नई दिल्ली: नारायणा थाना पुलिस ने एक महिला घोषित अपराधी को मुम्बई से गिरफ्तार किया है, जो नकली दस्तावेज से बैंक से लोन दिलाने का झांसा देती थी. इनकी गिरफ्तारी मोबाइल एप ग्रॉफर्स से हुई.
ठगों के गिरोह का भंडाफोड़
नारायणा थाना पुलिस ने ठगों के ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो प्रॉपर्टी के नकली कागजात दिखाकर निजी बैंकों से ठगी करते थे. पुलिस ने गिरोह की महिला सदस्य को गिरफ्तार किया है. दरअसल, शालीमार बाग इलाके में रहने वाली एक महिला ने 2018 में एक शिकायत दी थी कि पंजाब एंड सिंध बैंक ने 30 लाख का लोन चुकाने के संबंध में नोटिस भेजा. इस लोन को मधु चौधरी ने लिया, जिसकी गारेंटर पीड़ित महिला को बताया गया, लेकिन पीड़ित महिला का कहना था कि वह किसी की गारेंटर नहीं बनी. उनकी प्रॉपर्टी के पेपर का किसी ने धोखे से गलत इस्तेमाल किया.
कोर्ट ने किया था भगोड़ा घोषित
इसमें आरोपी मधु के साथ-साथ प्रभा दास भी थी. तब मामले की सुनवाई के बाद सन 2020 में पटियाला हाउस कोर्ट ने इन दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया. इसके बाद नारायणा थाने की पुलिस टीम, जिसमें एसआई मनोज, कॉन्स्टेबल सुनील, महिला कॉन्स्टेबल मोनिका शामिल थी, ने इन्हें गिरफ्तार किया.
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मुंबई से पकड़ी गई आरोपी
इनकी गिरफ्तारी के लिए एसीपी मायापुरी और एसएचओ नारायणा की तरफ से निर्देश मिला और टीम ने कड़ी मेहनत के बाद मोबाइल ऐप ग्रॉफर से ये पता लगाया कि मधु मुम्बई में रह रही है. इसके अलावा उसने घर में टाटा स्काई लगा रखा था. उससे पुलिस को जानकारी मिली. साथ ही टेक्निकल सर्विलांस का इस्तेमाल भी किया गया और आखिरकार मुम्बई से ये आरोपी पकड़ी गई.
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महीनों में बदल रही थी ठिकाना
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, ये कुछ ही महीने में अपना ठिकाना बदल रही थी. ये लोग किसी और के नाम का इस्तेमाल कर प्रॉपर्टी के नकली पेपर बना बैंक से ठगी करते थे.