नई दिल्ली: कोरोना काल में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया. इस बजट को छात्र संगठन NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने छात्र और युवा विरोधी बताया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में छात्र रोजगार और स्कॉलरशिप में इजाफे की उम्मीद लगाए हुए थे. पर इस बजट से ऐसा लग रहा है कि सरकार ने यह बजट अंबानी और अडानी के लिए बनाया है.
NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि इस बजट से छात्रों और युवाओं को केवल निराशा ही हाथ लगी है. सरकार ने इस बजट में छात्रों और युवाओं को लेकर कोई बात नहीं कही है. उन्होंने कहा कि कोरोना के काल में पढ़ाई से लेकर प्लेसमेंट सब कुछ प्रभावित हुआ है. बजट में कुछ भी जिक्र नहीं किया गया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
'इंफ्रास्ट्रक्चर को सही करने का कोई जिक्र नहीं'
नीरज ने कहा कि सरकार ने नए स्कूल खोलने की बात कही है. लेकिन पहले से जो स्कूल-कॉलेज चल रहे हैं. उनके इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक करने का कोई जिक्र नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कई मध्यम वर्गीय परिवार का रोजगार छिन गया, जिसकी वजह से उन परिवारों के बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ा है. सरकार को इस बजट में उन बच्चों के बारे में सोचना चाहिए था. साथ ही कहा कि सरकार अगर ऑनलाइन शिक्षा की ओर बढ़ रही है तो यह भी सोचना चाहिए था कि उन बच्चों को फोन या टैबलेट उपलब्ध कराए. ताकि गरीब परिवार का बच्चा भी बेहतर शिक्षा हासिल कर सके.
वहीं NSUI के राष्ट्रीय सचिव और मीडिया प्रभारी लोकेश चुग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश नहीं बिकने दूंगा. शायद उन्होंने सही कहा था. उन्होंने देश को छोड़कर सब कुछ बेच दिया.