नई दिल्ली : हाथरस की गुड़िया के लिए इंसाफ दिलाने को लेकर जमकर राजनीति हो रही है. विपक्षी पार्टियां इस मामले को लेकर केंद्र और यूपी शासित बीजेपी सरकार को घेरने में जुटी है, लेकिन इस राजनीति में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. नियमों के मुताबिक किसी रेप पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की जा सकती, लेकिन हाथरस की गुड़िया को इंसाफ दिलाने की मांग करने वाले प्रदर्शनकारी पीड़िता के नाम क्या फोटो तक का इस्तेमाल कर उसकी पहचान को उजागर कर रहे हैं.
इन सबके बीच उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर, जाफराबाद, ब्रह्मपुरी सहित कई इलाके में पोस्टर लगाए गए हैं. इस पोस्टर में गुड़िया को इंसाफ दिलाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन इस पोस्टर में भी गुड़िया की फोटो का इस्तेमाल कर उसकी पहचान को उजागर किया गया है.
पोस्टर देखने से लगता है कि पोस्टर कांग्रेस नेताओं ने लगाए हैं. पोस्टर में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी की तस्वीर के साथ सीलमपुर के पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद और स्थानीय कांग्रेस नेता रियाजुद्दीन की तस्वीर है. पोस्टर में लिखा गया है 'कांग्रेस का हाथ देश की बेटी के साथ', हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए कांग्रेस का हर सिपाही आखरी सांस तक लड़ेगा.
हालांकि इस बारे में जब चौधरी मतीन अहमद से बात की गई तो उन्होंने क्षेत्र में लगे पोस्टर से पल्ला झाड़ लिया है. उनका कहना है कि रियाजुद्दीन नाम के शख्स ने पोस्टर लगाए हैं. रियाजुद्दीन कांग्रेस पार्टी में किसी पद पर नहीं है. चौधरी मतीन अहमद ने माना कि पीड़िता की पहचान उजागर नहीं करनी चाहिए थी.
कोंडली में भी निकाला गया कैंडल मार्च
पूर्वी दिल्ली के कोंडली विधानसभा क्षेत्र में हाथरस की बेटी के लिए कैंडल मार्च निकाला गया. इसमें सैकड़ों की तादाद में लोग शामिल हुए. कैंडल मार्च निकालने वाले लोगों ने हाथरस की बेटी को इंसाफ की गुहार लगाई. लोगों ने मांग की कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए.