नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों के बाद भी राजनीतिक उठापटक खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कमेटी के सदस्यों ने कहा, कमेटी में को-ऑपशन के माध्यम से चुनने की प्रक्रिया में श्री अकाल तख्त साहिब सहित चार तख्त के जत्थेदार साहिबानों के नाम सदस्य के रूप में न पढ़ कर गुरुद्वारा चुनाव निदेशक नरिंद्र सिंह ने घोर पाप किया है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इन सदस्यों ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब सिखों के सर्वोच्च हैं और बाकी तख्त भी आदरणीय हैं. बीते 50 वर्षों से यही मर्यादा चली आ रही है. जब को ऑपशन के चुनाव होते हैं तो सबसे पहले चार तख्तों के जत्थेदार के नाम पढ़ कर इन्हें सदस्य के रूप में चुना जाता है, लेकिन इस बार हुए आठवें चुनाव में गुरुद्वारा चुनाव निदेशक नरिंद्र ने यह मर्यादा तोड़ी है और सिंह साहिबान का निरादर किया है. इसके लिए संगत कभी भी नरिंदर सिंह को माफ नहीं कर सकती. सिख कभी भी अकाल तख्त साहिब का निरादर बर्दाशत नहीं कर सकते.
इस बीच बुधवार को गुरुद्वारा प्रबंधक कमटी अकाली दल ने सरना दल से अपील करते हुए कहा कि संगत ने हमें सेवा के लिए चुना है और अकाली दल को बहुमत दिया है. इसलिए हमें सेवा करने दें. साथ ही निदेशक को भी यह अपील करते हुए कहा कि वह एतराज़ प्राप्त करने के लिए एक बार में मामला निपटायें और अब फिर से बुलाई जाने वाली मीटिंग को रद्द न किया जाए.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य आत्मा सिंह लुबाणा, रमिंदर सिंह स्वीटा, भुपिंदर सिंह गिन्नी, गुरप्रीत सिंह जस्सा और हरजीत सिंह पप्पा उपस्थित रहे.
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