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शिक्षक छात्र अनुपात रैंकिंग, आखिरी से दूसरे नंबर पर दिल्ली - नॉर्थ एमसीडी स्कूल टीचर स्टूडेंट अनुपात रिपोर्ट

दिल्ली के स्कूलों में शिक्षक और छात्रों का अनुपात बेहद खराब है. रिपोर्ट के मुताबिक, 33 छात्रों पर सिर्फ एक शिक्षक है, जबकि टॉप राज्यों की बात करें तो सिक्किम में 6.7 यानी 7 छात्र पर एक शिक्षक है. अब इसे लेकर नॉर्थ एमसीडी की शिक्षा समिति की अध्यक्ष ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है.

garima gupta reaction teacher student ratio report
गरिमा गुप्ता का केजरीवाल सरकार पर निशाना
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Published : Jul 4, 2021, 5:19 PM IST

नई दिल्ली : प्राथमिक शिक्षा को लेकर केन्द्र सरकार ने शिक्षक-छात्र अनुपात की रैंकिंग जारी की है, जिसमें दिल्ली ने टॉप तो नहीं किया, लेकिन आखिरी से टॉप-2 में है. मतलब 37 में से दिल्ली को 36वां स्थान मिला है. दिल्ली से पीछे इस मामले में सिर्फ बिहार है.

अब इस रिपोर्ट को लेकर नॉर्थ एमसीडी में शिक्षा समिति की अध्यक्ष गरिमा गुप्ता ने वीडियो जारी कर कहा है कि केन्द्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट ये बताती है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज क्या स्थिति है. दिल्ली सरकार जबरन निगम के स्कूलों का फंड रोक रही है. शिक्षा के मद में पिछले एक साल से दिल्ली सरकार ने एक रुपये का भी फंड जारी नहीं किया, जो दिल्ली की खराब रैंकिंग का सबसे बड़ा कारण है.

गरिमा गुप्ता का केजरीवाल सरकार पर निशाना

गरिमा गुप्ता ने कहा कि निगम अपने खराब वित्तीय हालात के कारण न तो अपने 7 हजार शिक्षकों को समय पर वेतन दे पा रहा है और न ही जरूरत के मुताबिक शिक्षकों की नियुक्ति कर पा रहा है. केन्द्र की ओर से जारी की गई रैंकिंग में दिल्ली के 36वें स्थान पर होने के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें: BJP की वजह से दिल्ली की शिक्षा की तस्वीर खराब हो रही : सिसोदिया

बता दें कि दिल्ली में प्राथमिक शिक्षा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी नगर निगम के स्कूलों की है. नॉर्थ एमसीडी के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में 2 लाख 30 हजार बच्चे पढ़ने हैं, जिनके लिए करीब 7 हजार शिक्षक हैं. यानि निगम के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों का अनुपात छात्रों के मुकाबले काफी कम है. दिल्ली में प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर छात्रों के मुकाबले शिक्षकों का अनुपात 32.7 है. यानि हर 33 छात्र पर सिर्फ एक शिक्षक है, जबकि बिहार में ये अनुपात 55.4 है.

अलग-अलग राज्यों में शिक्षक-छात्र का अनुपात

1.सिक्किम6.7
2.हिमाचल प्रदेश15.3
3.जम्मू-कश्मीर15.4
4.उत्तराखंड18.5
5.छत्तीसगढ़ 19.3
6.कर्नाटक20.9
7.राजस्थान24.8
8.पंजाब25
9.चंडीगढ़25.1
10.महाराष्ट्र25.7

नई दिल्ली : प्राथमिक शिक्षा को लेकर केन्द्र सरकार ने शिक्षक-छात्र अनुपात की रैंकिंग जारी की है, जिसमें दिल्ली ने टॉप तो नहीं किया, लेकिन आखिरी से टॉप-2 में है. मतलब 37 में से दिल्ली को 36वां स्थान मिला है. दिल्ली से पीछे इस मामले में सिर्फ बिहार है.

अब इस रिपोर्ट को लेकर नॉर्थ एमसीडी में शिक्षा समिति की अध्यक्ष गरिमा गुप्ता ने वीडियो जारी कर कहा है कि केन्द्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट ये बताती है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज क्या स्थिति है. दिल्ली सरकार जबरन निगम के स्कूलों का फंड रोक रही है. शिक्षा के मद में पिछले एक साल से दिल्ली सरकार ने एक रुपये का भी फंड जारी नहीं किया, जो दिल्ली की खराब रैंकिंग का सबसे बड़ा कारण है.

गरिमा गुप्ता का केजरीवाल सरकार पर निशाना

गरिमा गुप्ता ने कहा कि निगम अपने खराब वित्तीय हालात के कारण न तो अपने 7 हजार शिक्षकों को समय पर वेतन दे पा रहा है और न ही जरूरत के मुताबिक शिक्षकों की नियुक्ति कर पा रहा है. केन्द्र की ओर से जारी की गई रैंकिंग में दिल्ली के 36वें स्थान पर होने के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है.

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बता दें कि दिल्ली में प्राथमिक शिक्षा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी नगर निगम के स्कूलों की है. नॉर्थ एमसीडी के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में 2 लाख 30 हजार बच्चे पढ़ने हैं, जिनके लिए करीब 7 हजार शिक्षक हैं. यानि निगम के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों का अनुपात छात्रों के मुकाबले काफी कम है. दिल्ली में प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर छात्रों के मुकाबले शिक्षकों का अनुपात 32.7 है. यानि हर 33 छात्र पर सिर्फ एक शिक्षक है, जबकि बिहार में ये अनुपात 55.4 है.

अलग-अलग राज्यों में शिक्षक-छात्र का अनुपात

1.सिक्किम6.7
2.हिमाचल प्रदेश15.3
3.जम्मू-कश्मीर15.4
4.उत्तराखंड18.5
5.छत्तीसगढ़ 19.3
6.कर्नाटक20.9
7.राजस्थान24.8
8.पंजाब25
9.चंडीगढ़25.1
10.महाराष्ट्र25.7
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