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दिव्यांगता पेंशन के लिए कर्मचारी मांग रहा था रिश्वत, जवाब तलब

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Published : Feb 24, 2022, 9:07 PM IST

भाटी ने कहा कि अमित गोयल 50 फीसदी दिव्यांग हैं और उन्होंने आठ मई 2018 को दिल्ली सरकार की दिव्यांगता पेंशन योजना के तहत पेंशन के लिए आवेदन दाखिल किया था.

Employee was asking for bribe for disability pension
Employee was asking for bribe for disability pension

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिव्यांग से दिव्यांगता पेंशन के लिए एक कर्मचारी से रिश्वत मांगने के आरोपों पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग को नोटिस जारी किया है. जस्टिस वी कामेश्वर राव की बेंच ने चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.


सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता अमित गोयल के वकील आरपीएस भाटी से समाज कल्याण विभाग के उस कर्मचारी का नाम पूछा, जिसने दिव्यांगता पेंशन के लिए रिश्वत की मांग की थी. तब भाटी ने कहा कि वे नाम देने को तैयार हैं. तब कोर्ट ने इस बाबत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. भाटी ने कहा कि अमित गोयल 50 फीसदी दिव्यांग हैं और उन्होंने आठ मई 2018 को दिल्ली सरकार की दिव्यांगता पेंशन योजना के तहत पेंशन के लिए आवेदन दाखिल किया था.


याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने दिव्यांगता पेंशन के लिए आवेदन करने के बाद दिलशाद गार्डेन के संस्कार आश्रम स्थित समाज कल्याण विभाग के एक कर्मचारी को अपने सभी दस्तावेज सौंप दिये. दस्तावेज सौंपने के बाद जब याचिकाकर्ता फिर समाज कल्याण विभाग पहुंचा तो संबंधित कर्मचारी ने उससे साढ़े सात हजार रुपये की मांग की. जब याचिकाकर्ता ने नवंबर 2021 में इस बाबत दिल्ली सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर बात की तो पता चला कि उसका आवेदन अस्वीकार कर दिया गया है. उससे कहा गया कि उसके दस्तावेजों का वेरिफिकेशन नहीं हो सका, जिसकी वजह से आवेदन अस्वीकार कर दिया गया. आवेदन अस्वीकार करने के बाद याचिकाकर्ता ने दिव्यांगता पेंशन के लिए 20 नवंबर 2021 को दोबारा आवेदन किया. उसके बाद फिर से संबंधित कर्मचारी ने उससे रिश्वत की मांग की.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिव्यांग से दिव्यांगता पेंशन के लिए एक कर्मचारी से रिश्वत मांगने के आरोपों पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग को नोटिस जारी किया है. जस्टिस वी कामेश्वर राव की बेंच ने चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.


सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता अमित गोयल के वकील आरपीएस भाटी से समाज कल्याण विभाग के उस कर्मचारी का नाम पूछा, जिसने दिव्यांगता पेंशन के लिए रिश्वत की मांग की थी. तब भाटी ने कहा कि वे नाम देने को तैयार हैं. तब कोर्ट ने इस बाबत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. भाटी ने कहा कि अमित गोयल 50 फीसदी दिव्यांग हैं और उन्होंने आठ मई 2018 को दिल्ली सरकार की दिव्यांगता पेंशन योजना के तहत पेंशन के लिए आवेदन दाखिल किया था.


याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने दिव्यांगता पेंशन के लिए आवेदन करने के बाद दिलशाद गार्डेन के संस्कार आश्रम स्थित समाज कल्याण विभाग के एक कर्मचारी को अपने सभी दस्तावेज सौंप दिये. दस्तावेज सौंपने के बाद जब याचिकाकर्ता फिर समाज कल्याण विभाग पहुंचा तो संबंधित कर्मचारी ने उससे साढ़े सात हजार रुपये की मांग की. जब याचिकाकर्ता ने नवंबर 2021 में इस बाबत दिल्ली सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर बात की तो पता चला कि उसका आवेदन अस्वीकार कर दिया गया है. उससे कहा गया कि उसके दस्तावेजों का वेरिफिकेशन नहीं हो सका, जिसकी वजह से आवेदन अस्वीकार कर दिया गया. आवेदन अस्वीकार करने के बाद याचिकाकर्ता ने दिव्यांगता पेंशन के लिए 20 नवंबर 2021 को दोबारा आवेदन किया. उसके बाद फिर से संबंधित कर्मचारी ने उससे रिश्वत की मांग की.

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