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जेल के कैदी तैयार कर रहे हैं हजारों तिरंगे, हर घर तिरंगा अभियान में देंगे योगदान

गाजियाबाद जिला जेल में कैदी इन दिनों बड़े स्तर पर तिरंगा बना रहे हैं. ये तिरंगे जेल के बाहर लोगों को भेजे जाएंगे, जिससे हर घर पर तिरंगा लहराया जा सकेगा.

तिरंगे की सिलाई करते कैदी
तिरंगे की सिलाई करते कैदी
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Published : Jul 29, 2022, 7:11 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हर घर तिरंगा की मुहिम में गाजियाबाद की जेल में बंद कैदी भी अपना योगदान दे रहे हैं. जेल में बंद कैदियों को व्यापक स्तर पर तिरंगा बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है. जेल के भीतर करीब 50 कैदी जोरों शोरों से तिरंगा बनाने में जुटे हुए हैं. सभी तिरंगों का इस्तेमाल 'हर घर तिरंगा कार्यक्रम' के तहत किया जाएगा. सिर्फ जेल में ही नहीं, यह तिरंगे जेल के बाहर भी लोगों को भेजे जाएंगे, जिससे हर घर पर तिरंगा लहरा सके.

स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर जगह-जगह एक्टिविटी देखी जा रही है. इसी कड़ी में गाजियाबाद की डासना जेल के कैदी भी पीछे नहीं है. मेरठ की एक संस्था ने जेल में बंद कैदियों को प्रशिक्षित किया है. इनमें उन कैदियों को चुना गया जो टेलरिंग का काम जानते हैं. इनकी संख्या करीब 50 है. लक्ष्य रखा गया है कि यह 50 कैदी मिलकर करीब 15000 तिरंगे बनाएंगे. करीब 6000 तिरंगे हापुड़ के जिलाधिकारी को भेजे जा रहे हैं. वहीं, गाजियाबाद में घर-घर तिरंगा और सरकारी इमारतों पर भी कैदियों द्वारा तैयार किए गए तिरंगे भेजे जाएंगे. इससे तिरंगे के रंगों में सराबोर एक खूबसूरत नजारा स्वतंत्रता दिवस पर नजर आएगा.

जानकारी देते जेलर आलोक सिंह


जेलर आलोक सिंह का कहना है कि तिरंगे बनाने वाले कैदियों में भी इसको लेकर काफी उत्साह है. इस एक्टिविटी में आकर वह देश भक्ति की खुशबू को महसूस कर रहे हैं और गर्व भी महसूस कर पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि झंडे बनाकर वह भी देश में अपना कुछ तो योगदान दे पा रहे हैं. जेल में हुई इस पहल की चर्चा सभी जगह हो रही है.

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नई दिल्ली/गाजियाबाद: हर घर तिरंगा की मुहिम में गाजियाबाद की जेल में बंद कैदी भी अपना योगदान दे रहे हैं. जेल में बंद कैदियों को व्यापक स्तर पर तिरंगा बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है. जेल के भीतर करीब 50 कैदी जोरों शोरों से तिरंगा बनाने में जुटे हुए हैं. सभी तिरंगों का इस्तेमाल 'हर घर तिरंगा कार्यक्रम' के तहत किया जाएगा. सिर्फ जेल में ही नहीं, यह तिरंगे जेल के बाहर भी लोगों को भेजे जाएंगे, जिससे हर घर पर तिरंगा लहरा सके.

स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर जगह-जगह एक्टिविटी देखी जा रही है. इसी कड़ी में गाजियाबाद की डासना जेल के कैदी भी पीछे नहीं है. मेरठ की एक संस्था ने जेल में बंद कैदियों को प्रशिक्षित किया है. इनमें उन कैदियों को चुना गया जो टेलरिंग का काम जानते हैं. इनकी संख्या करीब 50 है. लक्ष्य रखा गया है कि यह 50 कैदी मिलकर करीब 15000 तिरंगे बनाएंगे. करीब 6000 तिरंगे हापुड़ के जिलाधिकारी को भेजे जा रहे हैं. वहीं, गाजियाबाद में घर-घर तिरंगा और सरकारी इमारतों पर भी कैदियों द्वारा तैयार किए गए तिरंगे भेजे जाएंगे. इससे तिरंगे के रंगों में सराबोर एक खूबसूरत नजारा स्वतंत्रता दिवस पर नजर आएगा.

जानकारी देते जेलर आलोक सिंह


जेलर आलोक सिंह का कहना है कि तिरंगे बनाने वाले कैदियों में भी इसको लेकर काफी उत्साह है. इस एक्टिविटी में आकर वह देश भक्ति की खुशबू को महसूस कर रहे हैं और गर्व भी महसूस कर पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि झंडे बनाकर वह भी देश में अपना कुछ तो योगदान दे पा रहे हैं. जेल में हुई इस पहल की चर्चा सभी जगह हो रही है.

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