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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: दोषियों की सजा पर 4 फरवरी को होगी सुनवाई

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दोषी करार दिए गए 19 आरोपियों की सजा पर सुनवाई टाल दी है. एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने के कारण सुनवाई टाल दी गई है.

Muzaffarpur shelter home case
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस
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Published : Jan 28, 2020, 11:52 AM IST

Updated : Jan 28, 2020, 12:57 PM IST

नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस मामले में साकेत कोर्ट में सुनवाई टाल दी गई है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 4 फरवरी को होगी. बता दें कि 20 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में 19 लोगों को दोषी करार दिया था.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस


ब्रजेश ठाकुर समेत 19 दोषी
बता दें कि पिछले 20 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपियों को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत दस आरोपियों को पॉक्सो और गैंगरेप का दोषी करार दिया था. कोर्ट ने 9 महिला आरोपियों को आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना था. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा था कि शेल्टर होम में रहनेवाली नाबालिग लड़कियों के साथ कई बार रेप हुए. हालांकि आरोपी विक्की को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया था.


आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 20 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. हालांकि अभियुक्तों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है. सभी केस भ्रमपूर्ण हैं, न कोई घटना की तिथि है और न ही समय और स्थान.


25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी
गौरतलब है कि इस मामले में साकेत कोर्ट ने पिछले 25 फरवरी से सुनवाई शुरू की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए.


रेप और पॉस्को एक्ट के तहत तय हुए थे आरोप
बता दें कि पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. इस मामले में सीबीआई ने जिन लोगों को आरोपी बनाया गया था उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह , अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं.

नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस मामले में साकेत कोर्ट में सुनवाई टाल दी गई है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 4 फरवरी को होगी. बता दें कि 20 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में 19 लोगों को दोषी करार दिया था.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस


ब्रजेश ठाकुर समेत 19 दोषी
बता दें कि पिछले 20 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपियों को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत दस आरोपियों को पॉक्सो और गैंगरेप का दोषी करार दिया था. कोर्ट ने 9 महिला आरोपियों को आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना था. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा था कि शेल्टर होम में रहनेवाली नाबालिग लड़कियों के साथ कई बार रेप हुए. हालांकि आरोपी विक्की को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया था.


आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 20 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. हालांकि अभियुक्तों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है. सभी केस भ्रमपूर्ण हैं, न कोई घटना की तिथि है और न ही समय और स्थान.


25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी
गौरतलब है कि इस मामले में साकेत कोर्ट ने पिछले 25 फरवरी से सुनवाई शुरू की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए.


रेप और पॉस्को एक्ट के तहत तय हुए थे आरोप
बता दें कि पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. इस मामले में सीबीआई ने जिन लोगों को आरोपी बनाया गया था उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह , अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दोषी करार दिए गए 19 आरोपियों की सजा पर सुनवाई टाल दिया है। सुनवाई करनेवाले एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के आज छुट्टी पर होने के चलते इस मामले पर सुनवाई टली है।



Body:20 जनवरी को कोर्ट ने दोषी ठहराया था
पिछले 20 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपियों को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत दस आरोपियों को पॉक्सो और गैंगरेप का दोषी करार दिया था। कोर्ट ने 9 महिला आरोपियों को आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना था । कोर्ट ने कहा था कि शेल्टर होम में रहनेवाली नाबालिग लड़कियों के साथ कई बार रेप हुए। कोर्ट ने इस मामले में एक आरोपी विक्की को दोषमुक्त कर दिया था ।
आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 20 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। अभियुक्तों की ओर से कहा गया  था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है। सभी केस भ्रमपूर्ण हैं । न कोई घटना की तिथि है और न ही समय और स्थान। आरोपियों की तरफ से कहा गया था कि सभी पीड़ितों ने पहली बार कोर्ट में ही बयान दिया। कोर्ट के पहले पीड़ितों ने पुलिस या मजिस्ट्रेट या सीबीआई को कोई बयान नहीं दिया।
25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी
इस मामले में साकेत कोर्ट ने पिछले 25 फरवरी से सुनवाई शुरु की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए।
रेप और पॉस्को एक्ट के तहत आरोप तय हुए थे
पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। कोर्ट ने आरोपियों पर यौन उत्पीड़न, आपराधिक साजिश, पॉस्को एक्ट की धारा 3, 5 और 6 के सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था । इस मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है। 



Conclusion:कौन-कौन थे आरोपी
इस मामले में सीबीआई ने जिन लोगों को आरोपी बनाया गया था उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह , अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं।
Last Updated : Jan 28, 2020, 12:57 PM IST
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