नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस मामले में साकेत कोर्ट में सुनवाई टाल दी गई है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 4 फरवरी को होगी. बता दें कि 20 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में 19 लोगों को दोषी करार दिया था.
ब्रजेश ठाकुर समेत 19 दोषी
बता दें कि पिछले 20 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपियों को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत दस आरोपियों को पॉक्सो और गैंगरेप का दोषी करार दिया था. कोर्ट ने 9 महिला आरोपियों को आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना था. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा था कि शेल्टर होम में रहनेवाली नाबालिग लड़कियों के साथ कई बार रेप हुए. हालांकि आरोपी विक्की को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया था.
आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि नाबालिग पीड़ितों के बयानों से साफ है कि सभी 20 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. हालांकि अभियुक्तों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने निष्पक्ष जांच नहीं की है. सभी केस भ्रमपूर्ण हैं, न कोई घटना की तिथि है और न ही समय और स्थान.
25 फरवरी 2019 से सुनवाई शुरू हुई थी
गौरतलब है कि इस मामले में साकेत कोर्ट ने पिछले 25 फरवरी से सुनवाई शुरू की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने निर्दश दिया था कि इस मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी की जाए.
रेप और पॉस्को एक्ट के तहत तय हुए थे आरोप
बता दें कि पिछले 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. इस मामले में सीबीआई ने जिन लोगों को आरोपी बनाया गया था उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह , अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं.