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नए वाहन को खरीदने के लिए मिले सब्सिडी, 1 साल में ही हो फिटनेस टेस्ट- ट्रांसपोर्टर

नई दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने 15 साल पुराने वाहन को बाहर करने की बात कही है.

1 साल में ही हो फिटनेस टेस्ट
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Published : Jul 30, 2019, 10:08 PM IST


नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए एनजीटी के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने 15 साल पुराने करीब 70 लाख से ज्यादा वाहन को दिल्ली से बाहर करने की बात कही है. वहीं दूसरी ओर जिन गाड़ियों की फिटनेस 1 साल में होती थी, वहीं उनकी फिटनेस की समय सीमा बढ़ाकर 2 साल कर दिया गया है. जिससे ट्रांसपोर्टर काफी नाराज है.
उनका कहना है कि सरकार भले भी 15 साल पुरानी गाड़ियों को बाहर कर दे लेकिन फिटनेस एक साल में ही होनी चाहिए.

1 साल में ही हो फिटनेस टेस्ट

5 साल पुराने वाहन बाहर
इस बारे में जब ट्रांसपोर्टरों से बात की गई तो उनका कहना है कि 15 साल बाद पुराने वाहन दिल्ली से बाहर किए जा रहे हैं. इससे उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. बढ़ते प्रदूषण की वजह से सभी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और पुराने वाहन ज्यादातर डीजल की गाड़ियां हैं. डीजल की गाड़ियां ज्यादातर धुआं करती है जिसकी वजह से प्रदूषण ज्यादा होता है.

एनजीटी ने गाड़ियों की फिटनेस का समय बढ़ाया
दिल्ली में एनजीटी ने गाड़ियों की फिटनेस का समय आगे बढ़ाया है. इसे ट्रांसपोर्टर गलत मानते हैं. ट्रांसपोर्टर का कहना है कि इससे वाहन चालक और वाहन मालिक दोनों लापरवाह हो जाएंगे. अब जो फिटनेस एक साल में होती थी उन्हीं गाड़ियों की फिटनेस 2 साल में होगी. जिससे गाड़ी के मालिक को काफी नुकसान होगा. क्योंकि जिनकी फिटनेस 1 साल में ठीक नहीं रहती उन वाहनों की फिटनेस 2 साल में कैसे ठीक मानी जाएगी.

इस मामले में ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि 15 साल पुरानी गाड़ियों को बाहर किया जाए लेकिन दोबारा गाड़ियों की फिटनेस एक साल में ही होनी चाहिए. ताकि समय पर गाड़ियों का मेंटेनेंस भी किया जा सके.

गाड़ियों के फिटनेस एक साल में होना चाहिए
वहीं दूसरे ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि नई गाड़ियों की फिटनेस केवल पांच साल तक दो साल में एक बार होगी, उसके बाद फिर दोबारा से पांच साल पुरानी गाड़ियों की फिटनेस एक साल में होने लगेगी. पुरानी गाड़ियां हादसों को दावत देती हुई रोड पर घूमती नजर आएंगी. इसी चलते गाड़ियों के फिटनेस एक साल में होनी चाहिए.

ट्रांसपोर्टर की मांग
पूरे मामले में बात की जाए तो ट्रांसपोर्टर्स की मांग है कि गाड़ियों का 15 साल में कुछ नहीं बिगड़ता. जिस गाड़ी ने 15 साल पार कर लिए हैं उसे डम्प कर दिल्ली सरकार खत्म कर दें, लेकिन ट्रांसपोर्टर्स को नई गाड़ी लेने के लिए सब्सिडी दें. ताकि वह अपना काम दोबारा से शुरू कर सके.


नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए एनजीटी के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने 15 साल पुराने करीब 70 लाख से ज्यादा वाहन को दिल्ली से बाहर करने की बात कही है. वहीं दूसरी ओर जिन गाड़ियों की फिटनेस 1 साल में होती थी, वहीं उनकी फिटनेस की समय सीमा बढ़ाकर 2 साल कर दिया गया है. जिससे ट्रांसपोर्टर काफी नाराज है.
उनका कहना है कि सरकार भले भी 15 साल पुरानी गाड़ियों को बाहर कर दे लेकिन फिटनेस एक साल में ही होनी चाहिए.

1 साल में ही हो फिटनेस टेस्ट

5 साल पुराने वाहन बाहर
इस बारे में जब ट्रांसपोर्टरों से बात की गई तो उनका कहना है कि 15 साल बाद पुराने वाहन दिल्ली से बाहर किए जा रहे हैं. इससे उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. बढ़ते प्रदूषण की वजह से सभी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और पुराने वाहन ज्यादातर डीजल की गाड़ियां हैं. डीजल की गाड़ियां ज्यादातर धुआं करती है जिसकी वजह से प्रदूषण ज्यादा होता है.

एनजीटी ने गाड़ियों की फिटनेस का समय बढ़ाया
दिल्ली में एनजीटी ने गाड़ियों की फिटनेस का समय आगे बढ़ाया है. इसे ट्रांसपोर्टर गलत मानते हैं. ट्रांसपोर्टर का कहना है कि इससे वाहन चालक और वाहन मालिक दोनों लापरवाह हो जाएंगे. अब जो फिटनेस एक साल में होती थी उन्हीं गाड़ियों की फिटनेस 2 साल में होगी. जिससे गाड़ी के मालिक को काफी नुकसान होगा. क्योंकि जिनकी फिटनेस 1 साल में ठीक नहीं रहती उन वाहनों की फिटनेस 2 साल में कैसे ठीक मानी जाएगी.

इस मामले में ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि 15 साल पुरानी गाड़ियों को बाहर किया जाए लेकिन दोबारा गाड़ियों की फिटनेस एक साल में ही होनी चाहिए. ताकि समय पर गाड़ियों का मेंटेनेंस भी किया जा सके.

गाड़ियों के फिटनेस एक साल में होना चाहिए
वहीं दूसरे ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि नई गाड़ियों की फिटनेस केवल पांच साल तक दो साल में एक बार होगी, उसके बाद फिर दोबारा से पांच साल पुरानी गाड़ियों की फिटनेस एक साल में होने लगेगी. पुरानी गाड़ियां हादसों को दावत देती हुई रोड पर घूमती नजर आएंगी. इसी चलते गाड़ियों के फिटनेस एक साल में होनी चाहिए.

ट्रांसपोर्टर की मांग
पूरे मामले में बात की जाए तो ट्रांसपोर्टर्स की मांग है कि गाड़ियों का 15 साल में कुछ नहीं बिगड़ता. जिस गाड़ी ने 15 साल पार कर लिए हैं उसे डम्प कर दिल्ली सरकार खत्म कर दें, लेकिन ट्रांसपोर्टर्स को नई गाड़ी लेने के लिए सब्सिडी दें. ताकि वह अपना काम दोबारा से शुरू कर सके.

Intro:नॉर्थ वेस्ट दिल्ली,

लोकेशन - बुराड़ी अथॉरिटी ।

बाईट - ट्रांसपोर्ट ।

स्टोरी - राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए एनजीटी के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने 15 साल पुराने करीब 70 लाख से ज्यादा वाहन दिल्ली से बाहर करने की बात कही । तो वहीं दूसरी तरफ जिन गाड़ियों के फिटनेस 1 साल में होती थी वहीं उनकी फिटनेस की समय सीमा बढ़ाकर 2 साल कर दी गई । जिससे ट्रांसपोर्टर काफी नाराज है । उनका कहना है कि सरकार भले भी 15 साल पुरानी गाड़ियों को बाहर कर दे लेकिन फिटनेस एक साल में ही होनी चाहिए ।


Body:इस बारे में जब ट्रांसपोर्टरों से बात की गई तो उनका कहना है कि 15 साल बाद पुराने वाहन दिल्ली से बाहर किए जा रहे हैं । उससे उन्हें कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है । बढ़ते प्रदूषण की वजह से सभी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और जो पुराने वाहन ज्यादातर डीजल की गाड़ियां हैं । वह ज्यादातर धुआं करती है जिसकी वजह से प्रदूषण ज्यादा होता है । दिल्ली में एनजीटी ने गाड़ियों की फिटनेस का समय आगे बढ़ाया है । जिसे ट्रांसपोर्टर गलत मानते हैं उससे वाहन चालक और वाहन मालिक लापरवाह हो जाएंगे । जो गाड़ी एक साल में पास होने के लिए आती थी और उसके बाद उसकी फिटनेस भी चेक होती थी अब जो फिटनेस एक साल में होती थी उन्हीं गाड़ियों के फिटनेस 2 साल में होगी। जिससे गाड़ी मालिक को काफी नुकसान होगा क्योंकि जिनकी फिटनेस 1 साल में ठीक नहीं रहती उन वाहनों की फिटनेस 2 साल में कैसे ठीक मानी जाए । इस मामले में ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि 15 साल पुरानी गाड़ियों को बाहर किया जाए लेकिन दोबारा गाड़ियों की फिटनेस एक साल में ही होनी चाहिए ताकि समय पर गाड़ियों की फिटनेस और उनका मेंटेनेंस किया जा सके । वहीं दूसरे ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि नई गाड़ियों की फिटनेस केवल पांच साल तक दो साल में एक बार होगी, उसके बाद फिर दोबारा से पांच पुरानी गाड़ियों के फिटनेस एक साल में होने लगेगी । पुरानी गाड़ियां हादसों को दावत देती हुई रोड पर घूमती नजर आएंगी । इसी चलते गाड़ियों के फिटनेस एक साल में होनी चाहिए ।


Conclusion:यदि पूरे मामले में बात की जाए तो ट्रांसपोर्टर्स की मांग है कि गाड़ियों का 15 साल में कुछ नहीं बिगड़ता । जिस गाड़ी ने 15 साल पार कर लिए हैं उसे डम्प कर दिल्ली सरकार खत्म कर दे लेकिन ट्रांसपोर्टर्स को नई गाड़ी लेने के लिए सब्सिडी दे। ताकि वह अपना काम दोबारा से शुरू कर सके यदि ट्रांसपोर्टर और ड्राइवर बेरोजगार हो गए तो दिल्ली में अपराध ओर अपराधियों की संख्या बढ़ जाएगी ।
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