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भारतीय रेलवे से ज्यादा नौकरियां पैदा करेगा इंस्टेंट कॉमर्स, बताया प्लान

जेप्टो के संस्थापक ने कहा कि इंस्टेंट कॉमर्स किराना दुकानों को खत्म नहीं कर रही है. बल्कि भारतीय रेलवे से ज्यादा नौकरियां पैदा करेगा.

Quick commerce
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 6 hours ago

नई दिल्ली: जेप्टो के सह-संस्थापक आदित पालीचा ने कहा कि इंस्टेंट कॉमर्स से पारंपरिक किराना दुकानों को कोई नुकसान नहीं होता है. यह रोजगार पैदा भी करता है. मनीकंट्रोल के साथ एक इंटरव्यू में पलिचा ने जेप्टो, ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट और बिगबास्केट जैसी इंस्टेंट बिजनेस फर्मों के बढ़ोतरी से किराना स्टोरों के प्रभावित होने के पूरे विचार को खारिज कर दिया है. इसे किस्सा और डेटा-मुक्त कथा कहा है.

आदित पालीचा ने कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के आंकड़ों का हवाला दिया, जिसमें दिखाया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के बीच किराना और घरेलू आवश्यक वस्तुओं की खपत में 46 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ, जिसमें शॉर्ट टर्म वाणिज्य की हिस्सेदारी 5 बिलियन डॉलर से भी कम थी.

पलिचा ने कहा कि इंक्रीमेंटल ग्रोथ का शेष 41 बिलियन डॉलर किराना स्टोर्स को गया. उनके अपने डेटा से पता चलता है कि इंस्टेंट कॉमर्स के कारण किराना स्टोर्स का सिकुड़ना असंभव है. उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि यदि अगले पांच वर्षों में इंस्टेंट कॉमर्स में 1,500 फीसदी की विशाल दर से वृद्धि होती है, तो भी यह केवल 75 बिलियन डॉलर तक ही पहुंचेगा, जबकि गोल्डमैन सैक्स, सीएलएसए और इन्वेस्ट इंडिया की रिपोर्टों में इसी अवधि में 200-250 बिलियन डॉलर की खपत वृद्धि का अनुमान लगाया गया है.

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आदित पालीचा ने कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के आंकड़ों का हवाला दिया, जिसमें दिखाया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के बीच किराना और घरेलू आवश्यक वस्तुओं की खपत में 46 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ, जिसमें शॉर्ट टर्म वाणिज्य की हिस्सेदारी 5 बिलियन डॉलर से भी कम थी.

पलिचा ने कहा कि इंक्रीमेंटल ग्रोथ का शेष 41 बिलियन डॉलर किराना स्टोर्स को गया. उनके अपने डेटा से पता चलता है कि इंस्टेंट कॉमर्स के कारण किराना स्टोर्स का सिकुड़ना असंभव है. उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि यदि अगले पांच वर्षों में इंस्टेंट कॉमर्स में 1,500 फीसदी की विशाल दर से वृद्धि होती है, तो भी यह केवल 75 बिलियन डॉलर तक ही पहुंचेगा, जबकि गोल्डमैन सैक्स, सीएलएसए और इन्वेस्ट इंडिया की रिपोर्टों में इसी अवधि में 200-250 बिलियन डॉलर की खपत वृद्धि का अनुमान लगाया गया है.

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