नई दिल्ली : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि उपहार हादसा मामले के दोषी सुशील अंसल के खिलाफ पासपोर्ट के नवीनीकरण से जुड़े धोखाधड़ी के मामले में अभियोजन चलाने के लिए जरूरी अनुमति हासिल करे. चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी को करने का आदेश दिया है.
सोमवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि सुशील अंसल के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए जरूरी अनुमति हासिल करने के लिए दिए गए आवेदन पर आदेश लंबित है. इस मामले में दाखिल चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उपहार सिनेमा त्रासदी के दोषी सुशील अंसल ने पासपोर्ट हासिल करने के लिए अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की सूचना जान-बूझकर छिपाई थी. कोर्ट में दाखिल आठ पन्नों के चार्जशीट में कहा गया है कि सुशील अंसल ने सरकारी प्राधिकार के समक्ष झूठे हलफनामे के जरिए ये कहा था कि उसे किसी भी कोर्ट ने दोषी नहीं करार दिया है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि 2013 में अंसल ने तत्काल पासपोर्ट के लिए आवेदन दाखिल किया था. तत्काल स्कीम के तहत आवेदक को हलफनामा देना होता है कि उसके खिलाफ कोई आपराधिक केस लंबित नहीं है और उसे किसी कोर्ट ने पहले कभी दोषी करार नहीं दिया है. झूठे हलफनामे के जरिए अंसल ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को भ्रमित किया.
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सुशील अंसल के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज किया गया था. हाईकोर्ट में सुशील अंसल के खिलाफ उपहार सिनेमा त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने याचिका दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि अंसल ने पासपोर्ट की अतिरिक्त पुस्तिका के लिए आवेदन करते समय जान-बूझकर झूठा हलफनामा दिया था. उस हलफनामे में अपने दोषी होने के तथ्य को छिपा दिया था. 13 जून, 1997 को दक्षिणी दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में ‘बार्डर’ फिल्म दिखाए जाने के दौरान आग लगने के बाद दम घुटने से 59 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद मची भगदड़ में 100 से अधिक लोग घायल भी हो गए थे.