला ग्राउंड की रामलीला, दिल्ली सहित आसपास के राज्यों में भी मशहूर है. इन दिनों इसके मंचन का लुत्फ उठाने के लिए काफी लोग वहां पहुंच रहे हैं. हालांकि इसके अलावा भी द्वारका इलाके में एक 'संपूर्ण बाल उत्सव रामलीला' का मंचन स्कूली बच्चों द्वारा किया जा रहा है. इसकी सबसे खास बात यह है कि ये सभी बच्चे 8 साल से कम उम्र के हैं, और इसके मंचन में इस्तेमाल किया जाने वाला प्रॉप भी हाथों से बना हुआ है.
इस रामलीला में द्वारका सहित आसपास के स्कूलों के 120 बच्चे, अलग-अलग किरदारों का मंचन कर रहे हैं. अपने तरह के इस अनूठे आयोजन से न सिर्फ लोगों का मनोरंजन किया जा रहा है, बल्कि बच्चों के इस सराहनीय प्रयास को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज करवाने का प्रयास किया जा रहा है. बच्चों द्वारा मंचित की गई रामलीला 54 मिनट 44 सेकेंड तक चली. इसका आयोजन प्रीतिमा खंडेलवाल द्वारा किया गया.
यह भी पढ़ें-सीता स्वयंवर में धनुष बना आकर्षण का केंद्र, 80 फुट का धनुष जमीन से 50 फीट ऊपर तोड़ा जाएगा
रामलीला के बारे में पूनम चौधरी ने बताया कि, रामलीला में भाग लेने वाले बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो इसका विशेष ख्याल रखा जा रहा है. इसलिए इसे तय समय पर शुरू किया जाता है और तय समय पर ही इसका समापन किया जाता है. खास बात यह है कि बच्चे इसकी तैयारी में सालभर से लगे हुए थे. उन्होंने यह भी बताया कि इसकी शुरूआत गणेश वंदना से की जाती है जिसके बाद रामलीला का मंचन किया गया जाता है. अंत में बच्चों द्वारा लोक नृत्य की प्रस्तुति दी जाती है. गौर करने वाली बात यह भी है कि इसकी तैयारी किसी पेशेवर कलाकार ने नहीं बल्कि स्कूल के शिक्षकों ने करवाई है. यहां आने वाले सभी दर्शक बच्चों की इस खास प्रस्तुति को देखकर मंत्रमुग्ध हो जा रहे हैं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप