नई दिल्ली: मोर पक्षी का शिकार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, जिससे उनकी संख्या कम होती जा रही है. ऐसा ही एक मामला बाहरी दिल्ली के ताजपुर गांव से सामने आया है जहां कुत्ते एक घायल मोर को अपना शिकार बना रहे थे. समय रहते गांव में ही रहने वाले एक व्यक्ति ने इस मोर को बचा लिया और पुलिस की मदद से नरेला क्षेत्र के श्री राम गौशाला में इलाज के लिए ले गया, जहां मोर का इलाज चल रहा है.
घायल मोर को बचाने वाले शख्स विनय ने बताया कि वह ताजपुर गांव में रहता है, उसे जानकारी मिली कि कुछ कुत्ते एक मोर को नोचकर अपना शिकार बना रहे हैं तो उसने घायल मोर को कुत्तों के चंगुल से बचाया और पुलिस की मदद से नरेला स्थित गौशाला में इलाज के लिए ले आया. यहां मोर की डिटेल्स रजिस्टर में एंट्री की गई और उसे भर्ती किया गया. गौशाला में और कुत्ते, बकरी, बंदर, कबूतर, उल्लू, खरगोश, लंगूर आदि कई तरह के जानवर और पक्षी हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. सड़क किनारे घायल अवस्था में पाये जाने वाले किसी भी जानवर और पक्षी को इलाज के लिए इस गौशाले में लाया जाता है.
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गौशाला में मोर का इलाज करने वाले रोहित ने बताया कि यहां आए दिन घायल पक्षी आते हैं, जो बिजली के तारों में फंसकर करंट से घायल हो जाते हैं या पेड़ों में उलझी पतंग के जाल में फंसकर घायल हो जाते हैं. ऐसे घायल पक्षियों को गौशाला में इलाज के लिए लाया जाता है. यहां उनका उचित इलाज किया जाता है और ठीक होने के बाद उन्हें खुले आकाश में आजाद कर दिया जाता है. कल भी एक कबूतर, उल्लू, मोर सहित कई पक्षियों को आजाद किया गया.