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DSGMC में जारी है राजनीतिक उठापटक, सरना गुट पर लगे खरीद-फरोख्त के आरोप - Allegations of horse-trading against Sarna faction

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में चुनाव के बाद भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार एक के बाद एक राजनीतिक उठापटक दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में देखने को मिल रही है. इस बीच प्रबंधक कमेटी के चुने हुए 4 सदस्यों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्षी दल सरना गुट के ऊपर खरीद-फरोख्त को लेकर दबाव बनाने के गंभीर आरोप लगाए. साथ ही निदेशक से भी जल्द ही सभी समस्याओं का समाधान करने को कहा.

'सिख कभी भी अकाल तख्त साहिब का निरादर बर्दाशत नहीं कर सकते'
'सिख कभी भी अकाल तख्त साहिब का निरादर बर्दाशत नहीं कर सकते'
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Published : Sep 15, 2021, 8:31 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों के बाद भी राजनीतिक उठापटक खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कमेटी के सदस्यों ने कहा, कमेटी में को-ऑपशन के माध्यम से चुनने की प्रक्रिया में श्री अकाल तख्त साहिब सहित चार तख्त के जत्थेदार साहिबानों के नाम सदस्य के रूप में न पढ़ कर गुरुद्वारा चुनाव निदेशक नरिंद्र सिंह ने घोर पाप किया है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इन सदस्यों ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब सिखों के सर्वोच्च हैं और बाकी तख्त भी आदरणीय हैं. बीते 50 वर्षों से यही मर्यादा चली आ रही है. जब को ऑपशन के चुनाव होते हैं तो सबसे पहले चार तख्तों के जत्थेदार के नाम पढ़ कर इन्हें सदस्य के रूप में चुना जाता है, लेकिन इस बार हुए आठवें चुनाव में गुरुद्वारा चुनाव निदेशक नरिंद्र ने यह मर्यादा तोड़ी है और सिंह साहिबान का निरादर किया है. इसके लिए संगत कभी भी नरिंदर सिंह को माफ नहीं कर सकती. सिख कभी भी अकाल तख्त साहिब का निरादर बर्दाशत नहीं कर सकते.

'सिख कभी भी अकाल तख्त साहिब का निरादर बर्दाशत नहीं कर सकते'
नरिंद्र सिंह के साथ हमारी कोई निजी दुश्मनी नहीं है. हम व्यक्तिगत तौर पर उनका सम्मान करते हैं, पर वह अकाली दल के विरोधियों के साथ मिलकर कानून व मर्यादा की धज्जियां उड़ा रहे हैं. मीटिंग के दौरान 28 सदस्यों ने धरना लगाकर नरिंद्र सिंह के फैसले का विरोध भी जताया था. सदस्यों ने सरना गुट पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरना गुट हमें अपने साथ जोड़ने के लिए लगातार दबाव डाल रहा है. जबकि, हम अकाली दल के विजयी सदस्य हैं और संगत के फैसले के अनुसार सेवा करना चाहते हैं. चुनावों में 28 सीटें जीत कर अकाली दल को स्पष्ट जीत मिली है, पर सरना गुट जानबुझ कर अकाली दल को खराब कर रहा है. प्रेस वार्ता में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य आत्मा सिंह लुबाणा ने यह भी कहा कि वह दिल के मरीज़ हैं और उन्हें स्टंट पड़ चुका है और अगर सरना गुट द्वारा डाले जा रहे दबाव के कारण उन्हें कुछ हो गया तो फिर सरना ही जिम्मेदार होंगे.


इस बीच बुधवार को गुरुद्वारा प्रबंधक कमटी अकाली दल ने सरना दल से अपील करते हुए कहा कि संगत ने हमें सेवा के लिए चुना है और अकाली दल को बहुमत दिया है. इसलिए हमें सेवा करने दें. साथ ही निदेशक को भी यह अपील करते हुए कहा कि वह एतराज़ प्राप्त करने के लिए एक बार में मामला निपटायें और अब फिर से बुलाई जाने वाली मीटिंग को रद्द न किया जाए.

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य आत्मा सिंह लुबाणा, रमिंदर सिंह स्वीटा, भुपिंदर सिंह गिन्नी, गुरप्रीत सिंह जस्सा और हरजीत सिंह पप्पा उपस्थित रहे.

इसे भी पढ़ें: DSGMC: को-ऑप्टेड मेंबर्स चुनाव में आया नया मोड़, बादल दल के एक उम्मीदवार का नामांकन रद्द

इसे भी पढ़ें: हार के बाद भी सारथी बने रहेंगे सिरसा, लिया गया फैसला

नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों के बाद भी राजनीतिक उठापटक खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कमेटी के सदस्यों ने कहा, कमेटी में को-ऑपशन के माध्यम से चुनने की प्रक्रिया में श्री अकाल तख्त साहिब सहित चार तख्त के जत्थेदार साहिबानों के नाम सदस्य के रूप में न पढ़ कर गुरुद्वारा चुनाव निदेशक नरिंद्र सिंह ने घोर पाप किया है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इन सदस्यों ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब सिखों के सर्वोच्च हैं और बाकी तख्त भी आदरणीय हैं. बीते 50 वर्षों से यही मर्यादा चली आ रही है. जब को ऑपशन के चुनाव होते हैं तो सबसे पहले चार तख्तों के जत्थेदार के नाम पढ़ कर इन्हें सदस्य के रूप में चुना जाता है, लेकिन इस बार हुए आठवें चुनाव में गुरुद्वारा चुनाव निदेशक नरिंद्र ने यह मर्यादा तोड़ी है और सिंह साहिबान का निरादर किया है. इसके लिए संगत कभी भी नरिंदर सिंह को माफ नहीं कर सकती. सिख कभी भी अकाल तख्त साहिब का निरादर बर्दाशत नहीं कर सकते.

'सिख कभी भी अकाल तख्त साहिब का निरादर बर्दाशत नहीं कर सकते'
नरिंद्र सिंह के साथ हमारी कोई निजी दुश्मनी नहीं है. हम व्यक्तिगत तौर पर उनका सम्मान करते हैं, पर वह अकाली दल के विरोधियों के साथ मिलकर कानून व मर्यादा की धज्जियां उड़ा रहे हैं. मीटिंग के दौरान 28 सदस्यों ने धरना लगाकर नरिंद्र सिंह के फैसले का विरोध भी जताया था. सदस्यों ने सरना गुट पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरना गुट हमें अपने साथ जोड़ने के लिए लगातार दबाव डाल रहा है. जबकि, हम अकाली दल के विजयी सदस्य हैं और संगत के फैसले के अनुसार सेवा करना चाहते हैं. चुनावों में 28 सीटें जीत कर अकाली दल को स्पष्ट जीत मिली है, पर सरना गुट जानबुझ कर अकाली दल को खराब कर रहा है. प्रेस वार्ता में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य आत्मा सिंह लुबाणा ने यह भी कहा कि वह दिल के मरीज़ हैं और उन्हें स्टंट पड़ चुका है और अगर सरना गुट द्वारा डाले जा रहे दबाव के कारण उन्हें कुछ हो गया तो फिर सरना ही जिम्मेदार होंगे.


इस बीच बुधवार को गुरुद्वारा प्रबंधक कमटी अकाली दल ने सरना दल से अपील करते हुए कहा कि संगत ने हमें सेवा के लिए चुना है और अकाली दल को बहुमत दिया है. इसलिए हमें सेवा करने दें. साथ ही निदेशक को भी यह अपील करते हुए कहा कि वह एतराज़ प्राप्त करने के लिए एक बार में मामला निपटायें और अब फिर से बुलाई जाने वाली मीटिंग को रद्द न किया जाए.

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य आत्मा सिंह लुबाणा, रमिंदर सिंह स्वीटा, भुपिंदर सिंह गिन्नी, गुरप्रीत सिंह जस्सा और हरजीत सिंह पप्पा उपस्थित रहे.

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