नई दिल्ली: अशोक विहार के वजीरपुर इलाके में रहने वाली अनुपा ने अपने नवजात बच्चे को अशोक विहार थाने में तैनात एक सिपाही का नाम दिया है. यह सिपाही दयावीर सिंह है जिसने मुश्किल की घड़ी में इस महिला को अस्पताल पहुंचा कर न केवल उसकी मदद की बल्कि उसकी जान भी बचाई.
उसके इस काम की सराहना करते हुए महिला ने अपने बच्चे को का नाम दयावीर रख दिया है. वह चाहती है कि बड़ा होकर उसका बेटा भी दयावीर की तरह लोगों की मदद करे.
पड़ोसी ने किया कॉल
जानकारी के अनुसार अनूपा वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र की झुग्गी बस्ती में रहती है. बीते गुरुवार की सुबह अचानक उसे प्रसव पीड़ा होने लगी. उन्होंने काफी प्रयास किया लेकिन कोई गाड़ी या एंबुलेंस नहीं मिल पा रही थी. ऐसे में पड़ोस में रहने वाले इंद्रजीत यादव ने एसएचओ आरती शर्मा को फोन कर उनसे मदद मांगी.
उन्होंने बताया कि महिला को अस्पताल पहुंचाना बेहद जरूरी है, लेकिन कोई गाड़ी नहीं मिल रही है. एसएचओ आरती शर्मा ने तुरंत सिपाही दयावीर को अपनी जिप्सी देकर इस परिवार की मदद के लिए भेजा.
दयावीर ने महिला को पहुंचाया अस्पताल
सिपाही दयावीर तुरंत बताए गए पते पर पहुंचे और इस महिला को हिंदूराव अस्पताल पहुंचाया. वहां महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. शुक्रवार को महिला ने एक बार फिर मदद के लिए दयावीर को फोन किया. उसने बताया कि वह अस्पताल से घर जाना चाहती है, लेकिन कोई गाड़ी नहीं मिल रही है.
ऐसे में एक बार फिर दयावीर, अस्पताल पहुंचा और जिप्सी से महिला को उसके घर तक पहुंचाया. दयावीर के द्वारा की गई मदद से अनुपा इस कदर प्रभावित हुई कि उसने अपने बच्चे का नाम भी दयावीर रख लिया है.
ईटीवी भारत से बातचीत में अनुपा ने बताया कि लॉकडाउन के समय में पुलिस लगातार लोगों की मदद कर रही है. उनके खाने-पीने के इंतजाम से लेकर उन्हें बीमारी से बचाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है. पुलिस के द्वारा की जा रही मदद का वह खुद जीता-जागता सबूत है.
आज पुलिस की वजह से ही वह सकुशल अपने बच्चे के साथ घर पर मौजूद हैं. अगर गुरुवार की सुबह सिपाही दयावीर की तरफ से उसे मदद नहीं मिलती तो शायद आज वह अपने बच्चे के साथ सकुशल नहीं होती. यही वजह है कि उसने अपने बेटे का नाम दयावीर रखा है.
दयावीर के लिए यह बड़ा सम्मान
महिला को अस्पताल पहुंचाने वाले सिपाही दयावीर ने बताया कि एसएचओ के कहने पर वह तुरंत इस परिवार की मदद के लिए पहुंचा और उन्हें अस्पताल पहुंचाया. वह इस बात से बेहद खुश है कि महिला ने इस बच्चे का नाम उसके नाम पर रखा है.
वो चाहेगा कि भविष्य में यह बच्चा अच्छे से पढ़ लिखकर अपने मां-बाप का नाम रोशन करें और जीवन में कामयाब हो.