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ऑनलाइन क्लास से हो रही स्वास्थ्य दिक्कतें तो अपनाएं डॉक्टर की ये बातें

ऑनलाइन क्लास से इन दिनों हर घर में माता-पिता और बच्चे एक नया अनुभव महसूस कर रहे हैं. लगातार ऑनलाइन क्लास के चलते बच्चों को आंखों, पोस्चर यानी मुद्रा, कमर, गर्दन, रीड़ की हड्डी, जोड़ों और मोटापे जैसी समस्याएं आ रही हैं.

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ऑनलाइन पढ़ाई
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Published : Jul 17, 2020, 5:07 PM IST

नई दिल्ली: महामारी के कारण मौजूदा समय में शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव आया है. स्कूल, कॉलेज बंद होने के कारण छात्रों की पढ़ाई डिजिटल माध्यम से हो रही है. पिछले 3 महीने से छात्र घर पर हैं और ऑनलाइन क्लास लेकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. इसके कारण बच्चों में स्वास्थ्य से जुड़ी भी कई समस्याएं आ रही हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ डॉक्टर मोहसिन वली से बात की.

वरिष्ठ डॉक्टर मोहसिन वली से खास बातचीत

शारीरिक और मानसिक समस्याओं से निपटें

डॉक्टर वली ने बताया कि जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है उसके बाद से ही बच्चे अपने घरों में बंद हैं. स्कूल जाने की बजाय बच्चे घर पर रहकर ही अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में उनकी दिनचर्या में तो बदलाव आया ही है. इसके साथ ही डिजिटल क्लास जो हमारे देश में नया अनुभव है, उसे इन दिनों हर घर में माता-पिता और बच्चे महसूस कर रहे हैं. लगातार ऑनलाइन क्लास के चलते बच्चों को आंखों, पोस्चर यानी मुद्रा, कमर, गर्दन, रीड़ की हड्डी, जोड़ों और मोटापे जैसी समस्याएं आ रही हैं. इसके अलावा लगातार माउस और की-बोर्ड का इस्तेमाल करने से भी अंगुलियों से जुड़ी भी समस्याएं बच्चे बता रहे हैं.

क्लास के दौरान बैठने की मुद्रा सही हो

डॉक्टर मोहसिन वली ने बताया कि यह समस्या इसलिए आ रही है, क्योंकि बच्चे इस तरीके से पढ़ाई के आदि नहीं है. घर पर ऑनलाइन क्लास के चलते कई बार बच्चे बेड पर या लेट कर ही क्लास लेते हैं. माता-पिता या क्लास ले रही टीचर को यह नहीं पता होता कि कितनी हाइट की कुर्सी और बेंच पर छात्र बैठकर क्लास ले रहा है. किस मुद्रा में छात्र बैठा है और क्लास के दौरान कितना गैप दिया जा रहा है. इसके अलावा एक साथ कई बच्चों की ऑनलाइन क्लास के चलते बच्चे ध्यान नहीं दे पाते. बच्चे फोन और लैपटॉप की छोटी स्क्रीन को लगातार देखने से आंखों में दर्द महसूस करते हैं.

बच्चों से करवाएं एक्सरसाइज

डॉक्टर ने बताया कि इन सब समस्याओं से निपटने के लिए जरूरी है कि बच्चों की घर में डिजिटल क्लास के साथ अन्य एक्टिविटीज भी होती रहे. कई ऐसे इनडोर गेम और एक्सरसाइज हैं जो बच्चे घर पर कर सकते हैं. माता-पिता और शिक्षक दोनों इसमें बच्चे का साथ दे सकते हैं. इसके अलावा बच्चों के खान-पान का सही ध्यान रखने की बहुत आवश्यकता है. इसके लिए मौजूदा हालात में बच्चों का सिलेबस और क्लास का समय भी कम किया गया है. यह एक सही कदम है. ऐसे में मां-बाप की भूमिका बच्चों के लिए टीचर के ही समान है, क्योंकि बच्चे इस वक्त अपने माता-पिता के साथ ही घर पर हैं, इसीलिए वो पढ़ाई और खेलकूद में अपने बच्चे का साथ दें.

नई दिल्ली: महामारी के कारण मौजूदा समय में शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव आया है. स्कूल, कॉलेज बंद होने के कारण छात्रों की पढ़ाई डिजिटल माध्यम से हो रही है. पिछले 3 महीने से छात्र घर पर हैं और ऑनलाइन क्लास लेकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. इसके कारण बच्चों में स्वास्थ्य से जुड़ी भी कई समस्याएं आ रही हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ डॉक्टर मोहसिन वली से बात की.

वरिष्ठ डॉक्टर मोहसिन वली से खास बातचीत

शारीरिक और मानसिक समस्याओं से निपटें

डॉक्टर वली ने बताया कि जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है उसके बाद से ही बच्चे अपने घरों में बंद हैं. स्कूल जाने की बजाय बच्चे घर पर रहकर ही अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में उनकी दिनचर्या में तो बदलाव आया ही है. इसके साथ ही डिजिटल क्लास जो हमारे देश में नया अनुभव है, उसे इन दिनों हर घर में माता-पिता और बच्चे महसूस कर रहे हैं. लगातार ऑनलाइन क्लास के चलते बच्चों को आंखों, पोस्चर यानी मुद्रा, कमर, गर्दन, रीड़ की हड्डी, जोड़ों और मोटापे जैसी समस्याएं आ रही हैं. इसके अलावा लगातार माउस और की-बोर्ड का इस्तेमाल करने से भी अंगुलियों से जुड़ी भी समस्याएं बच्चे बता रहे हैं.

क्लास के दौरान बैठने की मुद्रा सही हो

डॉक्टर मोहसिन वली ने बताया कि यह समस्या इसलिए आ रही है, क्योंकि बच्चे इस तरीके से पढ़ाई के आदि नहीं है. घर पर ऑनलाइन क्लास के चलते कई बार बच्चे बेड पर या लेट कर ही क्लास लेते हैं. माता-पिता या क्लास ले रही टीचर को यह नहीं पता होता कि कितनी हाइट की कुर्सी और बेंच पर छात्र बैठकर क्लास ले रहा है. किस मुद्रा में छात्र बैठा है और क्लास के दौरान कितना गैप दिया जा रहा है. इसके अलावा एक साथ कई बच्चों की ऑनलाइन क्लास के चलते बच्चे ध्यान नहीं दे पाते. बच्चे फोन और लैपटॉप की छोटी स्क्रीन को लगातार देखने से आंखों में दर्द महसूस करते हैं.

बच्चों से करवाएं एक्सरसाइज

डॉक्टर ने बताया कि इन सब समस्याओं से निपटने के लिए जरूरी है कि बच्चों की घर में डिजिटल क्लास के साथ अन्य एक्टिविटीज भी होती रहे. कई ऐसे इनडोर गेम और एक्सरसाइज हैं जो बच्चे घर पर कर सकते हैं. माता-पिता और शिक्षक दोनों इसमें बच्चे का साथ दे सकते हैं. इसके अलावा बच्चों के खान-पान का सही ध्यान रखने की बहुत आवश्यकता है. इसके लिए मौजूदा हालात में बच्चों का सिलेबस और क्लास का समय भी कम किया गया है. यह एक सही कदम है. ऐसे में मां-बाप की भूमिका बच्चों के लिए टीचर के ही समान है, क्योंकि बच्चे इस वक्त अपने माता-पिता के साथ ही घर पर हैं, इसीलिए वो पढ़ाई और खेलकूद में अपने बच्चे का साथ दें.

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