नई दिल्ली: पूर्वोत्तर दिल्ली में 26 फरवरी को दंगे के दौरान करतार नगर इलाके में इरफान नामक युवक की जानलेवा हमले में उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. उनके परिवार के सदस्य और चश्मदीद लोग पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
परिजनों और चश्मदीदों का दावा है कि वारदात के वक्त सन्नी और बृज मोहन शर्मा मौके पर मौजूद नहीं थे. इन्हें इस मामले में फंसाया गया है. गिरफ्तार किया गया बृजमोहन शर्मा भाजपा का क्षेत्रीय नेता भी है. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने करतार नगर में मौके पर जाकर छानबीन की.
बीते 26 फरवरी की शाम करतार नगर चौथा पुश्ता के पास इरफान पर जानलेवा हमला किया गया था. उसे उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया. जहां कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में मारे गए इरफान की मां ने अपना बयान दर्ज कराया था. जिसमें उसने बृजमोहन, सन्नी और कुछ अन्य युवकों पर इरफान को मारने का आरोप लगाया.
उसने यह बात मजिस्ट्रेट के समक्ष CRPC की धारा 164 के तहत दर्ज करवाये गए बयान में भी कही है. क्राइम ब्रांच ने उस्मानपुर थाने में दर्ज हत्या के इस मामले में बृजमोहन और सन्नी को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया है.
'सन्नी ने इरफान को अस्पताल भिजवाया'
करतार नगर में ईटीवी भारत आरोपी सन्नी के घर पहुंचा जहां हमें उसका भाई देवेंद्र मिला. उसने बताया कि जब यह वारदात हुई तो उस समय सन्नी घर पर खाना खा रहा था. शोर मचने पर वह बाहर निकला तो देवेंद्र ने उसे मना किया. लेकिन वह भीड़ की तरफ चला गया. वहां पर इरफान घायल अवस्था में पड़ा था. कोई उसकी मदद नहीं कर रहा था.
ऐसे में सन्नी पास में रहने वाले ऑटो चालक को लेकर आया और इरफान को उसमें डालकर अस्पताल भिजवाया. देवेंद्र ने बताया कि सन्नी स्कूल कैब चलाता है. इनके पड़ोस में रहने वाली महिला राजकुमारी ने बताया कि सन्नी सीधा लड़का है. वह ऐसा काम नहीं कर सकता. उन्होंने बताया कि जब यह घटना हुई थी तो वह अपने घर पर ही मौजूद था. इस मामले में सन्नी को फंसाया जा रहा है.
भाजपा का मंडल महामंत्री है बृजमोहन
इस हत्याकांड में गिरफ्तार किया गया दूसरा आरोपी बृजमोहन भाजपा के ब्रह्मपुरी मंडल का महामंत्री है. उसके पिता हरीश शर्मा ने बताया कि वह किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष रहे हैं. उनका बेटा इस घटना के समय घर पर मौजूद था जो घटनास्थल से लगभग आधा किलोमीटर दूर है. उन्होंने बताया कि बृजमोहन बिल्डिंग मटेरियल का काम करता है. कुछ समय पहले पास में बन रहे दो मकान पर बीट के पुलिसकर्मी 10-10 हजार रुपये मांगने गए थे.
बृजमोहन ने उन्हें यह रकम लेने से रोका था. इसकी वजह से वे बृजमोहन से बदला लेना चाहते थे. इसलिए उन्होंने इरफान की मां को बोलकर बृजमोहन का नाम लिखवाया, जबकि वह मौके पर गया ही नहीं था. उनका दावा है कि इरफान पर हुए हमले में उसकी मां चश्मदीद गवाह नहीं है. वह काफी देर बाद वहां पहुंची थी. लेकिन पुलिस वालों ने उससे मिलकर बृजमोहन को फंसा दिया.
पड़ोसी का दावा घर के पास था बृजमोहन
मौके पर हमें पवन शर्मा नामक व्यक्ति मिले जो करतार नगर में बृजमोहन के घर के पास रहते हैं. उन्होंने बताया कि इस घटना के समय बृजमोहन अपने घर के पास मौजूद थे. यहां जब हंगामा हो रहा था तो उन्होंने बृजमोहन को घर के पास देखकर दुआ-सलाम भी की थी. सड़क से सैकड़ों की संख्या में लोग गुजर रहे थे. तब उन्हें पता चला कि किसी युवक पर जानलेवा हमला हुआ है. उन्होंने बताया कि बृजमोहन उस जगह पर गया ही नहीं था, जहां इरफान की हत्या हुई.