नई दिल्ली/गाजियाबाद : देश के बहुचर्चित निठारी कांड में पहली FIR दर्ज कराने के बाद अपने बयानों से मुकरने वाले मृतका के पिता नंदलाल के केस में गाजियाबाद कोर्ट ने मंगलवार (31 मई) को नंदलाल को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने नंदलाल पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. 27 मई को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए नंदलाल को दोषी करार दिया था. ACJM कोर्ट-3 ने धारा 193/199 IPC में लाल को दोषी माना था. नंदलाल को IPC सेक्शन-193 और 199 में 3.5-3.5 साल कैद की सजा सुनाई है. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी. नंदलाल 27 मई से न्यायिक हिरासत में था.
6 जुलाई 2007 को नंदलाल ने कोर्ट में ब्यान दिया कि मोनिंदर सिंह पंढेर ने मेरे सामने सभी हत्याओं का जुर्म कबूल किया था और मेरे सामने ही पंढेर व सुरेन्द्र कोली ने हत्याओं में इस्तेमाल आरी बरामद की थी. इन बयानों के आधार पर नंदलाल ने ही पंढेर को हत्या का अतिरिक्त आरोपी भी बनवाया, लेकिन इसके बाद नंदलाल पंढेर को बचाने के लिए 15 नवंबर 2007 को बयानों से मुकर गया. उसने नये बयान दिये कि पंढेर ने न तो मेरे सामने आरी बरामद करायी और न ही हत्याएं किये जाने का जुर्म कबूल किया था. मैंने पहले वाला बयान अपने वकील खालिद खान के कहने पर दिया था.
नंदलाल द्वारा बयान बदलने के मामले में संज्ञान लेकर तत्कालीन सीबीआई न्यायाधीश रमा जैन ने वादी बनकर नंदलाल के खिलाफ कोर्ट में बयान देकर मुकरने का मामला IPC सेक्शन 193 के तहत कोर्ट में दर्ज कराया था.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप