नई दिल्ली: राजधानी के बुराड़ी गांव के लोगों ने अपनी जमीन का एक टुकड़ा सरकार को अस्पताल बनाने के लिए दिया था. करीब 35 साल लंबे इंतजार के बाद बुराड़ी की जमीन पर दिल्ली सरकार ने 800 बेड का आधुनिक और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाया.
अस्पताल भी बनकर तैयार हो चुका है और आनन-फानन में दिल्ली से स्वास्थ्य मंत्री सतेंदर जैन और पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर उद्घाटन तो कर दिए है, लेकिन अभी तक अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए सड़क की मरम्मत भी नहीं की गई है. बरसात के दिनों में सड़क के हालात बहुत बुरे हो जाते है. जिसपर विधायक और सरकार का कोई ध्यान नही है.
'लंबे इंतजार के बाद बना अस्पताल'
आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने ईटीवी से बात करते हुए बताया कि बुराड़ी गांव के लोगों ने अपने जमीन का एक टुकड़ा दिल्ली सरकार को अस्पताल बनाने के लिए दिया. करीब 35 साल लंबा इंतजार करने के बाद बुराड़ी में अस्पताल बनकर तैयार हुआ है. जिसका शिलान्यास कांग्रेस की नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने किया था.
वहीं मरीजों की जरूरत और सुविधाओं के लिए यहां पर सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है. पिछले कई सालों से सड़क के हालात बहुत ही बदहाल हैं, जिस पर एंबुलेंस मरीजों को लेकर नहीं आ जा सकती है. सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे होने की वजह से खुद एम्बुलेंस भी हादसे का शिकार हो सकती है.
'तय मानकों के आधार पर बनाई जाए सड़क'
हालांकि बुराड़ी विधायक संजीव झा 2 महीने में इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा कराने का दावा करते हैं, लेकिन अभी तक सड़क निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हुआ तो, पूरा कैसे होगा. इस बारे में हरपाल राणा ने बताया कि जब सरकार द्वारा सड़क निर्माण कराया जाता है तो, उसकी गारंटी भी साथ दी जाती है. किसी भी मुख्य सड़क को तय मानकों के अनुसार बनाया जाता है और उसकी उम्र भी 5 साल 10 साल 20 साल इस तरीके से मानकों को ध्यान में रखकर तय की जाती है, लेकिन यहां पर ना तो कोई मानक हैं और ना ही बुराड़ी में सड़क है. सरकार छोटी-छोटी गलियों को बनाने के लिए भी उसके मानक तय करती है और उसी मानकों के आधार पर सड़क का निर्माण कार्य कराया जाता है, लेकिन बुराड़ी में कुछ भी नजर नहीं आता.
सरकार का कोई ध्यान नहीं
अब बुराड़ी विधायक के दावे जनता से लगातार किए जा रहे हैं, लेकिन सड़क दो महीनों में बनकर तैयार ही जाएगी. अस्पताल जब पूरी तरह से आम लोगों के लिए भी खोल दिया जाएगा. तब हालात बहुत बुरे होंगे. सड़क पर बरसात का पानी भरता है, बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिसमें वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त होते हैं और लोगों को चोट भी आती है. सरकार की लापरवाही के चलते लोग घायल तो हो रहे हैं साथ में अपनी जान की कीमत भी चुकानी पड़ रही है, लेकिन सरकार का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है.