नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने हरियाणा के क्रिकेटर मृगांक सिंह के खिलाफ क्रिकेटर ऋषभ पंत की ओर से दायर एक करोड़ 63 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले की सुनवाई टाल दी है. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अभितेष कुमार ने इस माले पर एक अगस्त को सुनवाई करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मृगांक सिंह को अपने बचाव में साक्ष्यों को पेश करने का निर्देश दिया. ऋषभ पंत की शिकायत के मुताबिक, मृणांक सिंह ने उसे अच्छी कीमत पर महंगी घड़ियां दिलाने की पेशकश की थी. इसके अलावा मृणांक ने पंत से गहने समेत महंगी वस्तुएं भी ली थीं जिसे उसने नहीं लौटाया. मृगांक सिंह फिलहाल एक दूसरे मामले में मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद है. साकेत कोर्ट ने आर्थर रोड जेल के अधीक्षक को निर्देश दिया था कि वो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मृगांक सिंह को 19 जुलाई को पेश करें.
ऋषभ पंत की शिकायत के मुताबिक, मृणांक सिंह ने पंत को बताया कि उसने लग्जरी घड़ियां, बैग,आभूषण खरीदने और बेचने का व्यवसाय शुरू किया है. उसने पंत से झूठे वादे किए कि वह उनके लिए बहुत सस्ते दामों पर लग्जरी घड़ियां और अन्य सामान खरीद सकता है. इसके बाद ऋषभ पंत ने मृणांक सिंह को एक बड़ी राशि ट्रांसफर कर दिया.
इसके अलावा उन्होंने कुछ कीमती सामान भी मृणांक को दिए, ताकि वह उन सामानों को फिर से बेचकर पंत को भारी मुनाफा दे सके. बाद में पैसे के लेनदेन को लेकर जब विवाद आगे बढ़ा, तो ऋषभ पंत ने मृगांक सिंह को लीगल नोटिस भेजा. तब दोनों के बीच एक करोड़ 63 लाख रुपये लौटाने को लेक समझौता हुआ जिसके आधार पर मृगांक सिंह ने ऋषभ पंत को चेक जारी किया. जब ऋषभ पंत ने इस चेक को बैंक में लगाया तो वो चेक बाउंस हो गया. इसके बाद ऋषभ ने साकेत कोर्ट में चेक बाउंस का केस दर्ज कराया है.
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