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पीएम मोदी की तुलना बिच्छू से करने के मामले में शशि थरूर को राहत, सुनवाई टली

सांसद शशि थरूर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से करने के बयान के मामले पर सुनवाई को टाल दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी.

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Published : Dec 12, 2019, 4:50 PM IST

Hearing postponed to compare Modi with scorpion
मोदी की तुलना बिच्छू से, शशि थरूर को राहत

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से करने के बयान के मामले पर सुनवाई को टाल दिया है.
अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी. बता दें कि इस मामले में कोर्ट ने 7 अगस्त को शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया था.

यह है मामला
बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने याचिका दायर की थी कि राजीव बब्बर कि शशि थरूर ने बैंगलोर में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शिवलिंग का बिच्छू कहा था. जिसे न हाथ से हटाया जा सकता है और न ही चप्पल से. याचिका में कहा गया कि शशि थरूर के इस बयान से करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं.
राजीव बब्बर ने कहा है कि मैं शिव का भक्त हूं और शशि थरूर के बयान ने असंख्य शिवभक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. याचिका में शशि थरूर के बयान को असहनीय बताया गया है.


समन को बताया था गलत
कोर्ट ने 16 नवंबर 2018 को कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. 27 अप्रैल को कोर्ट ने शशि थरुर को बतौर आरोपी समन जारी किया था. 7 जून को कोर्ट ने शशि थरुर को 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी. 25 जुलाई को शशि थरूर कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कोर्ट में कहा था कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. साथ ही उन्हें जो समन भेजा गया है वो गलत है.

धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई की मांग
याचिका में शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है. आपको बता दें कि शशि थरूर ने हाल ही में बैंगलोर में लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था कि आरएसएस के एक व्यक्ति ने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिवलिंग पर चढ़े बिच्छू की तरह हैं जिन्हें न हाथ लगाया जा सकता है और न चप्पल.

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से करने के बयान के मामले पर सुनवाई को टाल दिया है.
अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी. बता दें कि इस मामले में कोर्ट ने 7 अगस्त को शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया था.

यह है मामला
बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने याचिका दायर की थी कि राजीव बब्बर कि शशि थरूर ने बैंगलोर में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शिवलिंग का बिच्छू कहा था. जिसे न हाथ से हटाया जा सकता है और न ही चप्पल से. याचिका में कहा गया कि शशि थरूर के इस बयान से करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं.
राजीव बब्बर ने कहा है कि मैं शिव का भक्त हूं और शशि थरूर के बयान ने असंख्य शिवभक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. याचिका में शशि थरूर के बयान को असहनीय बताया गया है.


समन को बताया था गलत
कोर्ट ने 16 नवंबर 2018 को कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. 27 अप्रैल को कोर्ट ने शशि थरुर को बतौर आरोपी समन जारी किया था. 7 जून को कोर्ट ने शशि थरुर को 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी. 25 जुलाई को शशि थरूर कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कोर्ट में कहा था कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. साथ ही उन्हें जो समन भेजा गया है वो गलत है.

धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई की मांग
याचिका में शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है. आपको बता दें कि शशि थरूर ने हाल ही में बैंगलोर में लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था कि आरएसएस के एक व्यक्ति ने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिवलिंग पर चढ़े बिच्छू की तरह हैं जिन्हें न हाथ लगाया जा सकता है और न चप्पल.

Intro:
नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से करने के बयान के मामले में सुनवाई टाल दिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी। इस मामले में कोर्ट ने पिछले 7 अगस्त को शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया था।




Body:पिछले 25 जुलाई को शशि थरूर कोर्ट में पेश हुए थे और कोर्ट से कहा था कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। शशि थरूर ने कोर्ट से कहा था कि उन्हें जो समन भेजा गया है वो गलत है ।  पिछले 7 जून को कोर्ट ने शशि थरुर को जमानत दी थी। कोर्ट ने 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी। पिछले 27 अप्रैल को कोर्ट ने शशि थरुर को बतौर आरोपी समन जारी किया था।कोर्ट ने 16 नवंबर 2018 को कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था। बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने याचिका दायर किया है। राजीव बब्बर ने अपनी याचिका में कहा है कि शशि थरूर ने बैंगलोर में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शिवलिंग का बिच्छू कहा था जिसे न हाथ से हटाया जा सकता है और न ही चप्पल से। याचिका में कहा गया है कि शशि थरूर के इस बयान से करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। 

राजीव बब्बर ने कहा है कि मैं शिव का भक्त हूं और शशि थरूर के बयान ने असंख्य शिवभक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। याचिका में शशि थरूर के बयान को असहनीय बताया गया है।



Conclusion:याचिका में शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है। आपको बता दें कि शशि थरूर ने हाल ही में बैंगलोर में लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था कि आर एस एस के एक व्यक्ति ने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिवलिंग पर चढ़े बिच्छू की तरह हैं जिन्हें न हाथ लगाया जा सकता है और न चप्पल।
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