नई दिल्ली : दिल्ली में अस्थाई अस्पताल बनाए जाने में 1256 करोड़ के घोटाले का आरोप बीजेपी ने आप पर लगाया है. जिसके बाद पूरे मामले ने विवाद का रूप ले लिया है. इस मामले को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मनोज तिवारी आमने-सामने आ गए हैं. मनोज तिवारी ने मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मनीष सिसोदिया से जवाब मांगा है कि 1256 करोड़ रुपए जो अस्थाई अस्पताल बनाने के लिए आवंटित किए गए थे. वह कहां खर्च किए गए. अपने जवाब को गोल-गोल घुमाकर देने की बजाय कोर्ट में आकर बात रखें.
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सामने आकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में न सिर्फ अपनी बात रखी बल्कि बीजेपी के ऊपर कई गंभीर आरोप भी लगाए. जिसके बाद अब दिल्ली बीजेपी की तरफ से सांसद मनोज तिवारी और वरिष्ठ प्रवक्ता हरीश खुराना ने सामने आकर सोशल मीडिया पर बात रखते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अस्थाई अस्पतालों के निर्माण के मामले में अपनी सरकार के भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ओछी पत्रबाजी कर रहे हैं. जबकि न्यायालय भी इसकी जांच के आदेश किए हैं. यह दुखद है कि जनता एवं न्यायालय की जांच का जवाब देने की बजाय मनीष सिसोदिया लोगों को भ्रमित करने में लगे हैं.
मामले की जांच के आदेश न्यायालय ने किए हैं. सिसोदिया उपराज्यपाल को पत्र लिखकर भ्रमित कर रहे हैं. मनोज तिवारी ने आगे कहा है कि हमने अस्थाई अस्पताल निर्माण पर जो आरोप लगाए हैं, वह तथ्यों पर आधारित हैं.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने मुझ पर मानहानि का केस किया. वह यह छुपा गए कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने उस केस पर रोक लगा दी है. इसके कारण उन पर न्यायालय की मानहानि का मामला बन सकता है.
अरविंद केजरीवाल वीडियो क्लिप के आधार पर भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई की बात करते हैं, लेकिन आज सिसोदिया कानूनी दांव-पेंच खेलकर जांच से बचना चाहते हैं. बीजेपी और दिल्ली की जनता उप मुख्यमंत्री से जानना चाहती है कि अस्थाई अस्पतालों के निर्माण के लिए आवंटित 1256 करोड़ रुपए का क्या हुआ. अब बीजेपी सड़कों पर उतरकर AAP के खिलाफ प्रदर्शन करने के साथ ही इस मामले को जनता के बीच लेकर जाएगी.