नई दिल्ली : एम्स में अप्वाइंटमेंट और ओपीडी (OPD of AIIMS) में मरीजों के इलाज की व्यवस्था बदलने जा रही है. एम्स की कमान संभालने के एक सप्ताह में ही संस्थान के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने ओपीडी में भीड़ को नियंत्रित करने और इलाज की व्यवस्था में सुधार के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाए हैं. इसी क्रम में उन्होंने अब यह आदेश जारी किया है कि नई ओपीडी व सर्जिकल ब्लॉक की ओपीडी में स्लॉट के अनुसार ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट (appointment according to slot) दिया जाएगा. अप्वाइंटमेंट पर्ची पर दर्ज समय के दौरान ही मरीज ओपीडी में देखे जाएंगे. बगैर ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट के ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को भी अस्पताल पहुंचने पर स्लॉट दिया जाएगा.
साथ ही एम्स में अब ओपीडी में दिखाने के पैसे नहीं लगेंगे. एम्स प्रशासन ने पर्ची बनवाने के लिए लगने वाले 10 रुपये के शुल्क को माफ कर दिया गया है. इसके अलावा यहां इलाज करवाने वाले मरीजों को 300 रुपये तक के सभी उपयोगकर्ता शुल्क को भी समाप्त कर दिया गया है. एम्स प्रशासन का यह आदेश एक नवंबर से लागू होगा. इससे पहले 19 मई को एक आदेश जारी कर एम्स प्रशासन ने 300 रुपये तक की सभी जांच निशुल्क कर दी है.
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एक नवंबर से स्लॉट के अनुसार ओपीडी में मरीजों का इलाज :ओपीडी ब्लॉक के पंजीकरण काउंटर पर एक साथ मरीजों की भीड़ नहीं लगेगी. आज से स्लॉट के अनुसार ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट देने का काम शुरू हो जाएगा और अगले माह एक नवंबर से स्लॉट के अनुसार मिले अप्वाइंटमेंट पर ओपीडी में मरीजों के इलाज की सुविधा शुरू होगी. मौजूदा समय में ओपीडी में पंजीकरण के लिए सुबह में मरीज एक साथ अस्पताल पहुंच जाते हैं. इस वजह से ओपीडी पंजीकरण के लिए मरीजों की लंबी लाइन लग जाती है. इसके मद्देनजर ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट के लिए अब स्लॉट निर्धारित होगा और अप्वाइंटमेंट के दौरान डॉक्टर से दिखाने के लिए मिले समय पर ही मरीजों को एक नवंबर से ओपीडी ब्लाक में पंजीकरण के लिए प्रवेश दिया जाएगा. निर्धारित समय से पहले पहुंचने वाले मरीजों को ओपीडी ब्लॉक के पास वेटिंग एरिया में इंतजार करना होगा.
बगैर अप्वाइंटमेंट ओपीडी पंजीकरण काउंटर हाल में प्रवेश नहीं : इसी तरह जो मरीज बगैर अप्वाइंटमेंट के ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचते हैं उन्हें सीधे ओपीडी पंजीकरण काउंटर हाल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. उन्हें पहले ओपीडी के पास वेटिंग एरिया में रिपोर्ट करना होगा. वहां उन्हें स्लॉट के अनुसार टोकन दिया जाएगा. उनके स्लॉट का समय आने पर ओपीडी ब्लॉक में पंजीकरण के लिए भेजा जाएगा. स्लॉट की पहचान के लिए मरीजों को एक कलाई बैंड भी उपलब्ध कराया जाएगा. जिन मरीजों को अस्पताल पहुंचने के दिन ओपीडी में दिखाने का समय नहीं मिल पाएगा उन्हें कियोस्क के जरिये अप्वाइंटमेंट दिया जाएगा और चयनित तारीख के दिन ओपीडी में इलाज के लिए बुलाया जाएगा.
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