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कोरोना वायरस टेस्ट कराने के बाद अस्पताल वाले कर रहे मरीजों का इलाज

कोरोना वायरस के चलते प्राइवेट हॉस्पिटल मरीज लेने से बच रहे हैं. हॉस्पिटल वालों का कहना है कि पहले कोरोना वायरस का टेस्ट कराइए उसके बाद ही एडमिट किया जाएगा.

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Published : May 6, 2020, 8:29 PM IST

Updated : May 6, 2020, 8:56 PM IST

Hospital patients treated after corona virus test
Hospital patients treated after corona virus test

नई दिल्ली: देश में कोरोना के चलते लॉकडाउन है जिस वजह से प्राइवेट हॉस्पिटल कोई भी मरीज को लेने से बच रहे हैं. चाहे वह किडनी का हो या डिलीवरी का हो या डायबिटीज का हो. कोई भी ऐसे मरीज को अगर हॉस्पिटल में ले जाते हैं तो डॉक्टर हॉस्पिटल वाले साफ मना करते हैं. हॉस्पिटल वालों का कहना है कि पहले कोरोना वायरस का टेस्ट कराइए उसके बाद ही एडमिट किया जाएगा.

कोरोना टेस्ट के बाद हो रहा इलाज

इसी बीच साउथ दिल्ली के महारानी बाग जीवन हॉस्पिटल में ऐसे मरीज आए जिनको ब्लीडिंग हो रही थी. कई हॉस्पिटल के चक्कर काटकर जीवन हॉस्पिटल गेट नंबर 2 पर आए मरीजों को डॉ शीतल सब्बरवाल ने लाइन में लगा कर टेस्ट करवाया फिर उसके बाद एडमिट किया.

वहीं डॉ शीतल ने तीन सर्जरी और दो नॉर्मल डिलीवरी की. मगर खास बात रही कि सभी लोगों का कोविड19 टेस्ट 3 दिन के बाद कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट आई. मगर डॉ शीतल ने बहुत ही सोच विचार से उन्होंने सर्जरी और बच्चे की मां दोनों को ठीक किया.

ईटीवी भारत ने मरीज से बात की तो उनका कहना था कि मैं कई हॉस्पिटल में चक्कर लगाकर मैडम के पैर पर गिर गया. मगर मैडम ने बहुत ही रिस्क लेकर सर्जरी की. हम लोग धन्यवाद करते हैं ऐसे डॉक्टर का जो बहादुरी का काम करके. उन्होंने किसी भी मरीज को वापस जाने नहीं दिया.

नई दिल्ली: देश में कोरोना के चलते लॉकडाउन है जिस वजह से प्राइवेट हॉस्पिटल कोई भी मरीज को लेने से बच रहे हैं. चाहे वह किडनी का हो या डिलीवरी का हो या डायबिटीज का हो. कोई भी ऐसे मरीज को अगर हॉस्पिटल में ले जाते हैं तो डॉक्टर हॉस्पिटल वाले साफ मना करते हैं. हॉस्पिटल वालों का कहना है कि पहले कोरोना वायरस का टेस्ट कराइए उसके बाद ही एडमिट किया जाएगा.

कोरोना टेस्ट के बाद हो रहा इलाज

इसी बीच साउथ दिल्ली के महारानी बाग जीवन हॉस्पिटल में ऐसे मरीज आए जिनको ब्लीडिंग हो रही थी. कई हॉस्पिटल के चक्कर काटकर जीवन हॉस्पिटल गेट नंबर 2 पर आए मरीजों को डॉ शीतल सब्बरवाल ने लाइन में लगा कर टेस्ट करवाया फिर उसके बाद एडमिट किया.

वहीं डॉ शीतल ने तीन सर्जरी और दो नॉर्मल डिलीवरी की. मगर खास बात रही कि सभी लोगों का कोविड19 टेस्ट 3 दिन के बाद कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट आई. मगर डॉ शीतल ने बहुत ही सोच विचार से उन्होंने सर्जरी और बच्चे की मां दोनों को ठीक किया.

ईटीवी भारत ने मरीज से बात की तो उनका कहना था कि मैं कई हॉस्पिटल में चक्कर लगाकर मैडम के पैर पर गिर गया. मगर मैडम ने बहुत ही रिस्क लेकर सर्जरी की. हम लोग धन्यवाद करते हैं ऐसे डॉक्टर का जो बहादुरी का काम करके. उन्होंने किसी भी मरीज को वापस जाने नहीं दिया.

Last Updated : May 6, 2020, 8:56 PM IST
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