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शादी समारोह में 20 लोगों की पाबंदी को लेकर लोगों में आक्रोश, चुनावी रैलियों पर उठाए सवाल - चुनावी रैलियों कतो लेकर लोगों ने उठाए सवाल

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली में शादी समारोह में मेहमानों की तादाद 20 तय कर दी गई है. इसको लेकर लोगों में काफी आक्रोश है. लोगों का कहना है कि चुनावी रैलियों और जनसभाओं पर यह नियम क्यों नहीं लागू किया गया.

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Published : Jan 1, 2022, 3:25 PM IST

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 के मामलों को देखते हुए सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है. दिल्ली में शादी समारोहों में महज 20 लोग ही उपस्थित रह सकते हैं. ऐसे में जिन घरों में शादियों की तैयारी पूरी हो चुकी है, वे काफी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. लोग न तो शादी टालने की हालत में हैं और न ही कैंसिल करने की दशा में हैं. ऐसे में लोग पड़ोस के दूसरे राज्यों में विकल्प तलाशने को मजबूर हैं.

शादी समारोह को लेकर सरकारी गाइड लाइन से परेशान लोगों का कहना है कि सरकार जब रैलियां करती है, बड़ी-बड़ी जनसभाएं करती है, तो वहां कोरोना क्यों नहीं होता. क्या सिर्फ शादी समारोहों में ही कोरोना का खतरा है. बुराड़ी इलाके के रहने वाले सुखबीर का परिवार बेटे की शादी की तैयारी कर रहा है. शादी की तैयारियां तकरीबन पूरी हो चुकी हैं. पार्टी लॉन, घोड़ी, टेंट व बैंड वगैरह बुक हो चुके हैं. सरकारी पाबंदियों को देखते हुए अब न तो शादियां टल सकती हैंम और न ही कैंसिल की जा सकती हैं. क्योंकि शादी कैंसिल करने पर लॉन वगैरह के लिए दिए गए एडवांस पैसे वापस नहीं मिलेंगे.

शादी समारोह में 20 लोगों की पाबंदी को लेकर लोगों में आक्रोश, चुनावी रैलियों पर उठाए सवाल

सरकार के इस फैसले से लोग परेशान हैं. घर की महिलाओं ने भी शादी के लिए शॉपिंग पूरी कर ली है. सब ने उम्मीदें लगाई थीं, कि शादी में एंजॉय करेंगे. बच्चों ने भी कई तरीके की तैयारियां की थीं. सभी ने महंगे-महंगे कपड़े शादी के लिए खरीदे थे. लेकिन सरकार कीन पाबंदियों ने सारे अरमानों पर पानी फेर दिया. परिवार में महिलाएं और बच्चे काफी मायूस हैं. उनका भी कहना है कि सरकार वोट मांगने के लिए चुनावी रैलियां कर रही है, तो क्या वहां कोरोना का खतरा नहीं है. जिन जनसभाओं में हजार और लाख की भीड़ जुट रही है, वहां कोरोना का खतरा क्यों नहीं है. क्या शादी में सौ-पचास लोग आएंगे तो देश तबाह हो जाएगा. और बीस लोगों में भी कोरोना नहीं फैलेगा इसकी क्या गारंटी है.

People upset after rule of attendance of twenty people in wedding ceremony
शादी समारोह में 20 लोगों के उपस्थिति के नियम के बाद लोग परेशान, अन्य राज्यों में तलाश रहे विकल्प

20 लोगों की संख्या तय होने की वजह से लोगों का शादी में जाना ही कैंसिल माना जा रहा है. परिवार में महिलाएं भी खासी मायूस हैं. क्योंकि 14 तारीख के बाद से सहालग फिर से शुरू हो रहा है. ऐसे में शादियों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा. इस सीजन में करीब अट्ठारह सौ शादियां राजधानी दिल्ली में होनी हैं. जिसके लिए ज्यादातर लोगों ने सभी चीजों की बुकिंग करके एडवांस पेमेंट दे दी है, लेकिन अब वह लोग असमंजस में हैं कि आखिर करें तो क्या करें. कई घरों में तो दिल्ली छोड़कर हरियाणा या फिर यूपी के शहरों में भी शादी प्लान करने की चर्चा चल रही है. लेकिन ऐसा करने में भी उनका लाखों रुपए का नुकसान होगा.

इसे भी पढ़ें : लॉकडाउन से मैरिज गार्डन संचालकों और कर्मचारियों को हो रहा भारी नुकसान
अब लोग सरकार के फैसले पर ही सवाल उठाने लगे हैं. लोगों की मांग है कि या तो सरकार उन्हें कुछ समय दे या पिर शादी समारोह के लिए दिए गए एडवांस पैसे वापस कराए. सारी एहतियात औऱ सारी सावधानियां सिर्फ आम जनता पर ही क्यों लादी जाती हैं. सरकारी आदेश क्या नेताओं और मंत्रियों पर लागू नहीं होते, जो आए दिन बड़ी-बड़ी रैलियां कर रहे हैं.

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 के मामलों को देखते हुए सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है. दिल्ली में शादी समारोहों में महज 20 लोग ही उपस्थित रह सकते हैं. ऐसे में जिन घरों में शादियों की तैयारी पूरी हो चुकी है, वे काफी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. लोग न तो शादी टालने की हालत में हैं और न ही कैंसिल करने की दशा में हैं. ऐसे में लोग पड़ोस के दूसरे राज्यों में विकल्प तलाशने को मजबूर हैं.

शादी समारोह को लेकर सरकारी गाइड लाइन से परेशान लोगों का कहना है कि सरकार जब रैलियां करती है, बड़ी-बड़ी जनसभाएं करती है, तो वहां कोरोना क्यों नहीं होता. क्या सिर्फ शादी समारोहों में ही कोरोना का खतरा है. बुराड़ी इलाके के रहने वाले सुखबीर का परिवार बेटे की शादी की तैयारी कर रहा है. शादी की तैयारियां तकरीबन पूरी हो चुकी हैं. पार्टी लॉन, घोड़ी, टेंट व बैंड वगैरह बुक हो चुके हैं. सरकारी पाबंदियों को देखते हुए अब न तो शादियां टल सकती हैंम और न ही कैंसिल की जा सकती हैं. क्योंकि शादी कैंसिल करने पर लॉन वगैरह के लिए दिए गए एडवांस पैसे वापस नहीं मिलेंगे.

शादी समारोह में 20 लोगों की पाबंदी को लेकर लोगों में आक्रोश, चुनावी रैलियों पर उठाए सवाल

सरकार के इस फैसले से लोग परेशान हैं. घर की महिलाओं ने भी शादी के लिए शॉपिंग पूरी कर ली है. सब ने उम्मीदें लगाई थीं, कि शादी में एंजॉय करेंगे. बच्चों ने भी कई तरीके की तैयारियां की थीं. सभी ने महंगे-महंगे कपड़े शादी के लिए खरीदे थे. लेकिन सरकार कीन पाबंदियों ने सारे अरमानों पर पानी फेर दिया. परिवार में महिलाएं और बच्चे काफी मायूस हैं. उनका भी कहना है कि सरकार वोट मांगने के लिए चुनावी रैलियां कर रही है, तो क्या वहां कोरोना का खतरा नहीं है. जिन जनसभाओं में हजार और लाख की भीड़ जुट रही है, वहां कोरोना का खतरा क्यों नहीं है. क्या शादी में सौ-पचास लोग आएंगे तो देश तबाह हो जाएगा. और बीस लोगों में भी कोरोना नहीं फैलेगा इसकी क्या गारंटी है.

People upset after rule of attendance of twenty people in wedding ceremony
शादी समारोह में 20 लोगों के उपस्थिति के नियम के बाद लोग परेशान, अन्य राज्यों में तलाश रहे विकल्प

20 लोगों की संख्या तय होने की वजह से लोगों का शादी में जाना ही कैंसिल माना जा रहा है. परिवार में महिलाएं भी खासी मायूस हैं. क्योंकि 14 तारीख के बाद से सहालग फिर से शुरू हो रहा है. ऐसे में शादियों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा. इस सीजन में करीब अट्ठारह सौ शादियां राजधानी दिल्ली में होनी हैं. जिसके लिए ज्यादातर लोगों ने सभी चीजों की बुकिंग करके एडवांस पेमेंट दे दी है, लेकिन अब वह लोग असमंजस में हैं कि आखिर करें तो क्या करें. कई घरों में तो दिल्ली छोड़कर हरियाणा या फिर यूपी के शहरों में भी शादी प्लान करने की चर्चा चल रही है. लेकिन ऐसा करने में भी उनका लाखों रुपए का नुकसान होगा.

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अब लोग सरकार के फैसले पर ही सवाल उठाने लगे हैं. लोगों की मांग है कि या तो सरकार उन्हें कुछ समय दे या पिर शादी समारोह के लिए दिए गए एडवांस पैसे वापस कराए. सारी एहतियात औऱ सारी सावधानियां सिर्फ आम जनता पर ही क्यों लादी जाती हैं. सरकारी आदेश क्या नेताओं और मंत्रियों पर लागू नहीं होते, जो आए दिन बड़ी-बड़ी रैलियां कर रहे हैं.

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