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भिन्न-भिन्न भाषायी राज्यों से आए जवानाें के बीच बोलचाल की प्रमुख भाषा है हिंदी - हिंदी को संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर 1949 को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया

सीमा सुरक्षा बल मुख्यालय, नई दिल्ली में ‘हिन्दी दिवस समारोह’ का आयोजन किया गया. समारोह में सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह व अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण, अधीनस्थ अधिकारीगण, जवान व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे.

hindi diwas
हिंदी दिवस’
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Published : Sep 14, 2021, 8:41 PM IST

नई दिल्ली : राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार और विकास को गति प्रदान करने की दिशा में सीमा सुरक्षा बल द्वारा किए गए प्रयासों के मान्यतास्वरूप, बल मुख्यालय परिसर, नई दिल्ली में ‘हिंदी दिवस‘ समारोह का आयोजन किया गया. सीमा सुरक्षा बल देश की अंर्तराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के उद्देश्य से गठित विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है, जिसमें देश के भिन्न-भिन्न भाषायी राज्यों से आए जवान एक संपर्क सूत्र में रहकर देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करते हैं. हिंदी इन सबके बीच बोलचाल का प्रमुख माध्यम है.

इस मौके पर सीमा सुरक्षा बल द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयाेजन किया गया, जिसमें ड्राफ्टिंग, निबंध लेखन, हिंदी प्रश्नोत्तरी, अनुवाद इत्यादि का आयोजन किया गया था. विजेता प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया गया.

Border Security Force
सीमा सुरक्षा बल
इस दिन वर्ष 2020-2021 के दौरान हिंदी में सर्वाधिक कार्य करने के लिये निदेशालयों में कार्मिक निदेशालय प्रथम, प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षण केन्द्र एवं विद्यालय, हजारीबाग प्रथम तथा सीमांतों में जम्मू सीमांत प्रथम, उत्तर बंगाल सीमांत द्वितीय और शिलांग सीमांत तृतीय स्थान पर रहा. इन्हें महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल द्वारा ‘राजभाषा ट्रॉफी‘ प्रदान की गई.


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विजेताओं को पुरस्कृत करने के पश्चात महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल ने अपने संबोधन में हिंदी के आधिकाधिक उपयोग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बल के सभी स्तर पर हिंदी के आधिकाधिक उपयोग की अपील की.

ये भी पढ़ें- सीएम केजरीवाल से मिले बजरंग पुनिया, मेंटर बनने पर बोले- आगे स्पोर्ट्स का कुछ होगा तो देखूंगा

हिंदी को संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर 1949 को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया. उसके बाद विद्वानजनों के प्रयासों व राष्ट्र में बढ़ते हिंदी के महत्व ने आज इसे विश्वभाषा बनने की ओर अग्रसर कर दिया है.

नई दिल्ली : राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार और विकास को गति प्रदान करने की दिशा में सीमा सुरक्षा बल द्वारा किए गए प्रयासों के मान्यतास्वरूप, बल मुख्यालय परिसर, नई दिल्ली में ‘हिंदी दिवस‘ समारोह का आयोजन किया गया. सीमा सुरक्षा बल देश की अंर्तराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के उद्देश्य से गठित विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है, जिसमें देश के भिन्न-भिन्न भाषायी राज्यों से आए जवान एक संपर्क सूत्र में रहकर देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करते हैं. हिंदी इन सबके बीच बोलचाल का प्रमुख माध्यम है.

इस मौके पर सीमा सुरक्षा बल द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयाेजन किया गया, जिसमें ड्राफ्टिंग, निबंध लेखन, हिंदी प्रश्नोत्तरी, अनुवाद इत्यादि का आयोजन किया गया था. विजेता प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया गया.

Border Security Force
सीमा सुरक्षा बल
इस दिन वर्ष 2020-2021 के दौरान हिंदी में सर्वाधिक कार्य करने के लिये निदेशालयों में कार्मिक निदेशालय प्रथम, प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षण केन्द्र एवं विद्यालय, हजारीबाग प्रथम तथा सीमांतों में जम्मू सीमांत प्रथम, उत्तर बंगाल सीमांत द्वितीय और शिलांग सीमांत तृतीय स्थान पर रहा. इन्हें महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल द्वारा ‘राजभाषा ट्रॉफी‘ प्रदान की गई.


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विजेताओं को पुरस्कृत करने के पश्चात महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल ने अपने संबोधन में हिंदी के आधिकाधिक उपयोग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बल के सभी स्तर पर हिंदी के आधिकाधिक उपयोग की अपील की.

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हिंदी को संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर 1949 को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया. उसके बाद विद्वानजनों के प्रयासों व राष्ट्र में बढ़ते हिंदी के महत्व ने आज इसे विश्वभाषा बनने की ओर अग्रसर कर दिया है.

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