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गाजियाबाद में प्रदूषण का सितम जारी, गंभीर श्रेणी में लोनी का AQI

लॉकडाउन के दौरान वायु गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ था, लेकिन एक बार फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. हालांकि प्रदूषण बढ़ने के कई मुख्य कारण है, लेकिन सबसे अहम कारण दिल्ली से सटे राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाना माना जा रहा है.

pollution levels rise in ghaziabad
गाजियाबाद
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Published : Nov 3, 2020, 12:42 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. लॉकडाउन के दौरान वायु गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ था, लेकिन एक बार फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. हालांकि प्रदूषण बढ़ने के कई मुख्य कारण है लेकिन सबसे अहम कारण दिल्ली से सटे राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाना माना जा रहा है.

गाजियाबाद में प्रदूषण का सितम जारी

गाजियाबाद पर भी प्रदूषण का साया मंडरा रहा है, यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स अत्यंत खराब श्रेणी में पहुंच गया है. गाजियाबाद की वायु गुणवत्ता आज अत्यंत खराब श्रेणी में दर्ज की गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की माने तो गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एकयूआई) 376 रहा, जो 'अत्यंत ख़राब श्रेणी' आता है.

एनसीआर के प्रदूषण स्तर

  • गाजियाबाद: 376
  • दिल्ली: 332
  • ग्रेटर नोएडा: 390
  • नोएडा: 361
  • गुरूग्राम: 301

    गाजियाबाद के लोनी इलाके के प्रदूषण स्तर की बात करें तो यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स जनपद में सबसे अधिक दर्ज किया गया है. लोनी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 412 दर्ज किया गया है.

एक नज़र गाजियाबाद के प्रदूषण स्तर पर:

  • इंदिरापुरम, गाजियाबाद: 372
  • वसुंधरा, गाजियाबाद: 364
  • संजय नगर, गाजियाबाद: 358
  • लोनी, गाजियाबाद: 412

    विशेषज्ञों की माने तो दिल्ली एनसीआर में आने वाले समय में एयर क्वालिटी इंडेक्स में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकता है. कई सालों से देखने को मिला है कि अक्टूबर का महीना शुरू होते ही दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बढ़ना शुरू कर देता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.



नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. लॉकडाउन के दौरान वायु गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ था, लेकिन एक बार फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. हालांकि प्रदूषण बढ़ने के कई मुख्य कारण है लेकिन सबसे अहम कारण दिल्ली से सटे राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाना माना जा रहा है.

गाजियाबाद में प्रदूषण का सितम जारी

गाजियाबाद पर भी प्रदूषण का साया मंडरा रहा है, यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स अत्यंत खराब श्रेणी में पहुंच गया है. गाजियाबाद की वायु गुणवत्ता आज अत्यंत खराब श्रेणी में दर्ज की गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की माने तो गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एकयूआई) 376 रहा, जो 'अत्यंत ख़राब श्रेणी' आता है.

एनसीआर के प्रदूषण स्तर

  • गाजियाबाद: 376
  • दिल्ली: 332
  • ग्रेटर नोएडा: 390
  • नोएडा: 361
  • गुरूग्राम: 301

    गाजियाबाद के लोनी इलाके के प्रदूषण स्तर की बात करें तो यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स जनपद में सबसे अधिक दर्ज किया गया है. लोनी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 412 दर्ज किया गया है.

एक नज़र गाजियाबाद के प्रदूषण स्तर पर:

  • इंदिरापुरम, गाजियाबाद: 372
  • वसुंधरा, गाजियाबाद: 364
  • संजय नगर, गाजियाबाद: 358
  • लोनी, गाजियाबाद: 412

    विशेषज्ञों की माने तो दिल्ली एनसीआर में आने वाले समय में एयर क्वालिटी इंडेक्स में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकता है. कई सालों से देखने को मिला है कि अक्टूबर का महीना शुरू होते ही दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बढ़ना शुरू कर देता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.



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