नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों ने 300 से ज्यादा सफाईकर्मियों की अवैध रूप से छंटनी कर दी. इसके बाद से ये सफाई कर्मी अस्पताल के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा इन्हें वापस नियुक्त करने के आदेशों के बाद भी अब तक हॉस्पिटल प्रसाशन ने इन्हें काम पर वापस नहीं लिया है. इसे लेकर ये सफाई कर्मी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी क्रम में प्रोटेस्ट मार्च निकालने के लिए इकट्ठा हुए 100 से अधिक सफाई कर्मियों सहित आईसीसीटीयू और आइसा नेताओं को पुलिस जबरन उठा कर मंदिर मार्ग थाने ले गई.
एलएचएमसी, कलावती सरन, आरएमएल रैकन के सफाई कर्मियों को अवैध रूप से उनके काम से निकाल दिया गया था. लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने इन कर्मियों की फिर से नियुक्ति का आदेश दिया है. बावजूद इसके ना तो केंद्र सरकार और न ही अस्पताल प्रशासन इनकी सुन रहा है. वे दलित सफाई कर्मचारियों के अवैध छंटनी में निजी कंपनी का समर्थन कर रहे हैं, जिन्होंने महामारी के दौरान भी अस्पतालों की सफाई में अपने जीवन को खतरे में डाल दिया था.
ये भी पढ़ें : हमारी समस्याएं नहीं सुननी थी तो क्यों आए उपराज्यपाल : नाराज सफाईकर्मी
सफाई कर्मी एक प्रोटेस्ट मार्च कर उच्च न्यायालय के आदेश के कार्यान्वयन की मांग के लिए एकत्र हुए थे. जहां उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा जबरन उठाया गया और फिर उन्हें मंदिर मार्ग थाने भेज दिया गया.