नई दिल्ली: हर साल 22 अप्रैल का दिन 'वर्ल्ड अर्थ डे' के रूप में मनाया जाता है. धरती को हमारी मां कहा जाता है. आज के समय धरती कई तरह के चैलेंज का सामना कर रही है. हम हर दिन ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण आदि परेशानियों का सामना कर रहे हैं. डेवलपमेंट के लिए इंसानों ने पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में पर्यावरण एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर जल्द ही धरती को संरक्षित करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो खामियाजा इंसान को ही भुगतना होगा.
SDMC वेस्ट जोन के डिप्टी कमिश्नर अवनीश कुमार ने बताया कि आज विश्व पृथ्वी दिवस है. निगम की तरफ से पहले भी स्वच्छता और सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर कार्यक्रम चलाए जाते रहे हैं, लेकिन आज विश्व पृथ्वी दिवस है कैसे हमें अपनी पृथ्वी को बचाना है? निगम की तरफ से विकल्प के तौर पर SDMC वेस्ट जोन की 5 मार्केट, जिनमें सुभाष नगर, राजौरी गार्डन, जनकपुरी, पंजाबी बाग, टैगोर गार्डन में विकल्प के तौर पर इस मुहिम की शुरुआत की गई है, जिसमें कोई व्यक्ति मार्केट में सब्जी या सामान खरीदने जाता है तो उसके पास बैग नहीं होता तो वह विकल्प के तौर पर कपड़े से बना हुआ थैला खरीद सकता है.
इस बैग की खास बात यह है कि इसपर SDMC का लोगो लगा हुआ है, जिसकी कीमत 25 रुपये है. ग्राहक दूसरे दिन भी उस थैला को उस दुकानदार को वापस कर सकता है और अपने 25 रुपये जमा राशि वापस ले सकता है. इसके लिए लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है. जब तक समाज का हर वर्ग जागरूक नहीं होगा, तब तक हम अपने आसपास की एरिया और पृथ्वी को साफ-सुथरा नहीं बना पाएंगे. वहीं एसडीएमसी के साथ इस आभियान में वेस्ट डिस्ट्रिक्ट डीएम, एसडीएम कार्यालय से डीसीडी कर्मचारी भी शामिल हुए. "why way Wednesday foundation" adopt विकल्प, NULM नेशनल अर्बन लाइवलीहुड्स मिशन और आरडब्ल्यूए और मार्केट के लोग भी इस अभियान से जुड़े और प्लास्टिक को छोड़ने की सपथ भी ली गई.
वर्ल्ड अर्थ डे' यानी विश्व पृथ्वी दिवस को मनाने के पीछे यह कारण है कि लोग पर्यावरण के महत्व को समझें और धरती को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाए. इस दिन को इंटरनेशनल मदर अर्थ डे के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन लोग धरती को बचाने के लिए संकल्प लेते हैं. स्कूलों में अलग-अलग तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. साथ ही बच्चों और लोगों के बीच पेड़ लगाने के महत्व, पर्यावरण को स्वच्छ और साफ रखने के लिए जागरूकता फैलाई जाती है. कई सामाजिक कार्यकर्ता पृथ्वी को बचाने के लिए जुलूस और नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन करते हैं.