नई दिल्ली: राजधानी में लॉकडाउन लगे हुए 58 दिन बीत चुके हैं जबकि चौथे चरण के दस दिन शेष बचे हुए हैं. मंगलवार से अधिकांश सार्वजनिक परिवहन खुल चुके हैं. लॉकडाउन में मरीजों को अस्पताल पहुंचने में पीसीआर अहम भूमिका निभा रही है. खासतौर से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने का काम पीसीआर ने बखूबी किया. लॉक डाउन में अब तक 968 गर्भवती महिलाओं को पीसीआर ने अस्पताल पहुंचाया है.
डीसीपी शरत सिन्हा के अनुसार राजधानी में कोरोना महामारी के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. लॉक डाउन के चौथे चरण में सार्वजनिक परिवहन चलने तो लगे हैं, लेकिन अभी भी कुछ गर्भवती महिलाएं अस्पताल जाने के लिए पीसीआर की मदद ले रहे हैं. इसलिए पीसीआर गंभीर मरीजों की लगातार मदद कर उन्हें अस्पताल पहुंचाना का काम कर रही है.
खासतौर से गर्भवती महिलाएं, दिल का दौरा पड़ने वाले मरीज एवं अन्य गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी पीसीआर ने लॉकडाउन के दौरान उठाई है.
पीसीआर ने गर्भवती महिला को पहुंचाया अस्पताल
पिछले 24 घंटे के दौरान पीसीआर को पूर्वी दिल्ली से एक कॉल मिली जिसमें बताया गया कि गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से परेशान है. उसे अस्पताल जाने के लिए मदद चाहिए. कॉल मिलते ही तुरंत पीसीआर वैन मौके पर पहुंची एवं महिला को अस्पताल पहुंचाया. लॉक डाउन के 58 दिनों में पीसीआर द्वारा 968 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाया जा चुका है.