नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से दिए संबोधन में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा (Prime Minister promoted natural farming) देने की बात कही. इसके बाद दिल्ली के किसानों (farmers of delhi) ने कहा कि केंद्र सरकार उचित मार्केट और सही प्रचार प्रसार करे तभी प्राकृतिक खेती कर किसान आत्मनिर्भर बन सकेगा.
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने लाल किले से अपने संबोधन में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात कही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्राकृतिक खेती से किसान आत्मनिर्भर हो सकते हैं. ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्राकृतिक खेती की तरफ जाना चाहिए. इस वक्तव्य पर ईटीवी भारत ने दिल्ली के किसानों से बातचीत की. पल्ला के उस जगह पर पहुंची जहां पिछले तीन सालों से प्राकृतिक खेती की जा रही है.
तीन सालों से प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों से बातचीत कर उनकी राय जानी तो उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री पहले भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात कहते रहे हैं. कई अन्य मंत्रियों ने भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात कही. उन्हीं के कहने के बाद अब कई किसान प्राकृतिक खेती (natural farming) करने भी लगे हैं, लेकिन प्राकृतिक खेती में कई तरीके की दिक्कतें आ रही हैं. किसानों को प्राकृतिक खेती करने में काफी नुकसान भी उठाना पड़ता है. प्राकृतिक खेती करने में किसानों को फायदा कम होता है. लेकिन इन सबके बावजूद प्राकृतिक खेती (natural farming) से होने वाली सब्जियों को खाने में कई फायदे हैं.
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केमिकल से की गई खेती जमीन को भी खराब करती है और कई बीमारियों से लोग ग्रसित भी होते हैं. पल्ला इलाके में पिछले तीन सालों से प्राकृतिक खेती कर रहे किसान द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की गई कि वह केंद्र के बजट में प्राकृतिक खेती के लिए कुछ व्यवस्था करें. एक मार्केट निर्धारित की जाए जहां प्राकृतिक खेती करने वाले किसान अपनी खेत की सब्जियों को बेच सकें. साथ ही साथ सरकार स्वयं से प्राकृतिक खेती के प्रचार-प्रसार पर भी ध्यान दें जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती (natural farming) का रास्ता अपना सकें.
पिछले कुछ सालों से केंद्र सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की लगातार बातें की जा रही है जिसका फायदा भी देखने को मिल रहा है. दिल्ली में भी अब कई किसान प्राकृतिक खेती (Prime Minister promoted natural farming) की तरफ बढ़ रहे हैं लेकिन अभी भी ऐसे कई प्रयास हैं इस सरकार को अपनी तरफ से करने होंगे जिसकी किसान मांग भी कर रहे हैं.